
बजट 2022: क्या है 'हब एंड स्पोक' मॉडल जो यूनिवर्सिटी को आपके घर तक पहुंचाएगा?
कोविड के चलते हुआ पढ़ाई का भारी नुकसान, भरपाई के लिए क्या तरीका लाएगी सरकार?

डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ-साथ ITI और ऐग्रिकल्चर एजुकेशन पर भी फोकस किया जाएगा. फोटो - India Today, PTI)
कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल में स्टूडेंट्स का काफी नुकसान हुआ है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ये बात कही. उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी, ताकि स्टूडेंट्स तक बेहतरीन लर्निंग एक्सपीरियेंस के साथ-साथ वर्ल्ड क्लास एजुकेशन पहुंचाई जा सके. ये यूनिवर्सिटी देश की बाकी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज़ के साथ मिलकर ज़रूरी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग देने का काम भी करेगी. वित्त मंत्री ने डिजिटल यूनिवर्सिटी पर बात करते हुए कहा कि ये ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ पर डिज़ाइन की जाएगी.
आम भाषा में हब एंड स्पोक मॉडल एक डिस्ट्रीब्यूशन मेथड को कहा जाता है. जहां एक सेंट्रल पॉइंट होता है, जिसे हब कहते हैं. हब वो सिंगल पॉइंट है जहां चीज़ें बनती हैं और फिर अलग-अलग मंजिल तक पहुंचाई जाती हैं. इन मंजिलों को स्पोक कहा जाता है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के केस में ‘हब’ होंगी देश की बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ और संस्थान, जहां से शिक्षा का प्रदान होगा. वहीं, स्टूडेंट्स होंगे ‘स्पोक’, जिनके घर तक ये शिक्षा पहुंचेगी. निर्मला सीतारमण ने ये भी बताया कि इन हब्स में तैयार किए कोर्स किसी एक भाषा में नहीं होंगे, उन्हें भारत की विभिन्न भाषाओं में तैयार किया जाएगा. डिजिटल यूनिवर्सिटी के अलावा वित्तमंत्री ने PM ई विद्या की मुहिम ‘वन क्लास, वन चैनल’ पर भी ज़ोर दिया. जिसके तहत स्वयं प्रभा टीवी के 12 चैनल से बढ़ाकर 200 चैनल किये जाएंगे, ताकि सभी राज्यों के कक्षा पहली से बाहरवीं तक के छात्रों को सप्लीमेंट्री एजुकेशन प्रोवाइड की जा सके, वो भी क्षेत्रीय भाषा में. ई विद्या इनिशियेटिव को केंद्र सरकार ने मई, 2020 में लॉन्च किया था. इसके ज़रिए उन स्टूडेंट्स तक पढ़ाई का मैटेरियल पहुंचाया जाने का लक्ष्य है जिनके पास इंटरनेट कनेक्टशन नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा था गांव में रहने वाले बच्चों और पिछड़े वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखकर ये कदम उठाया गया है. साथ ही राज्य स्तर पर बनी ITI में नए स्किल डेवलपमेंट कोर्स जोड़े जाएंगे, ताकि युवाओं को मदद मिल सके. केंद्र सरकार ने एग्रिकल्चर से जुड़ी शिक्षा पर भी अपने प्लान बताए. वित्त मंत्री ने बताया कि एग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटीज़ के कोर्स रिवाइज़ किये जाएंगे, ताकि ज़ीरो बजट ऑर्गैनिक फ़ार्मिंग जैसे कॉन्सेप्ट पढ़ाए जाएं.
