youtuber manish kashyap surrenders at jagdishpur police station bihar

घर में कुर्की करने पहुंची पुलिस, मनीष कश्यप ने थाने में सरेंडर किया

बिहार के मजदूरों का फर्जी वीडियो फैलाने का आरोप है.
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थाने में मनीष कश्यप. (फोटो- ट्विटर)
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विवादों में चल रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है (Youtuber Manish Kashyap Surrenders Bihar Police). पुलिस की कई टीमें कई दिनों से उसे ढूंढ रही थीं. हाल ही में मनीष कश्यप ने बिहार के मजदूरों से जुड़ा एक विवादित वीडियो पोस्ट किया था. बाद में पता चला कि वो वीडियो फर्जी है. मामले पर खूब बवाल हुआ था.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 मार्च, शनिवार की सुबह ही पुलिस की टीम मझौलिया थाना स्थित महना डुमरी गांव में मनीष कश्यप के घर की कुर्की करने पहुंची थी. इसके कुछ देर बाद ही मनीष ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया. बेतिया पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने खुद इस बात की जानकारी दी है.

बता दें, पटना और पश्चिमी चंपारण पुलिस के साथ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की 6 टीमें बीते दिनों से लगातार आरोपी के ठिकानों पर दबिश दे रही थीं. गुरुवार, 16 मार्च को बिहार की EOU ने मनीष कश्यप के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट लिया था. इसके बाद यूट्यूबर के पटना, दिल्ली समेत सभी संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही थी. बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को भी फ्रीज करा दिया था. बताया गया कि इन खातों में कुल 42.11 लाख रुपये की राशि जमा है. 

बिहार पुलिस ने ये भी बताया कि मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के साक्ष्य भी मिले हैं. 

30 फेक वीडियो मिले थे

मनीष पर आरोप है कि उसने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले के फेक ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो और खबरें वायरल की थी. तब बिहार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके खिलाफ FIR दर्ज की थी. कार्रवाई करते हुए EOU ने बिहार के जमुई जिला स्थित लक्ष्मीपुर थाने के निवासी अमन कुमार को गिरफ्तार किया था. वहीं, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ें- मनीष कश्यप ने 'बिहारियों पर हमले' को साबित करने के लिए जो वीडियो डाले, उनका सच क्या है?

जांच के आधार पर बिहार पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया एक वीडियो किसी की हत्या का है. आगे जांच बढ़ी तो पता चला कि ये किसी की आत्महत्या का पुराना वीडियो है और इसका बिहार में रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं था. एक और वीडियो भी पुरानी घटना से संबंधित है. ये वीडियो झारखंड और बिहार के दो लोगों के व्यक्तिगत विवाद से जुड़ा था. यानी इसका भी तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं था. सभी फर्जी वीडियो थे.


वीडियो: बिहारी मजदूरों की 'पिटाई' वायरल करने वाले मनीष कश्यप की पूरी कहानी

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