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इंग्लैंड ने सोचा नहीं था, बैटिंग ना मिलने पर ऐसा कर देंगे इंडियन स्पिनर्स

कप्तान का नॉनवेज खाना अंग्रेजों को शर्मिंदा करा गया.

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Team India beat England 3-0 in 1993 test series
टीम इंडिया (फोटो - Getty)
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सूरज पांडेय
15 फ़रवरी 2023 (Updated: 15 फ़रवरी 2023, 07:17 PM IST) कॉमेंट्स
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1993. इंग्लैंड क्रिकेट टीम इंडिया टूर पर आई थी. और 15 फरवरी को इस सीरीज़ का दूसरा टेस्ट खत्म हुआ. यूं तो ये टूर ही उनके लिए कभी ना भूलने वाला रहा. लेकिन आज सिली पॉइंट में हम इसी दूसरे टेस्ट की बात करेंगे. इस टेस्ट के कई क़िस्से हैं.

और चलिए, अब इन क़िस्सों की शुरुआत कर देते हैं. इस टेस्ट की शुरुआत हुई 11 फरवरी को. अब चेन्नई कही जाने वाली जगह तब मद्रास थी. और इंग्लैंड यहां आने से पहले कोलकाता में हुआ पहला टेस्ट आठ विकेट से हार चुका था. और इस हार के बाद टीम मद्रास पहुंची. टेस्ट की सुबह उनका हाल संडे लीग खेलने वाले हम जैसे लोगों वाला हो गया.

नहीं समझे? जैसे हम और आप मैच की सुबह किसी तरह ग्यारह प्लेयर करने के लिए परेशान रहते हैं, इंग्लैंड का भी वही हाल था. और ऐसा क्यों था? इस बात पर कई दावे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि मैच के पहले की रात दो प्लेयर्स द्वारा खाई गई चाइनीज प्रॉन करी इसकी जिम्मेदार थी. तो कुछ लोगों का दावा है कि पूरी जिम्मेदारी बेचारे प्रॉन पर डालना ठीक नहीं.

# Madras 'Prawn Curry' Test

द गार्डियन की मानें तो कैप्टन ग्राहम गूच और माइक गेटिंग ने प्रॉन करी खाई थी. लेकिन रोबिन स्मिथ ने तो इसे छुआ तक नहीं था. बीमार वो भी थे. ख़ैर, मामला जो कुछ भी हो. सच यही है कि मैच की सुबह इंग्लैंड ने बमुश्किल ग्यारह प्लेयर खड़े किए. और इन ग्यारह में गेटिंग भी शामिल रहे. फटाफट एलेक स्टीवर्ट को कैप्टेंसी सौंपी गई. और ये काम बहुत ही जल्दी में हुआ.

लेकिन बहुत जल्दी मतलब कितनी जल्दी? तो जनाब इतनी जल्दी कि स्टीवर्ट अपनी क्रिकेट शर्ट भी नहीं पहन पाए. कप्तान के तौर पर अपने पहले टेस्ट में स्टीवर्ट ने ब्लेज़र के नीचे किसी तरह अरेंज की गई सफेद, प्लेन टी-शर्ट पहनकर टॉस किया. अब बात बीमारी की है, तो ये भी जान लें कि इंग्लैंड के स्कोरर क्लेम ड्राइवर भी बीमार हो गए. जिसके बाद इंग्लिश क्रिकेटर डरमॉट रीव की मां ने बचे हुए टूर में इंग्लैंड के ऑफिशल स्कोरर की भूमिका निभाई.

हां, तो फिर ये टेस्ट शुरू हुआ. इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया. नवजोत सिद्धू ने 106 और सचिन तेंडुलकर ने 165 रन बनाए. जबकि विनोद कांबली, प्रवीण आमरे और कपिल देव ने पचासे जड़े. टीम इंडिया ने 560 पर छह विकेट खोकर पारी घोषित कर दी. इंडिया के लिए सबने बैटिंग की, उनके तीन स्पिनर्स को छोड़कर. अब बारी आई इंग्लैंड की बैटिंग की. पहले टेस्ट में इंडियन स्पिनर्स ने 17 विकेट लिए थे.

इंग्लैंड ने शायद ही सोचा हो कि इस टेस्ट में भी यही होने वाला है. पहले ही टेस्ट में फॉलोऑन खेलने वाले इंग्लैंड को इस टेस्ट में भी फॉलोऑन खेलना पड़ा. इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 286 रन पर सिमट गई. वेंकटपति राजू ने चार, राजेश चौहान ने तीन और अनिल कुंबले ने दो विकेट निकाले.

जबकि माइक गैटिंग रनआउट हुए. जी हां, बीमार होने के बावजूद गैटिंग ने खेलने का फैसला किया था. हालांकि, बाद में उन्हें इस पर बहुत पछतावा हुआ होगा. कहते हैं कि गैटिंग जब रनआउट हुए तो वह रन लेने की कोशिश ही नहीं कर रहे थे. हुआ कुछ यूं कि गैटिंग ने वेंकटपति राजू की एक गेंद को स्टेप आउट करके खेला. गेंद सीधे शॉर्ट लेग पर खड़े प्रवीण आमरे के पास गई. और जब तक गैटिंग लौटते. आमरे के थ्रो पर मोरे स्टंप्स बिखेर चुके थे.

गैटिंग के लिए यह डबल शर्मिंदगी थी. क्योंकि फील्डिंग के वक्त वो ऑलरेडी कहर ढा चुके थे. इंडिया की इकलौती पारी के दौरान गैटिंग सिली पॉइंट पर फील्डिंग कर रहे थे. इयन सैलिस्बरी की एक गेंद किरण मोरे के ग्लव्स से लगकर हवा में हजारों फीट ऊपर गई. अरे लिट्रली मत समझिएगा. मतलब इतनी ऊपर थी कि हम लोग इसे हलुआ कैच कहते हैं.

और यही बात अंपायर RS राठौड़ ने भी सोची. तभी तो उन्होंने गेंद के हवा में रहते ही उंगली उठा दी. लेकिन गैटिंग के पेट में तो प्रॉन्स कूद रहे थे. उन्होंने ये हलुआ कैच भी गिरा दिया. और निराश अंपायर को अपनी उंगली वापस लौटानी पड़ी. दूसरी पारी में इंग्लैंड 252 रन ही बना पाया. इंडिया ने मैच को पारी और 22 रन से जीता.

सीरीज़ का अगला टेस्ट भी इंग्लैंड हारा. यह सीरीज़ अंग्रेजों ने 3-0 से गंवाई. बाद में इस सीरीज़ पर बहुत चुटकुले बने. अंग्रेजों की खूब लानत-मलानत हुई. प्लेयर्स के साथ कोच भी आलोचनाओं का पात्र बने. क्यों बने. क्योंकि सीरीज़ से पहले उन्होंने अनिल कुंबले की स्काउटिंग की थी. यानी वह साउथ अफ्रीका में खेल रहे कुंबले को देखने के विशेष काम से वहां गए थे. और वहां से लौटकर इंग्लिश कोच ने कहा,

'मैंने उसे एक भी गेंद लेग स्टंप से ऑफ स्टंप की ओर घुमाते नहीं देखा. मुझे नहीं लगता कि हमें उससे बहुत समस्या होगी.'

सीरीज़ के बाद आंकड़े देखे गए तो कुंबले ने इंग्लैंड को 21 झटके दिए थे. वो भी 19.80 की ऐवरेज के साथ.

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