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'बुढ़ापे की टेंशन' दूर करेगी अटल पेंशन योजना, रजिस्ट्रेशन से लेकर पैसा मिलने तक की सारी जानकारी जानें

अटल पेंशन योजना में लोग 60 साल की उम्र तक किस्त जमा करके मंथली 1000 से 5000 रुपये तक की पेंशन का फायदा उठा सकते हैं. अप्लाई करने के लिए उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए और बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस खाता होना भी जरूरी है.

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1 अक्टूबर, 2022 को (या उसके बाद) इनकम टैक्सपेयर की कैटेगरी में आने वाला APY खाता नहीं खुलवा सकता.

नौकरीशुदा लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद का वक्त थोड़ा आसान होता है. क्यों? क्योंकि हर महीने फिक्स सैलरी आती है. और नियम से PF में पैसे कट जाते हैं. तो रिटायरमेंट तक आते-आते अच्छा खासा फंड जमा हो जाता है. कमोबेश यही हाल मझोले और बड़े बिज़नेस चलाने वालों का है. मतलब बुढ़ापा सॉर्टेड है. लेकिन दूसरी तरफ़ मजदूरी, खेती-बाड़ी, रेहड़ी पटरी वालों के लिए ऐसी कोई व्यस्था नहीं है जो रिटायरमेंट के बाद उनके काम आए. इसीलिए हर रेहड़ी-पटरी वाला, दिहाड़ी पर काम करने वाला मज़दूर कहता है, “रिटायरमेंट? ग़रीबों का कैसा रिटायरमेंट साहब!” 

हालांकि अब ऐसे लोगों के लिए सरकार चला रही है, अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana). आज इस योजना के बारे में बताएंगे.

पेंशन पाने की शर्त

पेंशन का नाम पढ़कर आप जानना चाह रहे होंगे कि कितने रुपये मिलेंगे…. बताते हैं. मगर पहले जान लेते हैं कि इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए जरूरी शर्तें क्या हैं.

पहली शर्त: उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए. मगर यहां एक छोटा सा पेच है. मान लेते हैं किसी शख्स ने 1 जनवरी, 2024 को अपना 40वां जन्मदिन मनाया. तो 1 जनवरी तक वो आराम से अप्लाई कर सकता है. लेकिन अगले ही दिन 2 जनवरी को एलिबिजल बेनेफिशियरी के दायरे से बाहर हो जाएगा. माने 39 साल 364 दिन के होने के बाद आप पॉलिसी के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं.

दूसरी शर्त: बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस खाता होना जरूरी है. अगर नहीं है तो फटाफट खुलवा लीजिए. खाता आधार कार्ड से जुड़ा हो ये भी तय कर लें.

तीसरी शर्तः ऐसा कोई भी नागरिक जो 1 अक्टूबर, 2022 को (या उसके बाद) इनकम टैक्सपेयर की कैटेगरी में आता हो, APY खाता नहीं खुलवा सकता. इस केस में तीन सिनेरियो बनते हैं.

  • सिनेरियो 1- अगर किसी ने 30 सितंबर, 2022 तक या उससे पहले खाता खुलवा लिया हो, टैक्स पेयर हो. ऐसे लोगों पर इस नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा.
  • सिनेरियो 2- अगर 1 अक्टूबर, 2022 के बाद एप्लिकेशन देते समय लाभार्थी टैक्सपेयर नहीं है. मगर बाद में टैक्सपेयर बन गया तो उस पर भी इस रूल का कोई असर नहीं पड़ेगा.
  • सिनेरियो 3- अगर किसी ने 1 अक्टूबर, 2022 या उसके बाद APY खाता खुलवाया. और बाद में पता चलता है कि वो अप्लाई करने वाली तारीख या उससे पहले इनकम टैक्स पेयर था. और उसने (गलती से या जानबूझकर) खाता खुलवा लिया था. तो उससे कोई जुर्माना तो नहीं लिया जाएगा. मगर उसका खाता बंद कर दिया जाएगा. पेंशन खाते के पैसे लौटा दिए जाएंगे.

