The Lallantop

अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा के लाखों निवेशकों में खलबली, कारण जान लीजिए

कंपनी के शेयर में लगातार ऊपरी सर्किट पर लगने और बहुत उतार-चढ़ाव के कारण स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से ASM यानी एडीशनल सर्विलांस मेजर्स लागू किए गए हैं.

Advertisement
post-main-image
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर खरीदने वाले निवेशक एक नई मुसीबत में फंस गए हैं (फोटो क्रेडिट: Business Today)

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर खरीदने वाले निवेशक एक नई मुसीबत में फंस गए हैं. कंपनी के शेयर लगातार दूसरे दिन रेगुलर ट्रेडिंग से बाहर बने रहे. शुक्रवार (19 दिसंबर) तक शेयर सामान्य ट्रेड हो रहे थे. लेकिन सोमवार, 22 दिसंबर को अचानक शेयर ट्रेडिंग सीमित/सस्पेंड दिखाई देने लगी. इस वजह से निवेशक चिंता में हैं. कंपनी के शेयर में लगातार ऊपरी सर्किट पर लगने और बहुत उतार-चढ़ाव के कारण स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से ASM यानी एडीशनल सर्विलांस मेजर्स लागू किए गए हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट बताती है कि IBC यानी Insolvency and Bankruptcy Code के नियमों का पालन करने के चलते रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में ट्रेडिंग Restricted (प्रतिबंधित) है. जब किसी शेयर पर restricted trading होती है, तो उस शेयर की सामान्य खरीद-फरोख्त नहीं हो पाती. कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी होता है. इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज उस कंपनी के शेयर पर कड़ी निगरानी रखता है. सिर्फ सीमित दिन या कारोबारी सत्र में शेयर बेचने की अनुमति मिलती है.

इसे भी पढ़ें: हम-आप सोना-चांदी करते रहे, उधर कॉपर महफिल लूटने की तैयारी में है?

Advertisement

शेयर बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा मुहैया कराने वाले प्लेटफॉर्म जेरोधा ने एक्स पर एक यूजर को दिए रिप्लाई में कहा कि रिलायंस इंफ्रा IRP यानी Insolvency Resolution Process स्टेप 1 लागू है. इस वजह से कंपनी के शेयर में हफ्ते में सिर्फ एक बार ट्रेडिंग होगी. जब किसी कंपनी की वित्तीय हालत बिगड़ती है और कर्ज चुकाने में दिक्कत आती है, तब उस पर IRP लागू हो सकती है.

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मार्केट कैप (शेयर मार्केट में लिस्टेड कंपनी के शेयरों का कुल मूल्य) का करीब 23 परसेंट हिस्सा रिटेल निवेशकों के पास है. ऐसे में करीब 7 लाख निवेशकों ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में पैसा लगा रखा है. बता दें कि पिछले 6 महीने में रिलायंस इंफ्रा के शेयर करीब 60 परसेंट गिर चुके हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ समय से अनिल अंबानी ग्रुप काफी मुसीबत के दौर से गुजर रहा है. एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है. ED ने हाल ही में रिलायंस अनिल अंबानी समूह से जुड़ी 18 से ज्यादा संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. इनकी कुल कीमत 1,120 करोड़ रुपये है. ईडी का कहना है कि यह कुर्की मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है. इसके साथ अब तक की गई कुल कुर्की की राशि बढ़कर 10,117 करोड़ रुपये हो गई है.

Advertisement

वीडियो: क्या अरावली पहाड़ियां खतरे में हैं? पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के दावों में कितनी सच्चाई?

Advertisement