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भारत के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी ने 93 की उम्र में कोरोना वायरस को हराया

और उन्हें वेंटिलेटर की भी जरूरत नहीं पड़ी.

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शंकर दयाल शर्मा (बाएं) भारत के 9वें राष्ट्रपति थे. उनकी पत्नी विमला शर्मा (दाएं, फाइल फोटो) 93 साल की उम्र में कोरोना से रिकवर हुई हैं. फोटो: विकीमीडिया/फेसबुक
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निशांत
26 जून 2020 (Updated: 26 जून 2020, 08:14 AM IST)
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भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा को 25 जून को AIIMS से डिस्चार्ज किया गया. उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. उनकी उम्र 93 साल है. वो दिल्ली के उन सबसे बुजुर्ग लोगों में से एक हैं, जो कोरोना से रिकवर हुए हैं. उनके परिवार का कहना है कि उनका ऑक्सीजन लेवल 5 जून को गिरने लगा. तब उनका टेस्ट किया गया. 6 जून को आई रिपोर्ट में उन्हें पॉजिटिव पाया गया. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उनके बेटे आशुतोष दयाल शर्मा ने बताया,
उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, ये हैरान करने वाला था क्योंकि वो घर से बाहर नहीं जाती हैं. हम उन्हें AIIMS लेकर भागे. पहले चार दिन उनकी हालत थोड़ी बिगड़ी. उनकी उम्र 93 साल है लेकिन वायरस की वजह से उन्हें खोना बहुत बुरा होता.
वेंटिलेटर सपोर्ट की ज़रूरत नहीं पड़ी 18 दिन एडमिट रहने के दौरान उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर नहीं रखा गया. पंद्रह दिन बाद उनका फिर से टेस्ट हुआ और रिपोर्ट निगेटिव आई. आशुतोष कहते हैं,
23 जून को हमने डिस्चार्ज की तैयारी शुरू कर दी थी. हम डॉक्टर निश्चर के संपर्क में थे, जो इलाज में मदद कर रहे थे. पूरा परिवार खुश है कि हम उन्हें घर ले आए. लेकिन अभी भी ये लंबा रास्ता है...वो प्रति घंटे 2-3 लीटर नेज़ल ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
AIIMS के एक सीनियर डॉक्टर का कहना है कि एंटीबायोटिक्स के अलावा उन्हें हाई फ्लो नेज़ल कैनुला में रखा गया है. ये ऐसी टेक्निक है, जिसकी मदद से बड़ी मात्रा में शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है. अगर इससे भी मदद नहीं मिलती है तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखा जाता है. शंकर दयाल शर्मा शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति थे. 1992 से 1997 के बीच वो राष्ट्रपति रहे. इससे पहले वो भारत के उपराष्ट्रपति रह चुके थे. वह 1952 से 1956 के बीच तत्कालीन भोपाल स्टेट के मुख्यमंत्री थे. 1956 से 1967 के बीच केंद्र में शिक्षा, कानून, लोकनिर्माण, इंडस्ट्री एंड कॉमर्स जैसे अहम मंत्रालयों का चार्ज संभाला. 1972-74 के बीच वो कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. 1974 में फिर सरकार में लौटे और 1977 तक संचार मंत्री रहे. उनके राष्ट्रपति रहते कई उतार-चढ़ावों के बीच पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एचडी देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल देश के प्रधानमंत्री रहे.
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