सैनिकों के सामने घुटनों पर बैठी नन, कहा- "मुझे मार दो, लेकिन बच्चों को छोड़ दो"
म्यांमार में सेना की ज्यादती के किस्से कंपाने वाले हैं, 60 लोगों की जान जा चुकी है.
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Myanmar Protest में अब तक 60 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. विरोध प्रदर्शनों में महिलाएं अप्रत्याशित तौर पर हिस्सा ले रही हैं. फोटो AFP की है.
पिछले कई हफ्तों से म्यांमार में सेना के तख्तापलट का विरोध जारी है. नागरिक सड़कों पर निकल आए हैं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इस बीच सेना ने क्रूरता की सभी सीमाओं को लांघते हुए मानवता के खिलाफ एक के बाद एक संगीन अपराध किए हैं. सैनिकों ने प्रदर्शन में शामिल निर्दोष नागरिकों पर गोलियां चलाईं. सड़कों पर उनका खून बहा दिया. बच्चों और महिलाओं के सिर में गोलियां मारीं. यहां तक कि घायल नागरिकों की मदद कर रहे मेडिकल स्टाफ तक को नहीं बख्शा. "बच्चों को बख्श दो, मेरी जान ले लो" फिलहाल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक नन म्यांमार के सैनिकों के सामने घुटनों पर बैठी हुई है. उसके दोनों हाथ फैले हुए हैं. वो उनसे विनती कर रही है. कह रही है कि सैनिक बच्चों और नागरिकों को मारने की जगह उनकी जान ले लें. न्यूज एजेंसी AFP ने यह स्टोरी रिपोर्ट की है. वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. नन की विनती के बाद कुछ सैनिक भी उनके सामने हाथ जोड़कर अपने घुटनों पर बैठ जाते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक नन का नाम एन रोज नू त्वांग है. उनकी उम्र 45 साल है. वे उत्तरी म्यांमार के मितक्यीना शहर में रहती हैं. उन्होंने AFP को बताया-Kneeling before them in a northern Myanmar city, Sister Ann Rose Nu Tawng begged a group of heavily armed police officers to spare "the children" and take her life instead The image has gone viral and won her praise in the majority-Buddhist countryhttps://t.co/i1HcgJz4oc
— AFP News Agency (@AFP) March 9, 2021
"सैनिक बच्चों को पकड़ रहे थे. मुझे बच्चों की चिंता हो रही थी. मैं उनके सामने अपने घुटनों पर बैठ गई. मैंने सैनिकों से भीख मांगी कि वे बच्चों को गोलियां ना मारें और ना ही उन्हें प्रताड़ित करें. उन्हें अगर किसी को मारना है तो मुझे मार दें."हालांकि, नन की अपील का सैनिकों पर असर नहीं पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के तुरंत बाद सैनिकों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं. उन्होंने टियर गैस के गोले भी फेंके. नन ने अपने सामने एक प्रदर्शनकारी को मरते हुए देखा. मितक्यीना शहर में कल से ही बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरु हुए हैं. जिसके बाद से शहर में सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया गया है.
हाल फिलहाल में म्यांमार में सेना की तानाशाही और क्रूरता के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का परचम महिलाओं ने थाम लिया है. इनमें से कई महिलाओं की जान जा चुकी है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सेना की ज्यादती के कारण अब तक 60 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं.
इससे पहले भी नन एन रोज नू त्वांग ने 28 फरवरी को सैनिकों के सामने ऐसे ही विनती की थी. उन्होंने न्यूज एजेंसी AFP को बताया-
"28 फरवरी के बाद से मुझे ऐसा लगा कि मैं मर चुकी हूं. इसके बाद मैंने सैनिकों के सामने खड़े होने का फैसला किया. मुझे डर भी लगता है. लेकिन मैं बच्चों को मरते हुए नहीं देख सकती."नन एन रोज नू त्वांग का साथ चर्च की दूसरी सिस्टर भी दे रही हैं. 8 मार्च को एक सिस्टर मैरी जॉन पॉल ने भी सैनिकों से गोलियां ना चलाने की अपील की थी. हालांकि, सैनिक तब भी नहीं माने थे. सिस्टर मैरी जॉन पॉल ने कहा कि हम सेना की क्रूरता के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम बच्चों और अपने साथी नागरिकों की रक्षा करें. ऐंजल की भी खूब चर्चा हुई म्यांमार में जारी इस उथल पुथल के बीच 18 साल की ऐंजल की भी बहुत चर्चा हुई है. उसका असली नाम मा क्याल सिन था. उसे ताइक्वांडो पसंद था. चटपटे खाने और गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक के साथ उसे लोकतंत्र से प्रेम था. न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐंजल तीन मार्च को मैंडले शहर एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गई थी. उसने काली रंग की एक टीशर्ट पहन रखी थी. जिसपर लिखा था- सब ठीक हो जाएगा.
ऐंजल के पहुंचते ही सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों के ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए. उसके साथ उसकी एक दोस्त भी गई थी. दोनों मिलकर प्रदर्शनकारियों के लिए पानी ला रहे थे, ताकि धुएं से जल रही आंखों को धोया जा सके. इस बीच सैनिकों ने गोलियां चलानी भी शुरू कर दीं. एक गोली ऐंजल के सिर में लग गई. उसकी मौत हो गई.

ऐंजल 3 मार्च को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने गई थी.
ऐंजल की दोस्त ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जब वे दोनों पानी ला रही थीं, तो एंजल बार-बार मुझसे बैठने के लिए कह रही थी. ऐंजल को डर था कि खड़े होने पर मुझे गोली लग सकती है. लेकिन गोली उसे लग गई.
ऐंजल को सितारों से प्यार था. वो गले में स्टार पेंडेंट भी पहनती थी. और अपने दोस्तों से कहती थी कि अगर तुम्हें कोई तारा दिखे, तो समझना कि वो मैं हूं.
ऐंजल अपनी नोटबुक में अपना ब्लड ग्रुप और एक कांटैक्ट की जानकारी लिखी थी. साथ ही यह भी लिखा था कि अगर वो मर जाए, तो उसकी डेड बॉडी दान कर दी जाए.