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UPI से स्कैन के बाद पैसा कट गया, पर सामने वाले को नहीं मिला, अब ये पैसा तुरंत वापस आएगा!

UPI का प्रबंधन देखने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया नियम लागू किया है. UPI chargebacks या कहें “गुडफेथ नेगेटिव चार्जबैक” आपकी परेशानी काफी हद तक दूर कर देगा.

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New UPI chargeback rules effective from July 15, 2025
पैसा होगा तुरंत रिफ़ंड
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सूर्यकांत मिश्रा
18 जुलाई 2025 (Updated: 18 जुलाई 2025, 01:35 PM IST) कॉमेंट्स
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UPI ने आपका और हमारा काम बहुत आसान कर दिया है. जेब में छुट्टे पैसे रखने और मोटा सा बटुआ लेकर चलने से भी मुक्ति मिल गई है. फट से फोन निकाला और झट से क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट कर दिया. बदले में बच्चन सर से शुक्रिया भी मिल जाता है कई बार. सब ठीक आहे मगर गरारी तब फंस जाती है जब हमारा पेमेंट अटक जाता है. मतलब आपके अकाउंट से पैसा कट गया मगर दूसरे के अकाउंट में क्रेडिट नहीं हुआ. हालांकि इसके लिए रिफ़ंड की व्यवस्था है, मगर पैसा वापस आने में टेम तो लगता है.

आगे से ऐसा नहीं होगा क्योंकि UPI का प्रबंधन देखने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया NPCI ने एक नया नियम लागू किया है. UPI chargebacks या कहें “गुडफेथ नेगेटिव चार्जबैक” आपकी परेशानी काफी हद तक दूर कर देगा. बताते हैं कैसे.

Good Faith Negative Chargeback

आपके अकाउंट से पैसा कट गया और सामने वाले के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हुआ. इसके बाद आप संबंधित ऐप के कस्टमर केयर से लेकर NPCI की हेल्पलाइन से मदद मांगते हैं. मदद मिल भी जाती है मगर पैसा वापस आने में वक्त लगता है. क्योंकि पूरा प्रोसेस NPCI और बैंक के बीच होता है.

NPCI बैंक को हां बोलता है तब जाकर बैंक हरकत में आते हैं. इसी प्रोसेस को अब और आसान किया गया है, जिसके तहत बैंक खुद UPI रिफंड प्रॉसेस शुरू कर सकते हैं, बिना NPCI की मंजूरी का इंतजार किये. दरअसल पैसा रिफ़ंड करने का प्रोसेस UPI Reference Complaints System (URCS) से होकर बैंक तक पहुंचता है.

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नई व्यवस्था में बैंक, URCS की मंजूरी के बिना भी काम कर सकता है. मतलब अगर बैंक को लगता है कि ये एक असली दिक्कत है मसलन ऐप का नेटवर्क खराब था या बैंक का, तो वो खुद से ही रिफ़ंड की प्रक्रिया को स्टार्ट कर सकता है. इससे पैसा वापस आने में लगने वाला टाइम कम हो जाएगा.

NPCI ने इस अपडेट को लेकर 20 जून 2025 को घोषणा की थी. अब इसे लागू कर दिया गया है. NPCI ने इसे RGNB (Remitting bank raising good faith negative chargeback).” नाम दिया है. माने हमें आपके ऊपर मतलब यूजर पर भरोसा है कि आपने कुछ गड़बड़ नहीं की है. और हमारी गलती है हम ठीक कर देते हैं. भूल-चूक माफ. 

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