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टेंपो चलाते थे अब एयरलाइन चलाएंगे, यूपी की 'शंख एयरलाइन' के मालिक की पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश की शंख एयर (Shankh Air) जनवरी के पहले पखवाड़े यानी 15 जनवरी तक अपनी फ्लाइट्स शुरू करने जा रही है.

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यूपी की शंख एयर 15 जनवरी के आसपास तक अपनी फ्लाइट्स शुरू करने जा रही है (फोटो क्रेडिट: Social Media)

उत्तर प्रदेश की एयरलाइन शंख एयर (Shankh Air) जनवरी के पहले पखवाड़े यानी 15 जनवरी के आसपास तक अपनी फ्लाइट्स शुरू करने जा रही है. 24 दिसंबर को भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से कंपनी को NOC यानी No Objection Certificate मिल चुका है. लाइसेंस मिलने के बाद ये एयरलाइन हाल फिलहाल तीन एयरबस विमानों के बेड़े के साथ अपना कारोबार शुरू करने जा रही है. एनडीटीवी प्रॉफिट में छपी एक खबर में कंपनी के चेयरमैन श्रवण कुमार विश्वकर्मा के हवाले से बताया गया है कि शुरू में कंपनी लखनऊ से दिल्ली और लखनऊ से मुंबई और लखनऊ को देश के कई दूसरे बड़े शहरों से जोड़ने पर ध्यान देगी. 

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कंपनी के चेयरमैन ने बताया है कि पहले चरण में एयरलाइन उत्तर प्रदेश के कई शहरों के लिए भी फ्लाइट्स शुरू करेगी. साथ ही लगभग डेढ़ महीने के भीतर शंख एयरलाइंस के बेड़े में दो और विमान शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा है कि फिलहाल उनके पास विमान कम हैं लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ेगा, हम देशभर में अपनी उड़ानें शुरू करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि साल 2028 या 2029 से कंपनी की योजना इंटरनेशनल रूट्स पर फ्लाइट्स से शुरू करने की है. शंख एयर का हेडऑफिस लखनऊ में है.

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क्या करते हैं शंख एयरलाइन के मालिक?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शंख एयर के चेयरमैन श्रवण कुमार विश्वकर्मा मूलत: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले हैं. इनके माता -पिता बाद में कानपुर के व्यापारिक केंद्र लाटूश रोड में बस गए. पिता का लोहे का बिजनेस था. कुछ साल कानपुर में बिताने के बाद श्रवण लखनऊ में रहने लगे और वहीं बिजनेस शुरू किया. पिता की मृत्यु के बाद लोहे का बिजनेस संभाला . एक इंटरव्यू में वे बताते हैं कि उनकी शुरू से इच्छा थी कि आम आदमी कम किराये में हवाई यात्रा कर सके. इसलिए उन्होंने एयरलाइन शुरू करने की सोची. 

एनडीटीवी प्रॉफिट में छपी एक रिपोर्ट में श्रवण बताते हैं कि  में पढ़ाई लिखाई में उनका मन नहीं लगता था. वे कहते हैं, “मैं जानने-पहचानने वालों के साथ ऑटो चलाता था और कुछ-छोटे बिजनेस भी किए. कई बिजनेस आइडिया फेल हुए.  उनका पहला कारोबारी सफर साल 2014 में रफ्तार पकड़ा जब उन्होंने सीमेंट के कारोबार में हाथ आजमाया. इसके बाद सीमेंट, माइनिंग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में हाथ आजमाया. साथ ही ट्रकों का बड़ा बेड़ा खड़ा किया. उन्होंने बताया कि आज उनके पास 400 से अधिक ट्रकों का बेड़ा है. उनका कहना है कि विमान एक साधन मात्र है, जैसे बस या टेंपो. इसे किसी खास या लग्जरी आइटम की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. एयरलाइन की शुरुआत के बारे में बताते हुए विश्वकर्मा ने कहा कि लगभग चार साल पहले उनके मन में एविएशन सेक्टर में कदम रखने का आइडिया आया था. एयरलाइन का नाम शंख क्यों रखा .

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इस बारे में उनका कहना है कि उनकी ट्रेडिंग कंपनी का नाम पहले से ही शंख था. शंख का सांस्कृतिक महत्व भी है. इसलिए एयरलाइन का नाम भी शंख रखा. एयरलाइन के लिए पैसे का इंतजाम कैसे होगा . इस सवाल के जवाब में विश्वकर्मा ने कहा कि एयरलाइन को अपनी पैरेंट कंपनी का पूर्ण समर्थन प्राप्त है. विमान बाहरी कंपनियों से लीज़ और फाइनेंस पर लिए गए हैं. हमारे पास फंडिंग की कोई कमी नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि शंख एयरलाइन किसी को टक्कर देने नहीं आ रही है और न ही भविष्य में इस तरह का उनका कोई इरादा है. किरायों के बारे में उन्होंने कहा कि त्योहारों के दौरान टिकट के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी एयरलाइन युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी.

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