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गलत ITR भरने पर इनकम टैक्स वाले जो करेंगे, जान दिमाग हिल जाएगा!

टैक्स बेनेफिट या डिडक्शन या एक्जेम्पशन से भी हाथ धो दे सकते हैं...बचने का तरीका है?

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गलत ITR फॉर्म भरने से आयकर विभाग आप पर सख्ती बढ़ा सकता है

इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR भरने के दौरान गलतियां होना आम बात है, लेकिन कई बार ITR फॉर्म भरने में एक चूक भी टैक्सपेयर्स पर भारी पड़ सकती है. सबसे पहले तो आप आयकर विभाग की नजर में चढ़ जाएंगे. विभाग आपको नोटिस थमा सकता है या जुर्माना ठोक सकता है. आपके पास दोबारा फॉर्म भरने का विकल्प तो होगा, लेकिन उसमें आपको काफी माथापच्ची करनी पड़ेगी. लेक्स एन टैक्स ( Lex N Tax) के फाउंडर अतुल शर्मा ने हमारे सहयोगी बिजनेस टुडे को बताया कि गलत ITR फॉर्म भरने पर कई तरह की मुश्किलें हो सकती हैं. उनक कहना है कि आयकर विभाग के पास ऐसे अधूरे रिटर्न को खारिज करने का पूरा अधिकार होता है, जिनमें किसी भी तरह की खामी हो. इस तरह के मामलों में आयकर विभाग ये मानकर चलता है कि टैक्सपेयर्स ने ITR नहीं भरा है. इस तरह की गलती करने वाले करदाता जब भी दोबारा रिटर्न भरते हैं तो उन पर इनकम टैक्स विभाग और सख्ती से पेश आ सकता है. 

आयकर विभाग ऐसे मामलों में स्पष्टीकरण या कुछ प्रूफ की मांग कर सकता है. अधिकारी आपके खाते-बही की या लेनदेन की जांच पड़ताल कर सकते हैं. बड़े टैक्सपेयर्स के मामलों में विभाग ऑडिट का भी आदेश दे सकता है, पुराने टैक्स रेकॉर्ड भी खंगाले जा सकते हैं. मामला इतने पर ही खत्म नहीं होगा. आयकर कानून टैक्स अधिकारियों को गलत ITR भरने वालों पर पेनाल्टी लगाने का भी अधिकार देता है. इनकम टैक्स अधिकारी जुर्माना भी ठोक सकते हैं या फिर कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं. अलग-अलग ITR फॉर्म में अलग-अलग तरह के प्रावधान किए गए हैं. गलत फॉर्म भरने से आप कुछ टैक्स बेनेफिट या डिडक्शन या एक्जेम्पशन से भी हाथ धो दे सकते हैं.

सात तरह के ITR फॉर्म, ध्यान से चुनें 

अब लगे हाथ ये भी समझ लेते हैं कि कितने तरह के ITR फॉर्म होते हैं, ताकि भविष्य में सही रिटर्न चुनने में कोई चूक ना हो. फिलहाल टैक्स भरने के लिए कुल 7 तरह के फॉर्म मौजूद हैं. ITR-1 फॉर्म उन लोगों के लिए है, जो सैलरी, प्रॉपर्टी या अन्य जरियों से एक साल में 50 लाख रुपये तक कमाते हैं. किसी बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए 50 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले इंडिविजुअल्स, हिंदू यूनिफाइड फैमिली(HUF) या कंपनियों के लिए फॉर्म ITR-4 होता है. ITR-2 ऐसे लोग भरते हैं जो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से या सैलरी से 50 लाख रुपये से ऊपर कमाई करते हैं. ITR-3 प्रोफेशनल्स के लिए होता है. ITR-5 और ITR-6 कंपनियों के लिए होता है. ITR-7 ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां, रिसर्च एसोसिएशन, न्यूज एजेंसी या इनकम टैक्स कानून में बताई गई संस्थाओं के लिए होता है. 

इस तरह से सुधारें गलती 

असेसमेंट ईयर खत्म होने से पहले अगर खुद ही अपनी गलती पकड़ ली है तो जल्द से जल्द रिटर्न फॉर्म रिवाइज करके सही फॉर्म भर दें. अगर असेसमेंट ईयर बीत गया है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके रिटर्न को डिफेक्टिव बताते हुए नोटिस भेज सकता है. इस हालत में नोटिस मिलते ही दिए हुए समय के अंदर सही फॉर्म भर दें. अगर उतने समय में भी फॉर्म नहीं भर पाए तो कोई बात नहीं, आपके पास अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का भी ऑप्शन होगा. कुल मिलाकर इतने तामझाम झेलने से बेहतर है कि आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त अपनी आंखें खुली रखें और दिमाग सतर्क रखें और पहली बार में ही सही ITR फाइल कर दें. 

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