जौनपुर: चोटें दिखातीं दलित महिलाओं का वीडियो वायरल, पुलिस ने अपने बचाव में क्या कहा?
दलित महिलाओं को इतना पीटा कि काले दाग पड़ गए!
Advertisement
सोशल मीडिया पर यूपी के जौनपुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ महिलाएं दिख रही हैं. ये महिलाएं अपने शरीर पर चोटों के निशान दिखा रही हैं. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि इन महिलाओं को पुलिस ने बुरी तरह पीटा है. पत्रकार पीयूष राय ने इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है,
'जौनपुर से महिलाओं के डराने वाले वीडियो सामने आए हैं, इन वीडियो में इनके शरीर पर कथित तौर पर जौनपुर पुलिस द्वारा बुरी तरह से पीटे जाने के निशान दिख रहे हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुलिस की बर्बरता के दावों का खंडन किया है. वे कहते हैं कि वीडियो में दिख रही महिलायें एक मामले में आरोपी हैं और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.'
जौनपुर पुलिस का क्या कहना है? इस घटना को लेकर जौनपुर पुलिस का भी बयान आया है. उसने बताया है कि यह मामला जौनपुर के बदलापुर इलाके का है. बदलापुर के क्षेत्राधिकारी (सीओ) अशोक कुमार ने मीडिया को बताया,Horrific visuals of women showing signs of brutal torture inflicted on them allegedly by the UP's Jaunpur police has surfaced. A senior cop has junked claims of police brutality. Says the woman in the video are accused in a case and were arrested ans sent to jail. pic.twitter.com/GJZymnuEXN
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) March 24, 2022
'रविवार, 20 मार्च को थाना बदलापुर क्षेत्र के देवरिया गांव में दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना हुई थी, जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज कर नामित अभियुक्तों को नियम के अनुसार गिरफ्तार किया गया था. इनका मेडिकल परीक्षण कराने के बाद न्यायालय भेजा गया था. अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, इसमें दिख रहीं महिलाएं मुकदमे में आरोपी थीं. इन सभी का मेडिकल परीक्षण कराकर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया था. पुलिस थाने में किसी भी महिला के साथ अभद्रता या मारपीट नहीं की गई थी. सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोप असत्य व निराधार हैं.'
पुलिस पर कर दिया था हमला आजतक से जुड़े राजकुमार सिंह ने सीओ अशोक कुमार द्वारा बताई गई घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रविवार, 20 मार्च को बदलापुर के देवरिया गांव में दलित समाज के दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. आरोप है कि जब पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची तो इस दौरान एक पक्ष ने पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया. इस हमले में एक पुलिसकर्मी कांस्टेबल राजेश यादव घायल हो गए थे. घायल कांस्टेबल की तहरीर पर पुलिस ने 14 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया था और छह महिलाओं सहित 8 लोगों को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था. वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहीं महिलाएं भी गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल थीं. पीड़ित महिलाओं का क्या कहना है? बदलापुर के देवरिया गांव की पीड़ित दलित महिलाओं ने आजतक से बातचीत में पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया. मामले की एक पीड़िता शीला ने बताया,थाना बदलापुर अंतर्गत ग्राम देवरिया में दो पक्षों में हुई मारपीट का वायरल वीडियो के संबंध में क्षेत्राधिकारी बदलापुर की बाइट। pic.twitter.com/wI6W4DpuIS
— Jaunpur police (@jaunpurpolice) March 24, 2022
'कुछ समय पहले हमने गांव की बस्ती में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करके एक चबूतरा बनवाया था. इससे बस्ती के ही कुछ लोग रंजिश रखने लगे थे. इसे लेकर लेकर 20 मार्च को विवाद बढ़ गया. इस बीच हमारे विरोधियों ने बदलापुर थाने की पुलिस को फोन करके बुला लिया.'शीला ने आगे कहा,
'विवाद के दौरान पहुंची पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए महिलाओं के साथ-साथ नाबालिग बच्चों को भी बुरी तरह कपड़ा उतारकर पीटा. पुलिस की पिटाई में सबकी चमड़ी काली हो गई...पुलिस ने घर में घुसकर हम लोगों के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दीं. और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी.'पीड़ित महिला शीला के मुताबिक उन्होंने घटना को लेकर जौनपुर के एसपी को एक प्रार्थना पत्र दिया है और उनसे न्याय दिलाने की मांग की है. पुलिस ने कहा- मूर्ति नहीं, केले के पेड़ के चलते हुआ था विवाद उधर, इस विवाद को लेकर आजतक के राजकुमार सिंह ने जब क्षेत्राधिकारी (सीओ) बदलापुर अशोक कुमार से बात की तो उन्होंने इन महिलाओं के दावे को गलत बताया. अशोक कुमार ने कहा,
'यह मामला बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति और चबूतरे से जुड़ा नहीं है. 20 मार्च को देवरिया गांव में दोनों पक्षों में इसलिए विवाद हुआ था, क्योंकि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष का केले का पेड़ काट दिया था.'इस दौरान सीओ अशोक कुमार ने एक बार फिर यह दोहराया कि महिलाओं को पुलिस ने नहीं पीटा है और ना ही उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया.