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Aadhaar का एक्सेस सिर्फ सरकारी नहीं प्राइवेट ऐप्स के पास भी, इन कामों में आसानी होगी

Aadhaar Good Governance Portal आधार की ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) प्रोसेस को ऑटोमेटिक कर देगा. बोले तो कार्ड के असली और नकली होने का पता जल्द चल जाएगा और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.

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The government of India launched the Aadhaar Good Governance Portal, helping users to automate the process of Aadhaar authentication request approvals
आधार ऑथेंटिकेशन प्रोसेस आसान होगी
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सूर्यकांत मिश्रा
5 मार्च 2025 (Updated: 5 मार्च 2025, 09:16 AM IST)
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Aadhaar से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. अब आपके आधार कार्ड का एक्सेस प्राइवेट ऐप्स के पास भी होगा. Electronics and Information Technology (MeitY) ने इसके लिए एक नया पोर्टल Aadhaar Good Governance Portal लॉन्च किया है. शायद इतना पढ़ते ही आपको लगे कि प्राइवेट ऐप्स के पास आधार का एक्सेस तो पहले से ही है. ठीक बात है मगर वो अभी तक कागजों तक ही सीमित था. ये एक अलग किस्म का डिजिटल प्रोसेस है जिससे यूजर्स और कंपनी दोनों को बराबर फायदा होगा. तमाम तरह की प्रोसेस जैसे लोन का काम आसान हो जाएगा.

Aadhaar Good Governance Portal आधार की ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) प्रोसेस को औटोमेटिक कर देगा. माने कार्ड के असली और नकली होने का पता जल्द चल जाएगा और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. पूरी प्रोसेस बताते हैं.

Aadhaar Good Governance Portal

आधार कार्ड असली है या नकली. कोई छेड़खानी तो नहीं की गई है. डेटा अपडेट है या नहीं. इसको जानने का एक तरीका है. सबसे पहले आधार नंबर किसी भी ऐप में इंटर कीजिए फिर रजिस्टर नंबर पर आई हुई ओटीपी डाल दीजिए. ऐसा आपने कई बार किया भी होगा. मसलन लोन की प्रोसेस पूरी करते समय. आम भाषा में इसे e-KYC कहते हैं. यही प्रोसेस नया मोबाइल नंबर लेते समय या बैंक में भी अपनाई जाती है जब यूजर अपने अंगूठे को मशीन पर स्कैन करता है. सेफ प्रोसेस है मगर थोड़ी उबाऊ है.

Aadhaar Good Governance Portal
Aadhaar Good Governance Portal

दूसरा जब कभी आधार की फोटोकॉपी किसी प्रोसेस में इस्तेमाल होती तो इस प्रोसेस को पूरा करना थोड़ा दिक्कत देने वाला होता है. मतलब ओटीपी-ओटीपी खेलना पड़ता है. इस सब की वजह से लोन से लेकर बाकी दूसरी जगह हेल्थ केयर, एजुकेशन, सरकारी योजनाओं में देरी होती है. आगे से ऐसा नहीं होगा. मतलब प्राइवेट ऐप्स को आधार के ऑथेंटिकेशन का पता आसानी से चल जाएगा.

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इसके लिए उनको swik.meity.gov.in पर जाकर रजिस्टर करना होगा. उनको बताना होगा कि वो कोई सरकारी/गैर सरकारी संस्थान हैं या फिर कोई प्राइवेट कंपनी. इसके साथ ही उनको ये भी बताना होगा कि उनको आधार कार्ड का डिटेल क्यों चाहिए. मसलन किसी संस्थान का HR डिपार्टमेंट कह सकता है कि जन्म की तारीख और पता का पता करने के लिए.

बिजनेस स्टेंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए पोर्टल पर बाकायदा Standard Operating Procedure (SOP) भी बनाया गया है. सरकार इस पोर्टल में यूजर के चेहरे से पहचान (face authentication) को भी जोड़ने की बात कह रही है. इससे ओटीपी वाला झंझट भी खत्म होगा और फर्जीवाड़ा भी कम होगा.

आगे इस पोर्टल से जुड़ी जो भी जानकारी मिलेगी, वो हम आपसे साझा करेंगे.

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