भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार है. इस समय यहां 30 से ज्यादा कार कंपनियां है. यानी कॉम्पिटिशन काफी ज्यादा है. कई कार कंपनियों की गाड़ियां सालों से काफी पसंद की जा रही हैं, तो कुछ कंपनियां मार्केट में हैं भी या नहीं, इसका पता ही नहीं चलता. कई ऑटो कंपनियां तो ऐसी भी हैं, जो इसी बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से भारतीय बाजार से अलविदा तक ले चुकी हैं. ऐसे में हमने सोचा कि आज उन कार कंपनियों के बारे में बात करते हैं, जो किसी न किसी वजह से इंडियन मार्केट से बाहर हो चुकी हैं.
भारतीय बाजार से अलविदा ले चुकी ये कार कंपनियां, एक के तो वापस आने के भी चर्चे हैं
Car Brands left Indian market: इस समय भारत में लगभग 30 कार ब्रांड्स हैं. यानी कॉम्पिटिशन काफी है. अब इस प्रतिस्पर्धा में ना टिक पाने की वजह से कई कार ब्रांड्स इंडियन मार्केट से अलविदा भी ले चुके हैं. आज उन्हीं के बारे में बात करेंगे.
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Ford एक वह ब्रांड है, जो भारत से जा चुका है लेकिन लोगों के दिलों से नहीं. सितंबर 2021 में फोर्ड ने इंडिया से बाहर निकलने का फैसला किया. हॉट सेलिंग कारों की बिक्री में कमी और SUV सब-सेगमेंट में कमी की वजह से ब्रांड इंडियन मार्केट से बाहर हो गया था. वो बात अलग है कि Endeavour को काफी पसंद किया गया. इसकी बिक्री भी अच्छी थी और आज तक कई लोग इसकी तारीफ भी करते हैं. लेकिन कंपनी की अन्य कारों की मांग कड़ी टक्कर की वजह से कम हो गई थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, Ford को 2 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ था. जिस वजह से वे भारत से चली गई. हालांकि, खबरें आती रहती है कि Ford देश में वापसी का प्लान कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो ये Ford की राह देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर होगी.

BS6 मानकों ने कई कारों और बाइकों को अलविदा लेने पर मजबूर कर दिया था. इसमें एक कंपनी का भी नाम है. ये है Fiat. 2021 में इस कंपनी ने भारत से बाहर जाने का प्लान किया था. दरअसल, BS6 मानकों की वजह से कंपनी को अपना फेमस 1.3 लीटर मल्टीजेट डीजल इंजन अपग्रेड करना था. लेकिन बाजार से कोई खास रिस्पॉन्स न मिलने की वजह से कंपनी के लिए इसे अपग्रेड करना काफी महंगा पड़ रहा था. इस वजह से Fiat ने भारत छोड़ दिया था.
Chevrolet, भारतीय बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी थी. इसने पुणे और गुजरात में कई फेमस गाड़ियां भी बनाई थी. जैसे कि Tavera, Cruze, Optra, Enjoy आदि. General Motors ने भारत में अपनी पारी दो कार कंपनियों के साथ शुरू की थी. ये थी Opel और Chevrolet. Opel तो जल्द ही भारत से चली गई. लेकिन Chevrolet लोगों को काफी पसंद आई. पर एक समय बाद बढ़ते कॉम्पिटिशन और घटती मांग की वजह से इस कंपनी ने भी इंडियन मार्केट से बाहर होने का फैसला किया.
Mitsubishi को निर्भरता पड़ी भारीजापानी कार ब्रांड Mitsubishi की Pajero और Lancer को इंडियन मार्केट से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. 1998 में कंपनी ने Lancer को देश में लॉन्च किया था, जिसने बाजार में धूम मचा दी थी. Hindustan Motors, Mitsubishi के लिए कारों का उत्पादन करती थी. इससे कंपनी की Hindustan Motors पर निर्भरता बढ़ गई. बाद में हिंदुस्तान मोटर्स ने कार बनाना बंद कर दिया और मित्सुबिशी की इंडिया में मुश्किलें बढ़ गई. क्योंकि इससे हुआ ये कि मित्सुबिशी के पास एक मजबूत आफ्टर सेल्स सर्विस और स्पेयर पार्ट्स नेटवर्क नहीं था. इस वजह से कंपनी को भारतीय मार्केट से अलविदा लेना पड़ा. इसलिए कहते भी हैं कि किसी पर भी ज्यादा निर्भरता अच्छी नहीं है.
Datsun की सुविधाओं में कमीभारतीय बाजार में कम डिमांड की वजह से Nissan ने Datsun को मार्केट से हटाना पड़ा था. Nissan, Datsun की पैरेंट ऑर्गेनाइजेशन है. यानी मूल कंपनी. भारत से इसके अलविदा होने की वजह से इसकी बिल्ड क्वालिटी और सुविधाओं की कमी रही थी.
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