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कौन हैं इल्केर आइची, जिन्हें Tata Sons ने Air India की कमान सौंप दी है?

टर्किश एयरलाइंस को कामयाबी का स्वाद चखा चुके हैं.

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इलकर आइची. (तस्वीर- गेटी इमेजिज)
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दुष्यंत कुमार
14 फ़रवरी 2022 (Updated: 14 फ़रवरी 2022, 04:52 PM IST) कॉमेंट्स
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Tata Sons ने एयर इंडिया की कमान इल्केर आइची के हवाले करने का फैसला किया है. उन्हें Air India का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) नियुक्त किया गया है. सोमवार 14 फरवरी को ये जानकारी देते हुए टाटा संस ने बताया कि टर्किश एविएशन इंडस्ट्री लीडर इल्केर आइची एक अप्रैल 2022 से एयर इंडिया में अपनी जिम्मेदारियां संभालेंगे. बयान में टाटा संस ने बताया कि 14 फरवरी की सुबह ही एयर इंडिया बोर्ड की मीटिंग हुई थी. मीटिंग में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी बतौर स्पेशन इनवाइटी मौजूद रहे. इसी बैठक में इल्केर आइची को एयर इंडिया का नया CEO और MD नियुक्त करने का फैसला लिया गया.

कौन हैं इल्केर आइची?

इल्केर आइची टर्किश एयरलाइंस के चेयरमैन रह चुके हैं. उससे पहले वो कंपनी के बोर्ड में भी शामिल रहे. 1971 में इस्तान्बुल में जन्मे आइची ने 1994 में तुर्की की बिलकेंट यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है. 1995 में यूनाइटेड किंगडम की लीड्स यूनिवर्सिटी में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस पर रिसर्च भी किया. दो साल बाद 1997 में उन्होंने इस्तान्बुल स्थित मारमरा यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स की डिग्री ली. टाटा संस द्वारा एयर इंडिया का CEO और MD बनाए जाने पर इल्केर आइची ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है,
"टाटा समूह में शामिल होना और एक प्रतिष्ठित एयरलाइन का नेतृत्व स्वीकार करना मेरे लिए सम्मान और खुशी की बात है. एयर इंडिया में मेरे सहयोगियों और टाटा ग्रुप के नेतृत्व के साथ काम करते हुए हम एयर इंडिया की विरासत का लाभ उठाएंगे. एक अलग बेहतरीन हवाई अनुभव के साथ इसे दुनिया की सबसे अच्छी एयरलाइंस में से एक बनाएंगे."
वहीं टाटा संस ने इल्केर आइची की प्रशंसा में बताया कि हाल के समय में उन्हीं के नेतृत्व में टर्किश एयरलाइंस ने काफी सफलता हासिल की है.

एयर इंडिया-टाटा डील

चलते-चलते एयर इंडिया के भारत सरकार से वापस टाटा समूह के हाथ में जाने की कहानी शॉर्ट में बता देते हैं. कभी टाटा समूह द्वारा ही शुरू की गई एयर इंडिया साल 2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही घाटे में चल रही थी. बिकने से ठीक पहले तक उस पर 61 हजार 562 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ चुका था. सरकार इसे बेचने की पहले भी कई कोशिशें कर चुकी थी. लेकिन आखिरकार पिछले साल बात बनी. विनिवेश की लंबी प्रक्रिया और बोली के बाद आखिरकार सरकार ने 25 अक्टूबर 2021 को 18 हजार करोड़ रुपये में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा संस के साथ एक समझौता किया. डील में कहा गया था कि टाटा सरकार को 2700 करोड़ रुपये नकद देगी और एयरलाइंस पर बकाया 15 हजार 300 करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी भी स्वीकार करेगी. तमाम औपचारिकताओं के बाद इसी साल 26 जनवरी को एयर इंडिया आधिकारिक रूप से टाटा समूह के हवाले कर दी गई.

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