अंपायर से जा भिड़े शुभमन गिल, गेंद को लेकर पिच पर हुआ बवाल!
तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज में ड्यूक बॉल की क्वालिटी को लेकर शुभमन गिल और ऋषभ पंत अपनी नाराजगी पहले ही जाहिर कर चुके हैं. लॉर्ड्स टेस्ट में भी भारतीय कप्तान अंपायर्स से गेंद को लेकर बहस करते दिखाई दिए.

तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज (Tendulkar-Anderson Trophy) में ड्यूक बॉल पर काफी चर्चा हो रही है. भारतीय कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) और उप-कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने तीसरे टेस्ट मैच से पहले ही ड्यूक गेंद की क्वालिटी को लेकर शिकायत की थी. लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम अंपायर्स के साथ फिर से गेंद को लेकर बहस करती दिखी. आपको बताते हैं कि हुआ क्या.
मैच के दूसरे दिन महज 7 ओवर का खेल हुआ था. पारी का 91वां ओवर डालने की जिम्मेदारी मोहम्मद सिराज को दी गई. ओवर की चौथी गेंद के बाद आकाशदीप मोहम्मद सिराज के पास आए. दोनों गेंद को देखकर कुछ चर्चा करते हैं, जिसके बाद आकाशदीप, सिराज को अंपायर के पास जाने को कहते हैं.
शुभमन गिल हुए अंपायर से नाराजफिर मोहम्मद सिराज अंपायर के पास जाते हैं, गेंद को बदलने की अपील करते हैं. अंपायर गेंद को हूप में डालते हैं और गेंद अटक जाती है. चौथे अंपायर गेंद का बॉक्स लेकर आते हैं, जिसके बाद अंपायर गेंद रिप्लेस कर देते हैं. हालांकि रिप्लेस की हुई गेंद से भारतीय टीम खुश नहीं थी. उनका कहना था कि गेंद 10 ओवर पुरानी गेंद जैसी नहीं है. सिराज के बाद अब गिल अंपायर के पास जाकर उनसे गेंद बदलने को कहते हैं. उनके चेहरे पर नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी लेकिन अंपायर उनकी बात मानने से इनकार कर देते हैं. इससे गिल का गुस्सा और बढ़ जाता है.
इस दौरान स्टंप्स के पास खड़े सिराज गुस्से में कहते हैं,
महज 48 गेंद बाद ही रोका गया खेलक्या ये 10 ओवर पुरानी गेंद है? सच में?
99वें ओवर में खेल एक बार फिर रुका. आकाशदीप ने अंपायर शरफुद्दुल्लाह को गेंद दिखाई. अंपायर ने गेंद को हूप में डाला और फिर चौथे अंपायर को गेंद लेकर मैदान पर आने का इशारा किया. रिप्लेस की गई गेंद से सिर्फ 48 गेंद का ही खेल हुआ और गेंद फिर से बदली गई. आखिरकार शुभमन गिल के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान देखने को मिली.
ऋषभ पंत को मिल चुकी है सजाइससे पहले भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत को भी गेंद को लेकर अंपायर्स से बहस करने के बाद सजा दी गई थी. पहले टेस्ट के दौरान पंत ने अंपायर्स से गेंद बदलने की मांग की थी. वो उन्हें बता रहे थे कि गेंद अब खेल में इस्तेमाल के लायक नहीं है. जब अंपायर्स ने उनकी बात नहीं मानी तो पंत ने गुस्से में गेंद जमीन पर फेंक दी.
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पंत को खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ से जुड़ी ICC आचार संहिता की धारा 2.8 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. ये अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताने से संबंधित है. पंत के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया है.
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