The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • West Bengal panchayat election...

बैलेट बॉक्स जलाए, हिंसा-गोलीबारी में 13 की मौत, 10 प्वाइंट में जानिए बंगाल में वोटिंग के दिन का पूरा हाल

हिंसा की इतनी सारी घटनाओं के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने न शांति बनाए रखने की अपील की और न उनका कोई बयान आया.

Advertisement
Bengal panchayat election Kolkata BJP
हिंसा को लेकर ममता बनर्जी का अब तक कोई बयान नहीं आया है (फोटो- पीटीआई)
pic
साकेत आनंद
8 जुलाई 2023 (Updated: 8 जुलाई 2023, 07:35 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पंचायत चुनाव के दिन पश्चिम बंगाल (Bengal panchayat election) एक बार फिर भीषण हिंसा की चपेट में रहा. राज्य के कई हिस्सों में हिंसा के कारण पिछले 24 घंटों में 13 लोगों की मौत हो चुकी है. कई कार्यकर्ता घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं. कई जिलों से पोलिंग बूथों में तोड़फोड़, बैलेट पेपर में आग लगाने जैसी घटनाएं सामने आई. जान गंवाने वालों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 8 कार्यकर्ता, CPI(M) के तीन, BJP और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता शामिल हैं. हिंसा की इतनी सारी घटनाओं के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से शांति बनाए रखने की अपील नहीं की. वोटिंग रुकने तक उनका कोई बयान सामने नहीं आया.

इधर, सत्ताधारी TMC ने हिंसा की जिम्मेदारी केंद्रीय बलों पर डाल दी और कहा कि वे हिंसा रोकने में नाकाम रहे हैं. वहीं विपक्ष इसके लिए TMC को जिम्मेदार बता रहा है. पंचायत चुनाव के लिए हिंसा को लेकर सबके अपने-अपने दावे हैं. जानिए अब तक क्या-क्या हुआ.

1. राज्य में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए एक चरण में वोटिंग हुई. सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले ही हिंसा की खबरें आने लगीं. सुबह ही बीजेपी ने कूचबिहार जिले में अपने एक पोलिंग एजेंट माधव बिस्वास का वीडियो शेयर किया है. TMC कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए बीजेपी ने कहा कि माधव को बुरी तरह मार दिया गया. माधव कूचबिहार के फालिमारी गांव में पोलिंग एजेंट था. हमले के बाद इस बूथ पर वोटिंग रोक दी गई. यहां से बीजेपी की उम्मीदवार माया बर्मन हैं. माया ने आरोप लगाया कि 'टीएमसी के गुंडों' ने उनके एजेंट पर बम फेंका और मार दिया. उनके ऊपर भी हमला किया गया.

2. हिंसा के बाद बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी. सुवेंदु ने आरोप लगाया कि पुलिस की मौजूदगी में 'टीएमसी के गुंडों' ने 20 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथों पर कब्जा कर लिया. राज्य पुलिस के सहयोग के बिना केंद्रीय बल भी कुछ नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि बंगाल के राज्यपाल को हिंसा पर एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजनी चाहिए. सैकड़ों बूथों पर दोबारा चुनाव होंगे. सुवेंदु ने कहा कि ये चुनाव नहीं...यह 'जंगल राज' है.

कोलकाता में बीजेपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (फोटो- पीटीआई)

3. इधर, तृणमूल कांग्रेस ने भी सुबह ट्विटर पर बताया कि उसके तीन कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. पार्टी ने कहा कि BJP, CPIM और कांग्रेस खूब जोर लगाकर केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग कर रही थी. तो जब उनकी जरूरत सबसे ज्यादा है तो केंद्रीय बल कहां हैं? हालांकि हिंसा में जान गंवाने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़कर आठ हो गई. टीएमसी ने कार्यकर्ताओं पर हमले के लिए बीजेपी और CPI(M) पर आरोप लगाया.

4. बीती रात से अब तक राज्य में CPI(M) के तीन कार्यकर्ताओं की भी मौत हुई है. पूर्वी बर्धमान में एक CPI(M) कार्यकर्ता की मौत हुई है. झड़प में घायल होने के बाद 32 साल के रजीबुल हक को कोलकाता के एक अस्पताल में लाया गया था. यहीं पर उनकी मौत हो गई. कूचबिहार में भी पार्टी के एक कार्यकर्ता हफीजुर रहमान को गोली मारी गई.

5. हिंसा में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की भी जान गई है. कांग्रेस सांसद और पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि लोग वोट डालने जा रहे हैं तो पुलिस उन पर लाठीचार्ज कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में खासकर मुर्शिदाबाद में स्थिति बेहद खराब है. मैं ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूं कि आप किस तरह का लोकतंत्र चाहती हैं? आपके हाथ खून से रंगे हैं. बंगाल में खून के धब्बों के साथ पंचायत की जरूरत नहीं है.

हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करतीं कांग्रेस कार्यकर्ता (फोटो- पीटीआई)

6. हिंसा की घटनाओं पर गृह मंत्री अमित ने भी बीजेपी नेताओं से बात की है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने हिंसा पर बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकन्ता मजूमदार से फोन पर बात कर मामले की जानकारी ली है. साथ ही गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक से कहा गया है कि बंगाल चुनाव में हो रही हिंसा पर रिपोर्ट को लेकर उन्हें अपडेट देते रहें. निशिथ प्रमाणिक ने ANI से बात करते हुए कहा कि चुनाव गणतंत्र का महोत्सव होता है लेकिन बंगाल में इस बार का पंचायत चुनाव गणतंत्र का महोत्सव नहीं बल्कि मृत्यु का उत्सव बन गया है. जब से चुनावों की घोषणा हुई है उस दिन से आज तक सरकार के पास भी मौत के सही आंकड़े नहीं होंगे.

7. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने नॉर्थ-24 परगना जिले का दौरा किया. वहां उन्हें हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की और कहा कि ये खून खराबा रुकना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि लोगों ने उनकी गाड़ी रोककर बताया कि किस तरह हत्याएं की जा रही हैं, लोगों को पोलिंग बूथ के अंदर घुसने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए चिंता की बात होनी चाहिए. लोकतंत्र के लिए सबसे डरावना दिन है...चुनाव बैलेट के जरिये होना चाहिए ना कि बुलेट से.

8. कई ऐसी तस्वीरें आईं, जहां लोग बैलेट बॉक्स उठाकर भागते दिखे. कूचबिहार जिले से एक तस्वीर आई जहां बैलेट बॉक्स को जलाया गया था. कई पोलिंग बूथ पर झड़प और हिंसा के कारण वोटिंग रोक दी गई. इस हिंसा के खिलाफ बीजेपी, कांग्रेस और वामदलों ने सरकार और राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया. हिंसा की घटनाओं पर राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि ने वोटों से छेड़छाड़ की शिकायत की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद दोबारा चुनाव कराने की संभावना पर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिंसा की ज्यादातर घटनाएं तीन-चार जिलों नॉर्थ-24 परगना, साउथ-24 परगना और मुर्शिदाबाद से रिपोर्ट हुई हैं.

राज्य चुनाव आयोग ऑफिस के सामने प्रदर्शन करते लेफ्ट के कार्यकर्ता (फोटो- ट्विटर/CPIM)

9. पंचायत चुनाव में दोपर 3 बजे तक 51.06 फीसदी वोटिंग हुई थी. 63,229 ग्राम पंचायत की सीटों, 9,730 पंचायत समिति और 928 जिला परिषद की सीटों पर वोटिंग हुई है. इसके लिए चुनाव में 2 लाख से ज्यादा उम्मीदवार खड़े थे. चुनाव नतीजे 11 जुलाई को घोषित होंगे.

10. हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 485 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया था. अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों के करीब 65 हजार और राज्य पुलिस के 70 हजार कर्मी तैनात हैं. राज्य में पिछले महीने पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही हिंसा शुरू हो गई थी. इसे देखते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया था. इसे फैसले को ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था और कहा था कि चुनाव करवाना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं हो सकता है.

चुनावी हिंसा का डरावना इतिहास

राज्य में 2018 के पंचायत चुनाव में भी भारी हिंसा हुई थी. बम फेंके जाने से लेकर बूथ कैप्चरिंग सब हुई थी. ठीक चुनाव वाले दिन 13 लोगों की मौत हुई थी. पूरे चुनाव के दौरान कम से कम 20 लोगों ने जान गंवाई थी. चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी 34 परसेंट सीटों पर निर्विरोध जीत गई थी. हिंसा के बीच TMC के हिस्से करीब 90 फीसदी सीट आई थी.

थोड़ा और पीछे जाएं तो राज्य में सबसे भीषण हिंसा साल 2003 के पंचायत चुनाव में हुई थी. तब राज्य में लेफ्ट फ्रंट की सरकार थी. पूरी चुनावी प्रकिया के दौरान 76 लोग मारे गए थे. इससे सबसे ज्यादा सीपीएम के ही 31 कार्यकर्ता थे. कांग्रेस के 19 और टीएमसी और बीजेपी के आठ-आठ कार्यकर्ता मारे गए थे.

वीडियो: बंगाल हिंसा का कड़वा सच, खुद ममता बनर्जी झेल चुकीं पर ये हिंसा क्यों नहीं रुकती?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement