गोल्ड भले ही इस साल रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाइयों पर चढ़ा हो , लेकिन सोने में निवेश आगे भी मालामाल करेगा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने अपनी रिपोर्ट ‘गोल्ड आउटलुक 2026’ में कहा है कि सोने में आगे भी जोरदार तेजी जारी रह सकती है. इस रिपोर्ट की मदद से मिंट की पत्रकार वामन सेठी ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि दुनियाभर में बढ़ते राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते साल 2026 में सोने की कीमतें मौजूदा स्तरों से 15-30% तक और बढ़ सकती हैं. मिंट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 9 दिसंबर को दिल्ली में 24 कैरेट प्योरिटी वाले सोने का भाव 1 लाख 29 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास था.
सोना इस साल 60 फीसदी उछला, मगर असली पिक्चर तो अभी बाकी है!
Gold Price Hike: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि दुनियाभर में बढ़ते राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के चलते साल 2026 में सोने की कीमतें मौजूदा स्तरों से 15-30% तक और बढ़ सकती हैं
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अगर मौजूदा भाव के हिसाब से सोने के दाम वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुमान के हिसाब से बढ़े तो 30 परसेंट की तेजी आने पर सोने का भाव करीब 38 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक बढ़कर 1 लाख 68 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है. इसी तरह अगर सोने के दाम 15 परसेंट बढ़ते हैं तो मौजूदा स्तर से सोने के दाम करीब 19 हजार रुपये बढ़कर 1 लाख 48 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच सकते हैं. इस बारे में लल्लनटॉप ने भी बुलियन एक्सपर्ट से बात की. फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया ने बताया कि साल 2006 में सोना और चढ़ सकता है. उनका कहना है कि केंद्रीय बैंकों की ताबड़तोड़ खरीद बढ़ने और निजी कंपनियों की बढ़ती मांग बढ़ने का अनुमान है. इन कारणों के अलावा डॉलर के बरक्स दूसरी प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आने और अमेरिका में आगे भी ब्याज दरें घटने की संभावना से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ बढ़ाने और जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने जैसे कारण सोने की कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उनका कहना है कि साल 2026 में भारत में सोने के दाम 1 लाख 55 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक चढ़ सकते हैं. अगले साल सोने के दाम 1.20 लाख से 1.55 लाख के व्यापक दायरे में रहने का अनुमान है.
इस साल सोने के दाम 50 बार से ज्यादा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं . इस साल नवंबर महीने तक सोने की कीमतों में 60 परसेंट से भी ज्यादा उछाल देखने को मिला है. पिछले 20 साल में सोने के दाम में 1500% का उछाल देखने को मिला है. साल 2005 में सोने का भाव 7,638 ग्राम था. इन वजहों से 2026 में सोने उछल सकता है?
अमेरिका, भारत समेत कई देशों में केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरें कम रहने और डॉलर कमजोर पड़ने से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा. अमेरिका, भारत सहित कई बड़े देशों में यदि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को कम रखते हैं तो बॉन्ड और फिक्स्ड इनकम पर मिलने वाला रिटर्न घट जाता है. जब सुरक्षित निवेशों पर रिटर्न कम होने लगता है, तो निवेशक सोने की ओर शिफ्ट होते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर जाती हैं. वहीं अगर डॉलर कमजोर पड़ता है, तो भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिलता है. क्योंकि कमजोर डॉलर की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना खरीदना निवेशकों के लिए सस्ता हो जाता है और मांग बढ़ने से दाम बढ़ते हैं.
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी बढ़ने से सोने के दाम चढ़ेंगेरिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंकों की तरफ से लगातार सोना खरीदना और नए निवेशकों जैसे चीन की इंश्योरेंस कंपनियां या भारत के पेंशन फंडों की तरफ सोने की खरीद बढ़ने से साल 2026 में सोने की कीमतों में तेजी दिख सकती है. लेकिन एक चेतावनी भी दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है अगर सेंट्रल बैंक अपनी खरीदारी को कोरोना महामारी के स्तर तक या उससे नीचे ले आते हैं, तो सोने पर दबाव भी बढ़ सकता है.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार में कमीअगर अमेरिका में आर्थिक विकास दर (GDP) धीमी पड़ती है और अमेरिका का केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व उम्मीद के मुकाबले ब्याज दरों में ज्यादा कटौती करता है . अगर इस तरह का सिनारियो बनता है तो सोने की कीमतों में 5–15% की और बढ़ोतरी हो सकती है.
हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साल 2025 में सोने की रीसाइक्लिंग काफी कम रही है. लेकिन भारत में अब गोल्ड रीसाइक्लिंग बढ़ रही है.रीसाइक्लिंग गोल्ड वह पुराना आभूषण या सोना है जिसे पिघलाकर दोबारा बाजार में बेचा या इस्तेमाल किया जाता है. कई बार लोग पुराना सोना तुड़वाकर नई ज्वेलरी बनवाते हैं.
इसके अलावा इस साल करीब 200 टन सोना बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों में गिरवी रखा गया था . गोल्ड लोन लेते समय ग्राहकों को सोना गिरवी रखना पड़ता है. इस रिपोर्ट के अनुसार अगर लोग गिरवी रखे सोने को छुड़ाने लगते हैं, या ग्राहक नया सोना खरीदने के बजाय पुराना आभूषण बेचने लगते हैं, तो 2026 में अतिरिक्त सप्लाई बढ़ सकती है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव आएगा.
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