चौथी शर्त: भारतीय नागरिक ही इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकता है. कोई NRI अगर ऊपर की इन तीन शर्तों को पूरी कर रहा है. तो उसे भी इस योजना फायदा उठाने की इजाजत है. 

स्कीम का लाभार्थी बनने के बाद कोई NRI बन जाता है तो उसके पास खाता कंटिन्यू रखने और बंद करवाने दोनों का ऑप्शन होगा. मेंटेंनेंस चार्ज वगैरह काटकर डिपॉजिट और उस पर मिले ब्याज के पैसे लौटा दिए जाएंगे. और अगर NRI नॉन इंडियन सिटिजन बन जाता है तो उसका खाता बंद कर दिया जाएगा. और पेंशन खाते में जो भी पैसे जमा हैं वो लौटा दिए जाएंगे.

atal pension scheme
स्कीम के तहत लाभार्थी को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 1,000 से लेकर 5,000 रुपये की पेंशन मिला करेगी.
कैसे काम करती है स्कीम?

स्कीम के तहत लाभार्थी को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 1,000 से लेकर 5,000 रुपये की पेंशन मिला करेगी. आप पेंशन 1000 के गुणांक में ही चुन सकते हैं. मतलब एक, दो, तीन चार और पांच हज़ार. प्रीमियम की रकम कितनी होगी, और कब कब जमा करनी होगी इसे और डिटेल में समझेंगे लेकिन पहले खाता खुलवाने की प्रक्रिया जान लेते हैं.

खाता कैसे खुलेगा?

अटल पेंशन खाता खुलवाने के लिए उस बैंक या पोस्ट ऑफिस ब्रांच में जाना होगा, जहां से APY खाता खुलवाना चाहते हैं. बेहतर होगा कि जहां पहले से आपका बैंक खाता है, वहीं APY खाता खुलवाएं. हालांकि, ये कोई जरूरी शर्त नहीं है. बस एक ही जगह दोनों खाता होने से विड्रॉल आसान हो जाता है. और अगर कोई भी बैंक खाता नहीं है तो सबसे पहले सेविंग्स अकाउंट खुलवाना होगा फिर APY खाता खुलेगा.

खाता खुलने के बाद अब फॉर्म भरने की बारी आती है. बैंक या पोस्ट ऑफिस जहां भी अटल पेंशन खाता खुलवा रहे हैं वहां ब्रांच में अंदर किसी भी स्टाफ से पूछ सकते हैं कि APY का फॉर्म कहां मिलेगा. वैसे, अगर इंटरनेट फ्रेंडली हैं तो ये फॉर्म ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म जमा करने तो ब्रांच ही जाना पड़ेगा.

फॉर्म और डिटेल्स

4 पन्नों के इस फॉर्म में नाम, पता, जन्म की तारीख, मेल आईडी, नॉमिनी की जानकारी भरनी होगी. लाभार्थी पहले से किसी सोशल सिक्योरिटी स्कीम का फायदा उठा रहा है या नहीं, इनकम टैक्स भरता है या नहीं इसकी भी डिटेल्स देनी होगी. फॉर्म के साथ साथ KYC के लिए कागज भी लगेंगे. KYC का मतलब होता है नो योर कस्टमर. बैंक या वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों का पता और नंबर अपने पास जमा रखते हैं. ताकि उनकी पहचान वेरिफाई करके ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये ग्राहक फर्जी नहीं है.

KYC के लिए आधार कार्ड और फोन नंबर मांगा जाएगा. इसलिए फॉर्म जमा करने जाते समय आधार कार्ड ले जाना ना भूलें. अगर जल्दबाजी में भूल भी गए हैं तो बाद में भी आधार कार्ड की डिटेल जमा कर सकते हैं. जैसे ही कागज पतरी वाली फॉर्मैलिटी पूरी होती है आपका नाम बेनेफिशियरी की लिस्ट में जुड़ जाएगा. सबूत के तौर पर आपको बैंक से एक पर्ची मिलेगी. जिसे एक्नॉलेजमेंट स्लिप भी कहते हैं.

