आप सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं, तो एक चीज से तो बिल्कुल नहीं बच सकते. इसे चालान कहते हैं. कोई विरला ही होगा, जिसकी गाड़ी का चालान नहीं कटा होगा. चालान आपका किसी भी वजह से कट सकता है. ओवरस्पीड के लिए. सीट बेल्ट न लगाने के लिए. हेलमेट न पहनने के लिए या ट्रिपलिंग के लिए. अब चालान से बचने का तरीका तो ये ही है कि सभी ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाए. लेकिन तब क्या जब ‘चिड़िया चुग गई खेत’ मतलब चालान कट ही गया तो. चिंता मत कीजिए. हम आपको इसी चालान से बचने का कानूनी तरीका बताएंगे (how to cancel wrong traffic challan).
गलत चालान कटे तो घबराना नहीं, बस ये चार काम करिए, टेंशन दूर हो जाएगी
ट्रैफिक कैमरे की गलती की वजह से आपका चालान कटा है, तो सबूत अपलोड करें. जैसे कि कैमरे की गलती का स्क्रीनशॉट, आपकी लोकेशन का प्रूफ, गाड़ी की फोटो या RC. इसके बाद बस जवाब का इंतजार करें. शिकायत अगर सही निकली तो चालान (how to cancel wrong traffic challan) रद्द हो जाएगा.

इसकी मदद से आप अपना चालान कम करा सकते हैं या फिर बिल्कुल माफ करा सकते हैं. आपका गलत चालान कट गया है, तो आप उससे भी छुटकारा पा सकते हैं. बस आप कुछ तरीकों का पता होना जरूरी है.

चालान कट गया है, तो बिना इधर-उधर धक्के खाएं बस eChallan Parivahan या mParivahan वेबसाइट पर जाना है. यहां Dispute या शिकायत ऑप्शन पर क्लिक करना है. फिर चालान नंबर, वाहन नंबर, मोबाइल नंबर भरना है. यहां एक रिक्वेस्ट का भी ऑप्शन मिलेगा, जहां आप अपना जुर्माना कम करने की अपील कर सकते हैं. अगर आपका चालान माफ हो गया या फिर कम हो गया तो सब सही है. अगर ट्रैफिक कैमरे की गलती की वजह से आपका चालान कटा है, तो सबूत अपलोड करें. जैसे कि कैमरे की गलती का स्क्रीनशॉट, आपकी लोकेशन का प्रूफ, गाड़ी की फोटो या RC. इसके बाद बस जवाब का इंतजार करें. शिकायत अगर सही निकली तो चालान रद्द हो जाएगा.
अगर ऑनलाइन शिकायत करने में परेशानी आ रही है, तो ट्रैफिक पुलिस स्टेशन चले जाइए. वहां बात करके देखिए कि चालान रद्द या कम हो सकता है क्या. अगर ऑफिसर मान गए, तो ठीक वरना फिर तो चालान भरना ही होगा. माफी मांगकर, पहली गलती बोलने से भी काम बन जाता है. आप हेल्पलाइन पर कॉल करके या ईमेल से भी शिकायत भेज सकते हैं. सभी राज्यों के अपने-अपने हेल्पलाइन नंबर या ईमेल है. जैसे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का 1095 (टोल फ्री) नंबर 011-2584-4444 है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ईमेल info@delhitrafficpolice.nic.in है. आपको बस तीनों जगह अगर चालान की कॉपी, गाड़ी के कागजात और पहचान पत्र तो रखना ही है. बाकी कुछ और डिटेल्स मांगी जाएं तो उन्हें सबमिट कर दें.

पहले दो तरीकों से बात न बने, तो आप कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कोर्ट में Traffic Challan Dispute Application लगानी है. चालान से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स साथ ले जाएं और सुनवाई के दौरान अपनी बात और सबूत पेश कीजिए. यहां भी आपको चालान से थोड़ी राहत मिल सकती है. मुमकिन है कि आपके चालान की रकम थोड़ी कम हो जाए. हालांकि, ये प्रोसेस थोड़ा लंबा हो सकता है.
लोक अदालतलोक अदालत में आपका काम बिना वकील के चल जाएगा. क्योंकि यहां दोनों पक्षों को सीधा मामला सुलझाने के लिए बुलाया जाता है और बात की जाती है. समझ लीजिए कि समझौता किया जाता है. लेकिन अगर आपको वकील चाहिए, तो आप कोर्ट के पास ही किसी को हायर कर सकते हैं. आपको बस लोक अदालत की तारीख और स्थान की डिटेल्स चेक करना है. क्योंकि ये कोर्ट साल में सिर्फ 4 बार लगता है. यहां भी अपने चालान की कॉपी, गाड़ी से जुड़े कागजात और पहचान पत्र लेकर पहुंचना है.
चालान से जुड़ी समस्या के लिए आपको ट्रैफिक अधिकारी और न्यायिक अफसर को अपनी बात समझानी है. थोड़ी रिक्वेस्ट करनी है और आपके चालान की रकम हो कम सकती है या चालान कैंसल हो जाएगा.
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