योगी सरकार के संपत्ति रजिस्ट्री को लेकर लगने वाले स्टाम्प शुल्क के नए नियम में क्या है?
नए नियम के बाद विवादों में कमी आएगी?
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उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ. (तस्वीर: पीटीआई)
अभी तक जमीन, मकान, दुकान आदि खरीदने वाले लोग प्रॉपर्टी डीलर, वकील और रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों से संपर्क करते थे. और इसके बाद मौखिक तौर पर ही जमीन की कीमत तय कर दी जाती थी. इसी आधार पर स्टाम्प शुल्क भी तय होता था. ऐसे में प्रॉपर्टी खरीदने वाला पक्ष अधिकतर संशय में रहता था कि उसे वाज़िब कीमत पर प्रॉपर्टी मिली है या नहीं. अब कैबिनेट के इस फैसले के बाद खरीददारों को कई जगह भाग-दौड़ करने की जरूरत नहीं रह जाएगी. सिर्फ डीएम ऑफिस से यह काम हो जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की संपत्ति का वास्तव मूल्य पता करने के लिए डीएम ऑफिस में आवेदन करने के लिए 100 रुपये की फीस तय की है. इसके तहत डीएम ऑफिस से संपत्ति की तय कीमत पर ही स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी. इस फैसले से योगी सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रॉपर्टी से संबंधित दोनों पक्षों के बीच किसी तरह के विवाद की गुंजाइश करीब-करीब खत्म हो जाएगी. स्टाम्प चोरी जैसे केसों में भी कमी आएगी.स्टांप शुल्क को लेकर होने वाले विवाद को खत्म करने हेतु #UPCabinet ने लिया महत्वपूर्ण फैसला। कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति का मूल्य पता करने के लिए जिलाधिकारी के पास कर सकता है आवेदन।
— सुरेश कुमार खन्ना (@SureshKKhanna) June 15, 2021