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पेंशन किस्त की पेमेंट के लिए तीन अवधि दी गई है- मंथली, क्वॉर्टर्ली और हाफ ईयरली. 
पेमेंट कैसे होगा?

अटल पेंशन में केवल ऑनलाइन पेमेंट ही होता है. वो भी ऑटो डेबिट. ऑटो डेबिट का मतलब खाते से पैसे अपने आप कट जाते हैं. पेमेंट की अवधि के लिए तीन ऑप्शन दिए गए हैं. मंथली माने हर महीने, क्वॉर्टर्ली यानी हर तीन महीने पर या हाफ ईयरली यानी हर 6 महीने पर.

आप जो ऑप्शन चुनेंगे उसी हिसाब से खाते से पैसे कट जाएंगे. तारीख कौन सी होगी? जिस तारीख को पहली पेमेंट करेंगे अगले महीने, क्वाटर्ली या हाफ़ ईयरली उसी तारीख को आने वाली किस्तें ऑटो डेबिट होंगी. उदाहरण के लिए अगर 12 जून, 2024 को पहली किस्त कटी है. मंथली किस्त के केस में अगली किस्त 12 जुलाई को कटेगी. अगर क्वॉर्टली ऑप्शन चुना है तो 12 सितंबर को अगली किस्त जाएगी.

ऑटो डेबिट की अवधि बदलना चाहते हैं. तो साल में एक बार अप्रैल के महीने में इसे बदल सकते हैं. मतलब मंथली से क्वॉर्टरली करना चाहते हैं या क्वॉर्टरली से मंथली करना चाहते हैं. तो ये काम अप्रैल में होगा. ये ध्यान रखना होगा कि पैसा कटने की तारीख वाले दिन खाते में पर्याप्त पैसे हों.

स्कीम का गणित

अटल पेंशन स्कीम में मिनिमम पेंशन 1,000 रुपये है और मैक्सिमम 5,000 रुपये. तो हिसाब सिंपल है. कम पेंशन चाहिए तो कम पैसे जमा करने होंगे और ज़्यादा पेंशन चाहिए तो ज़्यादा! कम उम्र वालेज़्यादा समय तक पैसे जमा कर पाएंगे. जितना लेट जमा करना शुरू करेंगे डिपॉजिट के लिए उतना कम वक्त आपसे पास होगा. कितनी पेंशन के लिए, किस उम्र में कितने रुपये जमा करने होंगे ये कैलकुलेट करने के लिए NPS की ऑफिशियल वेबसाइट पर एक कैलकुलेटर भी उपलब्ध है, आप उसे यूज कर सकते हैं.

वैसे तो अटल स्कीम की किस्त अपनेआप आपके अकाउंट से कट जाती है. इसलिए बेसिक काम तो आप ये कर सकते हैं कि जिस तारीख को किस्त जमा होती है उस दिन आपके अकाउंट में उतने रुपये हों. अगर ऐसा नहीं हुआ तो भी कोई बड़ी दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि महीने की आखिरी तारीख तक जब भी आपके अकाउंट में पैसे होंगे, स्कीम की किस्त अपनेआप कट जाएगी.

हालांकि, अगर आख़िरी तारीख तक भी पैसा नहीं आया, तो बैंक या पोस्ट ऑफिस ऑटो डेबिट सर्विस ही डिएक्टिवेट कर देंगे. उस तारीख के बाद खाते में कितने ही पैसे क्यों ना आ जाएं अटल पेंशन के लिए पैसे नहीं जाएंगे. और आपका कॉन्ट्रिब्यूशन जमा नहीं होगा. 

