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'चुप रहो, सिर नीचे करो', ओलंपिक मेड‍लिस्ट लवलीना बोर्गोहेन ने BFI अफसर पर लगाया बदसलूकी का आरोप

Tokyo Olympic मेड‍लिस्ट Lovlina Borgohain ने BFI के अफसर पर उनसे अपमानजनक भाषा में बात करने का आरोप लगाया है. SAI के अध‍िकारी ने बताया है कि मामले को लेकर IOA की एक पैनल गठित की गई है.

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Lovlina Borgohain, Tokyo Olympic, BFI Controversy
टोक्यो ओलंपिक में लवलीना बोरगोहाई ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. (फोटो-PTI)
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सुकांत सौरभ
7 अगस्त 2025 (Updated: 7 अगस्त 2025, 07:48 PM IST)
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‘चुप रहो, सिर नीचे करो और जो कहा जा रहा है वो करो’. ये बातें टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लवलीना बोर्गोहेन (Lovlina Borgohain) ने अपनी श‍ि‍कायत में लिखी हैं. उन्होंने बॉक्सि‍ंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) के एग्जेक्टिव डायरेक्टर रिटायर्ड कर्नल अरुण मलिक (Arun Malik) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार, कर्नल मलिक ने उनके साथ अपमानजनक लहजे में बात की. साथ ही उन्हें BFI अफसर का व्यवहार लैंगिक भेदभाव वाला लगा.

लवलीना ने मामले में खेल मंत्री मनसुख मांडविया, स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के डायरेक्टर जनरल, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम(TOPS) डिपार्टमेंट, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) और BFI को एक मेल भेजा है. इसमें उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को हुई जूम मीटिंग के दौरान उनसे कर्नल मलिक ने बदसलूकी की. इस दौरान कॉल पर SAI और TOPS के अधिकारी भी शामिल थे. SAI के एक अध‍िकारी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, ओलंपिक मेडलिस्ट के आरोपों के बाद एक पैनल गठित की गई है. मामले की जांच चल रही है और जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. 

लवलीना ने लेटर में क्या लिखा था?

SAI के अध‍िकारी से मिली जानकारी के अनुसार, ये पूरा मामला 8 जुलाई का है. लवलीना ने अपने निजी कोच के साथ BFI के साथ एक जूम मीटिंग की थी. इस दौरान उन्होंने अनुरोध किया था कि उनके निजी कोच को नेशनल कैंप में आने की अनुमति दी जाए. वैसे आपको बता दें कि ये BFI की नीति के विरुद्ध है. वह यह भी चाहती थीं कि कोच को उनके साथ यूरोप में ट्रेनिंग के लिए जाने की अनुमति भी दी जाए. लवलीना के अनुसार, कर्नल मलिक ने इस बात का आक्रामक तरीके से जवाब दिया और उनसे अपमानजनक तरीके से बात की.

द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, लवलीना ने अपने मेल में लिखा, 

उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा, ‘चुप रहो, अपना सिर नीचे करो और जैसा हम कहते हैं वैसा करो.’ उनके शब्द ना केवल अपमानजनक थे, बल्कि लैंगिक भेदभाव और सत्तावादी प्रभुत्व के लहजे वाले थे. ऐसा किसी के भी साथ नहीं होना चाहिए. खासकर देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला के साथ.

लवलीना ने आगे लिखा, 

मुझे छोटा, अनसुना और पावरलेस महसूस कराया गया. यह सिर्फ एक व्यक्तिगत अपमान नहीं था. यह हर उस महिला खिलाड़ी पर हमला था जो रिंग के अंदर और बाहर दोनों जगह ऊंचा उठने का सपना देखती है.

लवलीना ने मामले की ‘निष्पक्ष और त्वरित जांच’ की मांग की. साथ ही कहा कि अगर उनका व्यवहार अस्वीकार्य लगता है तो उन पर जरूरी डिसिप्ल‍िनरी एक्शन लिए जाएं.

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लवलीना बोर्गोहेन.

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कर्नल मलिक ने क्या कहा?

वहीं, कर्नल मलिक ने लवलीना के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनके अनुसार, लवलीना के सभी आरोप ‘बिना आधार के’ हैं. कर्नल मलिक के अनुसार,

लवलीना के रिक्वेस्ट पर विचार किया गया और उन्हें सम्मानपूर्वक तरीके से अस्वीकार क‍िया गया क्यों‍कि वे BFI की नीतियों के अनुरूप नहीं थे. जनवरी 2025 में पब्लिश्ड BFI की चयन नीति के अनुसार, इंटरनेशनल कॉम्पिटि‍शन में सेलेक्शन को लेकर सभी खिलाड़ियों के लिए नेशनल कोचिंग कैंप में भाग लेना जरूरी है.

मलिक ने आगे बताया, 

निष्पक्षता और एकरूपता को ध्यान में रखते हुए BFI नेशनल कैंप के भीतर निजी कोच को आने का परमिशन नहीं देता है.

लवलीना की शिकायत पर IOA ने एक पैनल का गठन किया है. इसमें TOPS के सीईओ एनएस जोहल, IOA के एथलीट कमिशन के उपाध्यक्ष शरत कमल और एक महिला वकील शामिल हैं.

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लवलीना बोर्गोहेन.
पैनल मेंबर ने क्या बताया?

जूम मीटिंग के दौरान लवलीना और कर्नल मलिक के बीच पूरी बातचीत रिकॉर्ड की गई थी. जांच पैनल के एक मेंबर ने कहा कि जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. पैनल को शिकायत मिलने के दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अपने मेंबर्स के प्रायर कमिटमेंट के कारण मीटिंग नहीं हो सकी है.

एक पैनल मेंबर ने बताया,

कुछ जरूरी कमिटमेंट्स के कारण पैनल अब तक मीटिंग नहीं बुला पाया है, लेकिन यह जल्द ही हो जाएगा और पूरी घटना का वीडियो उपलब्ध है इसलिए इससे निपटना बहुत जटिल मामला नहीं होगा.

इस बीच, लवलीना ने इस मामले पर अभी कुछ भी बोलने से मना किया है. उनके अनुसार अगर वो अभी इस मामले पर ध्यान देंगी तो उनके खेल पर इसका इंपैक्ट पड़ेगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि जब तक पैनल कोई डिसिजन नहीं लेता, वो इस मामले में कॉमेंट नहीं करना चाहेंगी. 

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