वित्तीय संकट से गुजर रही बायजू (Byju’s) के लिए सालों बाद राहत की खबर आई है. अमेरिका की एक अदालत (US Bankruptcy Court) ने बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन के खिलाफ दिए गए 1 अरब डॉलर (9000 करोड़ रुपये) के क्षतिपूर्ति आदेश को पलट दिया है. यह जानकारी बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने दी है.
सालों बाद बायजू के लिए अच्छी खबर, 9000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति देने पर रोक लगी
इस साल की शुरुआत में बायजू को लोन देने वाले GLAS Trust समेत कुछ दूसरे वित्तीय संस्थानों ने बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और सहयोगी अनीता किशोर पर 533 मिलियन डॉलर (4800 करोड़ रुपये) की लोन की रकम चोरी करने की साज़िश रचने का आरोप लगाते हुए मुकदमा किया था.
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पिछले महीने अमेरिकी डेलावेयर कोर्ट ने अपने आदेश में रवींद्रन को यह रकम भुगतान करने का निर्देश दिया था. अदालत का कहना था कि साल 2021 में लिए गए 1.2 अरब डॉलर (10 दिंसबर 2025 को भारतीय मुद्रा में करीब 10,787 करोड़ रुपये) के अमेरिकी लोन की करीब आधी राशि कहां गई, यह पता लगाने में बायजू रवींद्रन ने कानूनी जांच में किसी तरह का सहयोग नहीं किया. बाद में रवींद्रन ने इस आदेश को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट में अपनी ओर से दलीलें रखने के लिए अमेरिकी वकील नियुक्त करने के 30 दिन नहीं दिए गए. उन्होंने इस आदेश के खिलाफ अपील करने की बात कही थी.
एक बयान में कहा गया, "डेलावेयर कोर्ट ने 20 नवंबर 2025 के अपने फैसले में सुधार के लिए बायजू रवींद्रन की तरफ से दायर मोशन को देखते हुए 1 बिलियन डॉलर का आदेश वापस ले लिया है. कोर्ट ने माना कि क्षतिपूर्ति की गणना अभी हुई ही नहीं थी. इस वजह से जनवरी 2026 की शुरुआत से एक नई सुनवाई शुरू की जाएगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि बायजू रवींद्रन पर कोई क्षतिपूर्ति लागू होती है या नहीं."
इस साल की शुरुआत में बायजू को लोन देने वाले GLAS Trust समेत कुछ दूसरे वित्तीय संस्थानों ने बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और सहयोगी अनीता किशोर पर 533 मिलियन डॉलर (4800 करोड़ रुपये) की लोन की रकम चोरी करने की साज़िश रचने का आरोप लगाते हुए मुकदमा किया था. दिव्या गोकुलनाथ बायजू की को-फाउंडर हैं. इसके जबाव में बायजू के फाउंडर्स ने इन आरोपों को "पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद" बताया था. साथ ही कहा था कि पूरा लोन थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड में लगाया गया.
इस कंपनी ने उस साल 3 अरब डॉलर (26 हजार 975 करोड़ रुपये) खर्च कर कई कंपनियों को खरीदा था. बयान में आगे कहा गया,"जीएलए ट्रस्ट और दूसरे कर्जदाताओं ने जानकारी छिपाई या इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया. कोर्ट को सही जानकारी नहीं दी गई. आम लोगों को भी कंपनी के बारे में गलत जानकारी दी गई और इन सब वजहों से कंपनी का बिजनेस डूब गया. करीब 85,000 लोगों की नौकरियां चली गईं. 25 करोड़ छात्रों पर असर पड़ा और कंपनी को अरबों का लॉस हुआ क्योंकि कंपनी की वैल्यूएशन घट गई."
बयान में यह भी कहा गया कि बायजू रवींद्रन इसके लिए GLAS Trust और अन्य कर्जदाताओं के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं. बायजू पहले भी GLAS Trust पर 2.5 अरब डॉलर का मुकदमा करने की घोषणा कर चुकी है.
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