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"अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े" - अमरीकी रिपोर्ट में भारत, चीन और पाकिस्तान को क्या कहा गया?

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बड़ा हमला बोला

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अमेरिकी रिपोर्ट में दावा- भारत में 2021 में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े | एंटनी ब्लिंकेन (फाइल फोटो: आजतक)
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अभय शर्मा
3 जून 2022 (Updated: 3 जून 2022, 12:10 PM IST) कॉमेंट्स
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अमरीका (America) के विदेश मंत्री (Foreign Secretary) एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर टिप्पणी की है. अमरीका के वाशिंगटन में गुरूवार, 2 जून को उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम यानी USCIRF की रिपोर्ट जारी की. इसी दौरान एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा कि भारत में लोगों और उनके धार्मिक स्थानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों में हत्याएं, मारपीट और उत्पीड़न भी शामिल हैं. अमरीकी विदेश मंत्री के मुताबिक अमरीका दुनिया भर में धार्मिक आजादी के पक्ष में मजबूती से खड़ा रहेगा.

भारत के लिए अमरीका ने क्या कहा?

एंटनी ब्लिंकन ने अपने संबोधन में भारत का जिक्र करते हुए कहा,

'अमरीका दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ा रहेगा. हम नागरिकों और समाज के हित में अन्य देशों की सरकारों और संगठनों के साथ काम करते रहेंगे. हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक परंपरा को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता मिलती रहे. इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति कैसी है और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार कहां-कहां खतरे में हैं. उदाहरण के तौर पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और कई धर्मों का घर माने जाने वाले भारत में लोगों और उनके धार्मिक स्थानों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं.'

एंटनी ब्लिंकन ने चीन और पाकिस्तान के लिए क्या कहा?

अमरीकी विदेश मंत्री ने अपने भाषण के दौरान चीन और पाकिस्तान को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा,

'चीन को देख लीजिए, वहां अन्य धर्मों के अनुयायियों को लगातार परेशान किया जा रहा है, चीन में जो लोग कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांत के हिसाब से नहीं चलते, उनके आगे तमाम बाधाएं खड़ी कर दी जाती हैं. इनमें बौद्ध, ईसाई और मुसलमान शामिल हैं. इनके पूजा घर नष्ट किए जा रहे हैं. चीन में ईसाइयों और मुसलमानों को रोजगार मिलना और अपना घर बना लेना आसान नहीं. इन्हें बहुत मुश्किलों से जूझना पड़ता है. तिब्बती बौद्ध भी काफी परेशान हैं....दूसरी तरफ पाकिस्तान में 2021 में ईशनिंदा के कम से कम 16 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई है, हालांकि अभी तक ये सजा तामील नहीं हुई है.'

अपने संबोधन के दौरान अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत, चीन और पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान, वियतनाम और नाइजीरिया जैसे देशों में धार्मिक स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों का भी जिक्र किया.

USCIRF की रिपोर्ट में योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक का जिक्र

यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम यानी USCIRF की रिपोर्ट में भारत में 2021 में अल्पसंख्यकों और धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों का जिक्र तो किया ही गया है. साथ ही इसमें कुछ राज्यों की सरकारों के कुछ फैसलों पर विशेष तौर पर सवाल खड़े किए गए हैं.

रिपोर्ट में योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए लिखा है,

'अक्टूबर 2021 में, भारत की कर्नाटक सरकार ने राज्य में चर्चों और पादरियों के एक सर्वेक्षण का आदेश दिया. साथ ही पुलिस को कहा गया कि वो ईसाई धर्म को अपनाने वाले हिंदुओं को खोजने के लिए घर-घर जाकर जांच करे. इसके अलावा जून 2021 में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लागू करेंगे, जो किसी भी उस व्यक्ति को हिरासत में लेने की इजाजत देता है जिसके किसी भी काम से राज्य की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने 500 से अधिक अधिकारियों की एक टीम बनाई, जिसका मकसद धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल रहे लोगों को ही पकड़ना था.'

बता दें कि इसके पहले भारत ने अमरीका की धार्मिक स्वतंत्रता वाली रिपोर्ट पर भी आपत्ति दर्ज की थी. कहा था कि किसी विदेशी सरकार के पास क्ष`भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के बारे में टिप्पणी करने का आधार नहीं है. 

वीडियो देखें | भारत और रूस की करीबी देख अमेरिका क्यों भड़क गया?

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