इसका सलूशन क्या है? बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर ऑटो डेबिट दोबारा रेज्यूम कराना होगा. उसके बाद पहले की तरह  पैसे कटने लगेंगे. लेकिन जिस मंथ की पेमेंट मिस हुई है उसके लिए लेट फीस भी लगेगी.

लेट फीस कितनी
मंथली पेमेंट लेट फीस
100 रुपये तक के मंथली पेमेंट परहर महीने 1 रुपये 
101 से 500 रुपये के मंथली पेमेंट परहर महीने 2 रुपये
501 से 1000 रुपये के मंथली पेमेंट परहर महीने 5 रुपये
1001 रुपये से ज्यादा के पेमेंट परहर महीने 10 रुपये
पेंशन घटाना बढ़ाना हो तो?

आप बीच में जब भी चाहें तब पेंशन की किस्त घटा और बढ़ा भी सकते हैं. आपको बस, 

- NPS की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.npscra.nsdl.co.in/ पर जाना होगा. 
- वहां अटल पेंशन योजना पर क्लिक करना होगा.
-क्लिक करते ही बाईं तरफ कई ऑप्शन दिखेंगे, उनमें फॉर्म्स वाला सेक्शन सेलेक्ट करना होगा.
- उसके बाद ‘सब्सक्राइबर मेंटेनेंस’ फिर.
- सब्सक्राइबर मोडिफिकेशन फॉर्म पर क्लिक करना होगा.

इस फॉर्म के जरिए पेंशन अमाउंट के अलावा पर्सनल डिटेल, बैंक डिटेल, नॉमिनेशन डिटेल, पेंशन जमा की अवधि में कोई बदलाव, जन्म की तारीख में कोई बदलाव, पेंशन अपग्रेड, पेंशन डाउनग्रेड करा सकते हैं. ePRAN दोबारा जारी कराने के लिए भी यही फॉर्म भरना होगा.

अगर पेंशन अपग्रेड/डाउनग्रेड करा रहे हैं तो 25 रुपये अलग से देने होंगे. फॉर्म भरकर वापस शाखा में जमा करना होगा. नया पेंशन इंस्टॉलमेंट अगर ज्यादा है तो पुराने वाली किस्त से जितना भी अंतर होगा उतना एक्स्ट्रा देना होगा. अगर डाउनग्रेड कराया है तो पुरानी और नई वाली किस्त के बीच का फर्क आपको लौटा दिया जाएगा. उदाहरण से समझाते हैं.

पेंशन बढ़वाने का गणित

मान लेते हैं प्रीति ने 3,000 रुपये मंथली पेंशन पाने के लिए 25 साल की उम्र से अटल पेंशन योजना में डिपॉजिट शुरू किया. इस हिसाब से उसकी मंथली किस्त 226 रुपये जा रही है. अब माना, प्रीति 30 की हो चुकी है. और अब चाहती है कि रिटायर होने के बाद उसे हर महीने 5000 रुपये पेंशन मिले. इस हिसाब से उसकी इंस्टॉलमेंट 347 रुपये बनेगी. यानी उसे 121 रुपये एक्स्ट्रा देने होंगे, हर मंथ के हिसाब से. यानी 5x12x121 हुए 7260 रुपये. जो उसे तुरंत जमा करने होंगे. ऑल्सो, अब उसे हर महीने 347 रुपये की किस्त भरनी होगी.

पेंशन घटाने का गणित

इसी तरह मान लेते हैं प्रीति को पहले की तुलना में कम पेंशन चाहिए. तो उसकी किस्त भी कम हो जाएगी. प्रीति के ही उदाहरण फिर से ले लेते हैं. माना 25 वर्ष की उम्र में उसने 5,000 रुपये की पेंशन के लिए ऑप्ट किया था. लेकिन अब वो 3,000 रुपये पेंशन पाना चाहती है. तो, गणित के हिसाब से आपको समझ में आ गया होगा कि इस कंडीशन में प्रीति को 7,260 रुपये वापस मिलेंगे. ऑल्सो, अब उसे हर महीने 226 रुपये की किस्त भरनी होगी.

