नहीं रहा वो क्रिकेटर, जिसने कभी ऑस्ट्रेलियन टीम के तोते उड़ा दिए थे
वह क्रिकेटर जिसे पत्रकारों से नफरत थी, लेकिन बाद में उसने पत्रकारिता में ही करियर बनाया.
Advertisement

बाईं तरफ Bob Willis और दाईं ओर Bowling करते Bob Willis की फाइल फोटो. तस्वीरें- ट्विटर/क्रिकेट Au और AP से.
# बेस्ट ऑफ बॉब
ख़ैर, उन्होंने सोचा कि हमारे बैट्समेन संभाल लेंगे. लेकिन बोलर्स की तरह बैट्समेन भी नाकाम रहे. बॉथम की हाफ सेंचुरी के अलावा इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज डेनिस लिली, टेरी एल्डरमैन और जिऑफ लॉसन की ऑस्ट्रेलियन पेस तिकड़ी की सामना नहीं कर पाया. इंग्लैंड की टीम 174 रन पर ही सिमट गई. कंगारुओं ने इस शर्म को और बढ़ाते हुए उन्हें फॉलोऑन पर उतार दिया.फॉलोऑन खेलने उतरे इंग्लैंड ने इस बार अपनी बैटिंग थोड़ी और बेहतर की. बॉथम ने 149 मारे और जिऑफ्री बॉयकॉट के 46 तथा ग्राहम डिली के 56 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने 356 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को 130 रन का टार्गेट दिया. ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग को देखते हुए किसी ने सोचा नहीं था कि इंग्लैंड के लिए कोई चांस भी है. पहली पारी में बॉलिंग और दो पारियों में इतनी अच्छी बैटिंग करने वाले एक अकेले बॉथम से कितनी उम्मीद लगाई जाए? उस जमाने में टेस्ट मैचों के बीच में रेस्ट डे मिलता था. इस टेस्ट में इंग्लैंड के स्ट्राइक बोलर्स में से एक रहे 6 फुट 6 इंच लंबे बॉब विलिस ने बाद में इस दिन को याद करते हुए कहा,Gutted to hear the news of Bob Willis passing. A lovely person with a great humour who was so proud of England cricket. Legend. pic.twitter.com/g4AQcnRK4n
— Stuart Broad (@StuartBroad8) December 4, 2019
'एक तो मैं पहले से निराशावादी था और यहां पहली इनिंग्स में मैंने जैसी बॉलिंग की उसने मुझे और खत्म कर दिया. मैंने सोच लिया था कि यह मेरे करियर का आखिरी टेस्ट मैच होगा. क्योंकि इंग्लैंड की टीम से मैच में कोई उम्मीद ही नहीं थी.'फिर आई इंग्लैंड की बॉलिंग और कप्तान ब्रेयर्ली ने दिमाग भिड़ाया. उन्होंने अपने अहम हथियार पेसर बॉब विलिस से कहा-
'नो-बॉल की चिंता मत कर, बस तू तेज फेंक. जितनी तेज हो सके उतनी तेज बोलिंग कर.'दरअसल विलिस के साथ एक समस्या थी, वह तेज बोलिंग के चक्कर में अक्सर नो-बॉल फेंक देते थे. और इसके चलते अक्सर उस अंदाज में बोलिंग नहीं कर पाते थे जो उन्हें पसंद थी. और ज़ाहिर है जब आप अपनी पसंद का काम अपने मुताबिक नहीं कर पाएंगे तो समस्या होगी ही. तो इसी को देखते हुए ब्रेयर्ली ने उन्हें साफ बोल दिया कि इसकी चिंता छोड़कर मस्त मलंग अंदाज में बोलिंग करें.
