अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कहना है कि भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गया है. इसका सबसे बड़ा कारण है, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI). इसने ना सिर्फ पेमेंट को आसान बना दिया है, बल्कि लाखों छोटे व्यापारियों को न्यूनतम लागत पर डिजिटल लेने-देने में सक्षम बनाया है. UPI के जरिए अब हर महीने 1800 करोड़ लेन-देन (ट्रांजैक्शन) होते हैं.
डिजिटल पेमेंट में भारत नंबर वन, UPI से हर महीने हो रहे 1800 करोड़ ट्रांजैक्शन
India tops global fast payments rankings: आज भारत में सभी डिजिटल पेमेंट्स में UPI का योगदान 85% है. जो करीब 49 करोड़ यूजर्स, 6.5 करोड़ व्यापारियों और 675 बैंकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है.

IMF ने हाल ही में एक नोट जारी किया. हेडिंग थी- 'ग्रोइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स: द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेब्लिटी.' इसमें भारत और दुनियाभर में डिजिटल पेमेंट्स के आंकड़े जारी किए गए. इसके मुताबिक़, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा साल 2016 में लॉन्च किए गए UPI ने देश के पेमेंट के तरीके में क्रांति ला दी है. इसके जरिए एक ही मोबाइल ऐप में कई बैंक अकाउंट्स जुड़ रहे हैं. जिससे आसानी से तुरंत लेन-देन हो रहे हैं.
प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आंकड़ों के मुताबिक, UPI में अब हर महीने 18 बिलियन (1800 करोड़) ट्रांजेक्शन होते हैं. अकेले जून 2024 में, इसने 1800 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए 24.03 लाख करोड़ रुपये का लेना-देना हुआ. ये जून 2023 के 1388 करोड़ लेनदेन से 32% ज़्यादा है.
आज भारत में सभी डिजिटल पेमेंट्स में UPI का योगदान 85% है. जो करीब 49 करोड़ यूजर्स, 6.5 करोड़ व्यापारियों और 675 बैंकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है. इस बदलाव ने भारत को नकदी और कार्ड-आधारित पेमेंट से छुटकारा दिलाया है. अब लाखों लोग और छोटे व्यापारी सुरक्षित और कम लागत वाले लेनदेन के लिए UPI पर निर्भर हैं.
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इस सिस्टम को वैश्विक मान्यता भी मिल गई है. अब ये दुनिया भर में लगभग 50% रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट्स को संचालित करती है. रिपोर्टस के मुताबिक़, UPI अब सात देशों में चालू है. इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं. फ्रांस, यूरोप का पहला देश है जहां यूपीआई के इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है.
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