लाभार्थी की मृत्यु होने पर

अब एक सवाल ये भी है कि पॉलिसी के दौरान लाभार्थी की मृत्यु की दशा में क्या होगा? इसके दरअसल तीन सिनेरियो बनते हैं. पहला- किस्त भरते समय ही खाताधारक की मौत हो जाए. दूसरा- किस्तें पूरी भरने के बाद और पेंशन की पहली किस्त उठाने से पहले. तीसरा- पेंशन मिलनी शुरू हो गई है और पेंशन उठाते हुए मौत हो जाए. एक-एक कर तीनों केस समझते हैं.

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अगर खाताधारक की 60 साल से पहले मृत्यु हो जाती है तो उसके पेंशन फंड पर पति या पत्नी का अधिकार होगा.

पहला सिनेरियो-  मान लीजिए किस्त जमा करते हुए ही खाताधारक की मौत हो जाए. यानी 60 साल से पहले ही. ऐसी स्थिति में मृतक के पति या पत्नी का उस पेंशन फंड पर अधिकार होगा. और वो प्री मैच्योर एग्जिट लेकर पूरे पैसे निकाल सकता है. अगर पति या पत्नी नहीं है या उनकी पहले ही डेथ हो चुकी थी तो नॉमिनी उस पैसे के लिए क्लेम कर सकता है. पूरे पैसे निकाल लेने के अलावा मृतक के पति या पत्नी के पास पॉलिसी को कन्टिन्यू करने का भी ऑप्शन रहेगा. हालांकि नॉमिनी के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं होगा और उसे पूरे पैसे विड्रॉ ही करने पड़ेंगे.

अब अगर पति-पत्नी अकाउंट कन्टिन्यू रखने का फैसला करते हैं तो क्या उन्हें ‘अपने’ 60 वर्ष के हो जाने तक पैसे जमा करने होंगे या ‘मृतक’ की उम्र के हिसाब से? उत्तर है, पॉलिसी मृतक की उम्र के हिसाब से ही चलेगी. यानी मृतक के 60 साल पूरे करने में जितना टाइम बाकी था उस अवधि तक किस्त जमा करनी होगी. जैसे ही स्कीम का पीरियड पूरा होगा तय पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी.

प्रीति का ही उदाहरण लेकर इसे समझते हैं. मान लीजिए 2024 में 45 साल की उम्र में प्रीति की मृत्यु हो जाती है. और इस समय उसके पति की उम्र 50 वर्ष है. तो प्रीति का पति पेंशन फंड का पूरा पैसा निकाल सकता है, ब्याज सहित. या फिर बाकी बचे हुए 15 सालों के लिए बची हुई किस्तें खुद भर दे. यानी सन् 2039 तक. ना कि अपनी उम्र के हिसाब से 2034 तक. और फिर पेंशन का लाभ उठाए. स्पष्ट है कि प्रीति की मृत्यु के बाद भी पॉलिसी, प्रीति की उम्र के हिसाब से ही चल रही है और मैच्योर हो रही है, प्रीति के पति की उम्र के हिसाब से नहीं.

प्रीति का पति खाता कन्टिन्यू कराने का फैसला करता है तो अकाउंट ट्रांसफर वाला फॉर्म भरना होगा. और अकाउंट की डिटेल चेंज करानी होगी. ये फॉर्म उसे ऑनलाइन मिल जाएगा. और अगर वो खाता बंद करा रहा है तो उसके लिए अकाउंट क्लोजर फॉर्म आता है. वो भरकर देना होगा. और फॉर्म के साथ लगेगा ओरिजिनल सब्सक्राइबर (यानी हमारे उदाहरण में प्रीति) का डेथ सर्टिफिकेट.