England great Bob Willis 1949-2019 90 Tests 325 wickets Ashes hero May he rest in peace. pic.twitter.com/EsqgYX8qAL — ICC (@ICC) December 4, 2019इसके बाद जो हुआ, वह इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया. विलिस ने इस पारी में 8 विकेट झटक लिए. ऑस्ट्रेलिया 111 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. ऑस्ट्रेलियन बैटिंग के पास विलिस की तेजी और स्विंग का कोई जवाब नहीं था. यह टेस्ट इतिहास में सिर्फ दूसरी बार था जब फॉलोऑन खेलने वाली टीम ने जीत दर्ज की हो. इस एशेज़ सीरीज को यूं तो बॉथम सीरीज के नाम से जाना जाता है लेकिन इस टेस्ट में विलिस का प्रदर्शन कोई भुला नहीं सकता.
# बॉब डिलन की दीवानगी
असल जिंदगी में विलिस मशहूर अमेरिकन गायक/संगीतकार बॉब डिलन के फैन थे. फैन क्या, मतलब हाल वही था जैसे अपने सुधीर गौतम, सचिन का कोई मैच नहीं छोड़ते उसी तरह विलिस ने यूके में हुआ डिलन का कोई भी शो नहीं छोड़ा. विलिस का असली नाम रॉबर्ट जॉर्ज विलिस था. बाद में उन्होंने कानूनी रूप से अपने नाम में डिलन जोड़ लिया था.जिसके बाद उनका नाम रॉबर्ट जॉर्ज डिलन विलिस हो गया और बॉब डिलन के लिए उनकी दीवानगी देखते हुए लोगों ने उन्हें बॉब ही बुलाना शुरू कर दिया. और फिर वह वक्त भी आ गया जब वह बॉब विलिस ही हो गए, लोग उनका असली नाम ऑलमोस्ट भूल ही गए.“A remarkable human being.“ Bob, you were truly one of the greats of this beautiful game. R.I.P. #BobWillis pic.twitter.com/Or6WE1qxa8
— Brian Lara (@BrianLara) December 5, 2019
# मीडिया से नफरत
विलिस के तमाम किस्सों में एक किस्सा यह भी मशहूर है कि उन्हें पत्रकार बिल्कुल भी नहीं पसंद थे. वह मीडिया से दोस्ती कर ही नहीं पाए. एक प्लेयर, कैप्टन से लेकर इंग्लैंड टीम के असिस्टेंट मैनेजर के रूप में वेस्ट इंडीज टूर पर जाने तक, वह मीडिया से चिढ़ते ही रहे. इंग्लैंड के कप्तान के रूप में अपने पहले ही टूर में उन्होंने टीम से साफ बोल दिया था कि मीडिया से कोई बात नहीं करनी. यह बात उन्होंने इतनी सख्ती से कही थी कि उसकी अगली सुबह नाश्ते के लिए जा रहे क्रिकेटर ग्रीम फॉलर ने उसी लिफ्ट में मौजूद मीडियाकर्मियों को गुड मॉर्निंग तक बोलने से इनकार कर दिया.Bob Willis: 1949 - 2019 Our tribute to a cricket legend. https://t.co/ZrXSGRGME0 pic.twitter.com/Ljn6H3ZAPl — Warwickshire CCC (@WarwickshireCCC) December 5, 2019इंग्लैंड के 1985-86 के वेस्ट इंडीज टूर का एक किस्सा और मशहूर है. यहां विलिस इंग्लिश टीम के असिस्टेंट मैनेजर के रूप में आए थे. होटल में जब उनसे पूछा गया कि कुछ ऐसा है जिसे वह इंग्लैंड वापस भेजना चाहते हैं? तो उन्होंने कहा,
'34 पत्रकार और दो कैमरा टीमें.'इंग्लैंड का कप्तान रहते ही उन्होंने कहा था,
'मुझे नहीं पता कि रिटायर होने के बाद मैं क्या करूंगा लेकिन एक बात एकदम साफ है- मैं टीवी पर जाकर प्लेयर्स को झाड़ नहीं लगाने जा रहा.'यह अलग बात है कि बाद के सालों में उन्होंने एक टीवी चैनल पर लंबे वक्त तक यह काम बेहद बेहतरीन तरीके से किया.
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बताए अपने करियर के दो बेस्ट मोमेंट्स