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अडानी एयरपोर्ट का ठेका लेंगे, लेकिन GST क्यों नहीं देना पड़ेगा?

लोगों ने उठाए सवाल- "दूध, दही पर जीएसटी लेकिन अडानी से नहीं"

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अडानी ग्रुप ने अक्टूबर 2021 में जयपुर एयरपोर्ट के संचालन का काम अपने हाथ में लिया था (फोटो- रॉयटर्स/PTI)

अडानी ग्रुप को कुछ साल पहले देश के 6 एयरपोर्ट विकसित करने और चलाने के लिए मिले थे. नीलामी के जरिये अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट्स के ये ठेके मिले. इनमें जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी शामिल था. अब पता चला है कि अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट संचालन सौंपे जाने पर जीएसटी नहीं देना होगा. भारत सरकार ने अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट को 50 साल की लीज पर दिया है. मतलब 50 सालों तक अडानी ग्रुप इस एयरपोर्ट का रखरखाव और संचालन करेगा.

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अडानी ग्रुप ने अक्टूबर 2021 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) से जयपुर एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया था. इसी पर AAI ने अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने (AAR) से पूछा था कि इस डील पर जीएसटी लागू होगा या नहीं. अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग एक इंडिपेंडेंट बॉडी होती है जो टैक्स के मामलों में फैसला देती है. जैसे किसी विवाद के निपटारे के लिए ट्राइब्यूनल का गठन होता है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसी पर 20 मार्च 2023 को अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने फैसला दिया. AAR ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अडानी ग्रुप के बीच जो डील हुई, वो गोइंग कन्सर्न (Going concern) के तहत है. इस तरह के बिजनेस ट्रांसफर जीएसटी कानून के तहत सर्विस के तहत आते हैं लेकिन यह जीएसटी के दायरे से बाहर होते हैं.

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अब ये गोइंग कन्सर्न क्या है? 

इसे समझने के लिए हमने बात की वित्तीय मामलों के जानकार शरद कोहली से. उनके मुताबिक, गोइंग कन्सर्न का मतलब होता है किसी चलते हुए बिजनेस को पूरी तरह दूसरे व्यक्ति के हाथों सौंप देना. जैसे अगर कोई दुकान चल रही है और आपने किसी को बेच दी तो उस डील पर जीएसटी लागू नहीं होगा. वहीं अगर दुकान बंद होती और आपने सामान बेच दिया या पूरी दुकान ही बेच देते हैं तो फिर उस पर जीएसटी लागू होगा. चलते हुए बिजनेस को बेचने को सप्लाई नहीं माना जाता है. इसलिए अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट सौंपे जाने पर इस टर्म का इस्तेमाल किया गया.

इसका जिक्र जीएसटी कानून में है. इस तरह के बिजनेस ट्रांसफर "टैक्स छूट नोटिफिकेशन" की एंट्री नंबर-2 के तहत आते हैं जिस पर जीएसटी लागू नहीं है.

AAR ने अपने फैसले में कहा था कि AAI और अडानी जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच 16 जनवरी 2021 को जो डील हुई, वो ‘गोइंग कन्सर्न’ है. AAR की राजस्थान बेंच ने पुराने फैसलों का भी जिक्र किया. इसके अनुसार 2021 और 2022 में गुजरात और उत्तर प्रदेश बेंच ने फैसला सुनाया था कि AAI और स्पेशल पर्पज़ व्हिकल (SPV) के बीच बिजनेस अरेंजमेंट्स 'गोइंग कन्सर्न' के तहत आते हैं.

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लोगों ने उठाए सवाल

इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग इस डील को लेकर सवाल उठा रहे हैं. AAP के एक नेता ने ट्विटर पर लिखा, 

"नई बड़ी खबर. गरीबों के आटे पर GST, लेकिन “जयपुर एयरपोर्ट ट्रांसफर” पर कोई GST नहीं. कारण. मित्र अडानी. जाने क्या कशिश है अडानी में...??"

भारतीय राष्ट्र समिति (BSR) के एक नेता वाई सतीश रेड्डी ने ट्विटर पर लिखा, 

"आम आदमी को दूध, दही और दवाइयों पर भी जीएसटी देना होता है. लेकिन कॉरपोरेट दोस्त अडानी को हर चीज पर छूट मिल जाती है."

जयपुर एयरपोर्ट के अलावा अडानी ग्रुप को अहमदाबाद, मंगलोर, लखनऊ, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट भी संचालन के लिए दे दिये गए. अडानी समूह को ये सभी 6 एयरपोर्ट 50 साल के लिए दिए गए हैं.

वीडियो: अडानी के चाइनीज़ कनेक्शन पर हुआ खुलासा हैरान कर देगा, मॉरिस चांग का असली सच ये रहा !

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