'इंडियन गद्दार' की वजह से उड़ी में हुआ आतंकी हमला!
और इसकी वजह इतनी तगड़ी है कि आप शक किए बिना नहीं रह पाएंगे.
Advertisement

उड़ी में आतंकी हमले के बाद की तस्वीर. source PTI
आतंकियों को मिला जंगल का फायदा
आर्मी आतंकियों के उस रास्ते की भी पड़ताल कर रही है, जहां से आतंकियों ने एंट्री की थी. जानकारी के मुताबिक आर्मी, आतंकियों के एलओसी पार करके सुखदर से होते हुए उड़ी पहुंचने के रास्ते की जांच कर रही है. करीब 500 की आबादी वाला सुखदर गांव ब्रिगेड हेडक्वार्टर से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है. गांव और ब्रिगेड हेडक्वार्टर के बीच जंगल है, जिसका इस्तेमाल आंतकियों ने किया होगा.जिस तरह से आतंकियों ने हमला किया उससे तो ऐसा लगता है कि उन्हें कोई ऐसा आदमी मदद पहुंचा रहा था, जो इस इलाके से ही नहीं बल्कि आर्मी की टुकड़ियों की आवाजाही से भी पूरी तरह वाकिफ था. जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने पहले एलओसी पर लगी बाड़ को पार किया और उसके बाद ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर लगी बाड़ को, फिर आर्मी और बीएसएफ के पिकेट और चेकपोस्ट को.बताते हैं कि ब्रिगेड हेडक्वार्टर के अंदर घुसना आसान नहीं है. हेडक्वार्टर के चारों तरफ एक किले की तरह कड़ी सुरक्षा है. हेडक्वार्टर से जो पूरी तरह वाकिफ है, वही आदमी किसी की नजर में आए बिना अंदर घुस सकता है. इसी के चलते अंदरूनी भेदिए की जांच की जा रही है. इस जांच के दायरे में कुलियों और टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को भी शामिल किया गया है. एजाज़ अहमद की ब्रिगेड हेडक्वार्टर के पास अपनी दुकान है. वो कहते हैं, 'बिना किसी की मदद के ऐसा अटैक संभव नहीं. ब्रिगेड हेडक्वार्टर के इतने करीब रहने के बावजूद हमें हेडक्वार्टर के बारे में कुछ नहीं पता है, तो फिर एलओसी के पार से आने वाले ऐसा अटैक कैसे कर सकते हैं? उन्हें इस जगह के बारे में पूरी जानकारी रही होगी.'