पति या पत्नी की KYC के लिए आधार और फोन नंबर और उनका बैंक अकाउंट नंबर. ये तीन चीजें देनी होंगी. ये सारी डिटेल्स जमा करने के बाद खाता ट्रांसफर या बंद जो भी आपकी डिमांड है वो हो जाएगा. अगर खाता बंद करा रहे हैं तो अभी तक जितने भी जमा हैं वो वापस कर दिए जाएंगे. मृत्यु के अलावा अगर बेनेफिशियरी को कोई बड़ी बीमारी हो जाए. तब भी मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने की इजाजत है. उस स्थिति में विड्रॉल फॉर्म के साथ मेडिकल डॉक्यूमेंट्स भी साथ में देने होंगे.

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भले ही सब्सक्राइबर या उसके पति/पत्नी ने 90 की उम्र तक पेंशन का फायदा ले लिया हो या एक साल भी पेंशन ना ले पाया हो, दोनों ही स्थितियों में पूरा कॉरपस नॉमिनी या कानूनी वारिस को मिलेगा.

दूसरा सिनेरियो यानी किस्तें पूरी भरने के बाद और पेंशन की पहली किस्त उठाने से पहले ही खाताधारक की मृत्यु हो गई हो, और तीसरा सिनेरियो पेंशन मिलनी शुरू हो गई है और पेंशन लेते-लेते कुछ साल बाद लाभार्थी की डेथ हो जाए, इन दोनों ही स्थितियों में पति या पत्नी जो भी जीवित हो उसे पेंशन के पैसे मिलने लगेंगे. अगर, दोनों की ही मृत्यु हो जाए तो नॉमिनी को पेंशन नहीं, बल्कि पेंशन फंड में जमा पूरे पैसे लौटा दिए जाएंगे. और अगर नॉमिनी नहीं है तो कानूनी वारिस को पेंशन के फंड के पैसे दे दिए जाएंगे.

भले ही सब्सक्राइबर ने या उसके पति या पत्नी ने 90 की उम्र तक पेंशन का फायदा ले लिया हो या फिर वो पेंशन एक साल भी ना ले पाया हो, दोनों ही स्थितियों में नॉमिनी या कानूनी वारिस जो भी हो, उसे पूरा कॉरपस मिलेगा. कॉरपस वो रकम है जो 60 साल की उम्र तक लाभार्थी के अकाउंट में जमा हुई है.

60 साल पूरे होने के बाद

जब अटल पेंशन से जुड़ी तमाम चीज़ डिस्कस कर ही रहे हैं तो जाते-जाते ये भी जान लेते हैं कि मैच्योरिटी के बाद पेंशन मिलनी कैसे शुरू होगी. इसके लिए भी विड्रॉल फॉर्म भरकर देना होगा. विड्रॉल फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मिल जाएगा. मगर जमा करने बैंक ही जाना होगा. इसमें अकाउंट नंबर से लेकर पर्सनल डिटेल भरनी होगी. इसी बैंक खाते में पेंशन की रकम आएगी. 

साथ में ओरिजिनल PRAN कार्ड, एडवान्स्ड स्टैम्प लगी रसीद, कैंसिल्ड चेक और KYC डॉक्यूमेंट के नाम पर अड्रेस और आईडी प्रूफ भी देना होगा. खाता बंद करने की एप्लिकेशन मिलने के बाद बैंक सारे डॉक्यूमेंट्स की जांच करेंगे. वेरिफिकेशन प्रक्रिया होने के बाद आपका APY खाता बंद हो जाएगा. और पेंशन के लिए आपने जो रकम तय की है वो आपको मिलनी शुरू हो जाएगी.

टैक्स बेनेफिट

अटल पेंशन योजना के लाभार्थियों को जमा प्रीमियम पर टैक्स छूट भी मिलती है. इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी, 80सीसी और 80सीसीडी का फायदा उठाकर APY के प्रीमियम पर टोटल 2 लाख सालाना टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. 

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