आप कार चला रहे हैं और बीच में गाड़ी का टायर पंचर हो गया. अगर आप शहर में हैं, तो मुमकिन है कि पास में किसी पंचर की दुकान पर जाकर टायर ठीक करवा देंगे. हाइवे पर अगर कार चला रहे हैं और टायर पंचर हो गया, तो मुमकिन है कि आप गाड़ी से जैक निकाल कर खुद ही टायर बदलना शुरू कर देंगे. दोनों बातें एकदम ठीक. लेकिन क्या आप जैक-जैक खेलने का काम ओवर ब्रिज या फ्लाईओवर पर कर सकते हैं? जवाब है नहीं. एकदम नहीं. आप जरा अपनी गाड़ी का ब्रेक तो लगाइए. हम बताते हैं कि आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते.
पुल पर कार में ना लगाए जैक, हो सकती है बड़ी दुर्घटना
गाड़ी का टायर पंचर हो गया और आसपास कोई पंचर ठीक करने वाला भी नहीं है. ऐसी सिचुएशन में मुमकिन है कि इंसान खुद जैक निकालेगा और टायर बदलने की कोशिश करेगा. ठीक बात, मगर ये टायर बदली पुल पर (Never use a car jack at an overbridge or flyover) नहीं करनी है वरना दुर्घटना हो सकती है.

किसी भी सड़क, ओवर ब्रिज या फ्लाईओवर पर गाड़ी में जैक इस्तेमाल करने का अपना नियम है. नियमों के मुताबिक, आप टायर बदलने या किसी भी रखरखाव के लिए सड़क पर जैक नहीं लगा सकते हैं. इसका बोर्ड भी आपको पुल पर या आसपास दिख जाएगा.

आगे बढ़ने से पहले एक टिप देते हैं. अक्सर जैक लगाते समय समझ नहीं आता कि उसे लगाना कहां है. हर जगह तो बिल्कुल नहीं लगाना है. हर कार के नीचे इसके लिए एक निश्चित जगह होती है. ब्लॉक बना होता है. उसके नीचे ही जैक लगाइए. वाहन एकदम बैलेंस तरीके से उठेगा. वापस नियम पर आ जाते हैं.
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दरअसल, फ्लाईओवर पर जब गाड़ियां गुजरती है, तो ये हिलता है. पुल पर कंपन होता है. ऐसी स्थिति में आप जैक लगाएंगे, तो हो सकता है कि कंपन की वजह से जैक भी हिलने लगे और कार से अलग हो जाए. इसका आपको एक और उदाहरण देते हैं. ओवरब्रिज पर जब आर्मी ट्रूप्स चलते हैं, तो रिदम का ध्यान नहीं रखते हैं. यानी कि एक साथ पैर उठाना और रखना, ये सब नहीं करते हैं. वे बिल्कुल नॉर्मल चलते हैं. क्योंकि वे एक साथ चलेंगे, तो ब्रिज पर कंपन (power of resonance) होने लगेगा. अगर ब्रिज पुराना है तो टूट भी सकता है.
ब्रिज पर तो गाड़ियों का रेला होता है तो मुमकिन है कि जैक गाड़ी से अलग हो सकता है. गाड़ी पलट सकती है. पीछे जा सकती है, जिससे दूसरी गाड़ी को नुकसान हो सकता है. या किसी व्यक्ति को चोट पहुंच सकती है. गंभीर दुर्घटना की आशंका.
इसलिए अगर पुल पर गाड़ी चलाते हुए टायर पंचर की स्थिति में फंस जाए, तो कोशिश करें कि कार को पुल से नीचे उतार लें. फिर आप वहां जैक लगाकर टायर बदल सकते हैं. अगर पुल से नीचे कार लाना मुश्किल है. अगर कोई चारा नहीं मतलब जैक लगाना ही पड़ेगा तो साथ में व्हील चोक (wheel chock) का इस्तेमाल करें. wheel chock मतलब टायर को आगे-पीछे जाने से रोकने का टूल. अगर नहीं है तो देसी जुगाड़ ज़िंदाबाद. मतलब ईंट का टुकड़ा कब काम आएगा.
बाकी कोशिश करें कि टायर पंचर की सिचुएशन में पुल के नीचे ही कार लेकर आएं. हैप्पी एंड सेफ राइडिंग.
और जाते-जाते एक बात और बता दें, कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 मुताबिक सड़क पर यूं ही कहीं भी गाड़ी नहीं रोकी जा सकती. फिर चाहे वो फ्लाईओवर हो सा हाईवे. ऐसे में मुमकिन है कि पंचर बनाने के चक्कर में चालान भी हो जाए. बहरहाल फ्लाईओवर पर जैक बदलने को लेकर अलग से कोई नियम नहीं हैं. मगर नियम नहीं होगा तो क्या सेफ्टी का ख्याल रखना बंद कर देंगे?
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