मौत, डर और थ्रिल... वायनाड हादसे के बीच जिस 'डार्क टूरिज्म' की बात हो रही है, वो होता क्या है?
Dark Tourism क्या है? ऐसी जगह जिसका इतिहास मौत, त्रासदी, पीड़ा या डर से जुड़ा है. कई लोग किसी हादसे के तुरंत बाद उस जगह पर पहुंच जाते हैं. कई बार लोग श्मशान घाट या किसी मर्डर वाली जगह पर भी जाते हैं. ऐसी जगहों पर जाना खतरनाक हो सकता है.
केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad Landslides) में हुए भूस्खलन में 280 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इस त्रासदी के बाद अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि वो इन क्षेत्रों में ना जाएं. साथ ही उन्होंने ‘डार्क टूरिज्म' (Dark Tourism) के खिलाफ चेतावनी दी है. अधिकारियों का कहना है कि ‘डार्क टूरिज्म' बचाव कार्यों में बाधा डाल सकता हैं. लेकिन ये ‘डार्क टूरिज्म' है क्या? बताएंगे इस आर्टिकल में. लेकिन उससे पहले एक जरूरी बात.
केरल पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. लिखा है,
“कृपया घूमने के लिए आपदा वाले क्षेत्र में ना जाएं. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित होगा. किसी तरह की मदद के लिए 112 पर कॉल करें.”
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क्या है Dark Tourism?डर में मजा टाइप… जैसे कई लोग खतरों के खिलाड़ी बन जाते हैं और खतरनाक एक्टिविटी करते हैं. जैसे- शार्क के साथ तैरना, बिल्डिंग से कूदना (जाहिर है, सुरक्षा के सभी उपायों के साथ), किसी गुफा में अकेले चले जाना या पहाड़ पर अकेले ही चढ़ जाना. ऐसा करने में मजा आता होगा या थ्रिल मिलता होगा, शायद. डार्क टूरिज्म भी कुछ-कुछ इसी तरह का है.
ऐसी जगह जिसका इतिहास किसी की मृत्यु से जुड़ा हो. जिसका इतिहास सुखद ना हो. या उस जगह का संबंध किसी हादसे से जुड़ा हो. उस जगह पर कोई हिंसा हुई हो. जहां जाकर इतिहास के साथ-साथ पीड़ा और डर की अनुभूति हो. ऐसी जगहों पर जाना डार्क टूरिज्म कहलाता है. जैसे- कब्रिस्तान या श्मशान घाट में जाना, या उस कमरे में जाना जहां लाशों को जलाया जाता है, जहां युद्ध हुआ हो या किसी पुरानी जेल में जाना. उस जगह पर जाना जहां किसी को फांसी दी गई हो. या किसी क्राइम सीन पर जाना.
कभी-कभी किसी हादसे के तुरंत बाद लोग उस जगह को देखना चाहते हैं. टीवी या मोबाइल पर नहीं बल्कि वहां जाकर. केरल पुलिस की भी चिंता का कारण ये है कि कहीं इस भूस्खलन के बाद लोग उस जगह पर ‘डार्क टूरिज्म’ के लिए ना पहुंच जाएं.
क्यों फेमस है डार्क टूरिज्म?चेर्नोबिल एक जगह है, यूक्रेन में. 1986 में वहां न्यूक्लियर हादसा हुआ था. इसके बाद यहां खतरा बना रहता है. वहां ऐसी खतरनाक किरणें होती हैं, जिन्हें देखा नहीं जा सकता. लेकिन उनसे बीमारी या मौत भी हो सकती है. ये जानते हुए भी कुछ लोग इस जगह पर जाते हैं. नेटफ्लिक्स पर ‘चेर्नोबिल’ नाम से एक सीरीज है. एक और सीरीज है- ‘डार्क टूरिस्ट’. दोनों सीरीज ठीक-ठीक पॉपुलर हैं. इनसे डार्क टूरिज्म के कॉन्सेप्ट को ख्याति मिली है.
Ukraine भी जाना चाहते हैं लोगपासपोर्ट-फोटो.ऑनलाइन ने एक इस बारे में एक अध्ययन किया. 900 से अधिक अमेरिकी लोगों का सर्वे किया गया. इनमें से 82 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने कम से कम एक बार डार्क टूरिज्म किया है. कई लोगों ने कहा कि वो उस क्षेत्र में जरूर जाना चाहेंगे जहां कोई युद्ध हुआ हो. उन्होंने कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद वो यूक्रेन भी जाना चाहेंगे. इसी अध्ययन में ये भी पाया गया कि इस काम में किसी एक खास उम्र के लोग सक्रिय नहीं हैं. बल्कि 25 साल से लेकर 55 साल तक के लोग डार्क टूरिज्म को लेकर उत्सुक हैं.
भारत में Dark Tourismभारत में लोग डार्क टूरिज्म के लिए पोर्ट ब्लेयर के सेल्यूलर जेल, उत्तराखंड की रूपकुंड झील या जैसलमेर के कुलधरा जैसी जगहों पर जाते हैं. सेल्यूलर जेल अंडमान निकोबर द्वीप समूह पर है. यहां ‘काला पानी’ की भयावह सजा दी जाती थी. रूपकुंड झील में कई लोगों के कंकाल मिले थे. ये कंकाल कहां से आए? इसका ठीक-ठीक पता नहीं चला है. शायद इसलिए भी लोग यहां जाने के लिए उत्सुक रहते हैं. राजस्थान के कुलधरा गांव के बारे में कहा जाता है कि एक रात यहां से गांव के सारे लोग अचानक गायब हो गए थे.
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