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बंगाल में प्रोजेक्ट रुका, दूसरी पार्टी के सांसद ने TMC को इलेक्टोरल बॉन्ड से करोड़ों दिए, काम चल पड़ा

YSRCP सांसद और कारोबारी अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी से जुड़ी 2 कंपनियां हैं चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड (CGWPL) और मध्य प्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (MPWMPL). इन दोनों ने मिलकर TMC को इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए 46 करोड़ रुपये दिए.

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YSRCP MP firm group gave Rs 46 crore electoral bonds to TMC
YSRCP सांसद की कंपनी ने TMC के लिए 46 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. (Photo - FB/Alla Ayodhya Rami Reddy)
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हरीश
26 अप्रैल 2024 (Published: 12:29 PM IST)
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YSRCP सांसद और कारोबारी अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी (Alla Ayodhya Rami Reddy) के मालिकाना हक़ वाली 2 कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) के ज़रिए TMC को 46 करोड़ रुपये दिए हैं. चुनाव आयोग (ECI) के जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी 2022 में रेड्डी की कंपनी चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड (CGWPL) ने 40 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (MPWMPL) ने 6 करोड़ रुपये TMC को बॉन्ड के ज़रिए दिए. 

मध्य प्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने मई 2019 में BJP को भी 25 लाख रुपये चुनावी बॉन्ड के ज़रिए दिए थे. साथ ही, चेन्नई ग्रीन वुड्स ने अप्रैल 2022 में BRS के लिए 50 करोड़ रुपये का और अक्टूबर 2023 में कांग्रेस के लिए 15 करोड़ रुपये का चुनावी बॉन्ड खरीदा था.

द इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े जॉय मज़ूमदार की रिपोर्ट के मुताबिक़, कोलकाता के 22 MGD वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) के ट्रांसमिशन मेन और पंपिंग स्टेशंस के डिजाइन, बनाने, काम करने और रखरखाव का एक न्यू टाउन प्रोजेक्ट था. ये प्रोजेक्ट 2018-19 में पश्चिम बंगाल पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (WBPHED) ने रेड्डी के हैदराबाद स्थित रैमकी इंफ़्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और फ़र्नेस फ़ैब्रिका इंडिया लिमिटेड (FFIL) के जॉइंट वेंचर को दिया था. इसे एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से भी मदद मिल रही थी.

2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान FFIL वित्तीय संकट में पड़ गया. इसके कई कर्मचारी न्यू टाउन प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने के लिए रैमकी इंफ़्रास्ट्रक्चर में शामिल हो गए. रैमकी के एक अफसर ने इस बारे में बताया कि प्रशासनिक कठिनाइयों के कारण काम रुक गया और प्रोजेक्ट अटक गया. लेकिन बाद में PHED ने प्रोजेक्ट उन्हें फिर ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद जनवरी 2022 में काम फिर से शुरू हो गया. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के रिकॉर्ड के मुताबिक़, FFIL नवंबर 2023 में दिवालिया हो गया. इंडियन एक्सप्रेस ने इससे जुड़े कई स्टेकहोल्डर्स से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ें - एक क्लिक में इलेक्टोरल बॉन्ड देने वालीं टॉप-10 कंपनियां की डिटेल!

अयोध्या रामी रेड्डी को 2020 में YSRCP से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया था. हैदराबाद की जिन 2 कंपनियों ने TMC के पक्ष में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे, उनमें एक थी मध्य प्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट. इसकी 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है अर्ध होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें रेड्डी की 93.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. दूसरी कंपनी है चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड. इसका स्वामित्व रैमकी इंटीग्रेटेड टाउनशिप लिमिटेड के पास 100 प्रतिशत है. इसे 2006 में बैंगलोर में TSI टेक पार्क प्राइवेट लिमिटेड (पुणे) के रूप में स्थापित की गई थी.

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस को 1609 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले हैं. BJP के बाद TMC दूसरी ऐसी पार्टी है, जिसे सबसे ज़्यादा चुनावी चंदा मिला है. बीते दिनों ये भी ख़बर आई थी कि TMC के पूर्व राज्यसभा सांसद सृंजॉय बोस के परिवार से जुड़ीं तीन कंपनियों ने TMC को बॉन्ड के ज़रिए 23.30 करोड़ रुपये दिए हैं. ये पैसे TMC के 2021 विधानसभा चुनाव जीतने और सरकार बनाने के तुरंत बाद दिए गए थे. सृंजॉय बोस को फिलहाल CBI ने सारदा चिटफंड केस से जुड़े आरोप में गिरफ़्तार कर रखा है.

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