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कांवड़ियों पर फूल बरसाती, उनके पैर दबाती यूपी पुलिस पर पूर्व DGP बहुत कुछ याद दिला गए

कांवड़ियों पर फूल बरसाया जाना नया नहीं है. यूपी सरकार पिछले कई सालों से ऐसा करवा रही है.

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UP Police Kanwar Yatra
अमरोहा में कांवड़ियों की सेवा में पुलिसकर्मी (फोटो- सोशल मीडिया)
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साकेत आनंद
26 जुलाई 2022 (Updated: 26 जुलाई 2022, 08:23 PM IST) कॉमेंट्स
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सावन का महीना चल रहा है. अगर आप यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार जैसे राज्यों में रहते हैं तो इन दिनों सड़कों पर कांवड़ियों के समूह जरूर दिख गए होंगे. झुंड के झुंड में लोग सड़कों पर इन दिनों नजर आ रहे हैं. कांवड़ यात्रा को निकले भक्तों के लिए यूपी पुलिस ने काफी तैयारियां की हैं. पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी यूपी के कई जिलों में कांवड़ियों पर फूल बरसाए गए हैं. साथ ही पुलिसकर्मी कांवड़ियों को फल देते और उनके पैर पर मरहम लगाते भी नजर आए.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार 25 जुलाई को खुद हेलीकॉप्टर से कांवड़ यात्रा का निरीक्षण किया. उन्होंने सोमवार 25 जुलाई को तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा,

"पवित्र सावन मास के अवसर पर आज कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत की गई व्यवस्थाओं का हवाई सर्वेक्षण किया. शिवभक्तों और आमजन को कोई असुविधा न हो, इस हेतु अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिए गए हैं."

कांवड़ियों के पैर की मालिश

अमरोहा में एक दारोगा एक कांवड़िया का पैर दबाते और मालिश करते दिखे. यह तस्वीर (ऊपर देखें) 23 जुलाई की है. अमरोहा के ब्रजघाट में बने एक कैंप की. यहां कांवड़ियों के आराम की व्यवस्था की गई थी. टेंट में कई पुलिसकर्मी भी बैठे नजर आ रहे हैं. दारोगा राजेंद्र सिंह पुंडीर ने आजतक को बताया कि कांवड़िया थके हुए लग रहे थे इसलिए उन्होंने थोड़ी सेवा कर दी. उन्होंने कहा कि कांवड़ सेवा में ही ड्यूटी लगी हुई है तो इससे अच्छा क्या हो सकता है.

अमरोहा में ही 24 जुलाई को एसपी और डीएम कांवड़ियों के पैर धोते नजर आए. उनका माला पहनाकर स्वागत किया. उन पर फूल बरसाए गए. अमरोहा के डीएम ने मीडिया को बताया कि कांवड़िये हरिद्वार से पैदल आ रहे हैं इसलिए नगरपालिका परिषद की तरफ से नाश्ते की, पैर धोने की व्यवस्था की गई. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि यह सभी को प्रेरणा देने जैसा है कि हम कैसे त्याग की भावना लाएं.

तिरंगा बांटते दिखे पुलिसकर्मी

सहारनपुर से कांवड़ियों का वीडियो सामने आया. यहां 25 जुलाई को पुलिसकर्मी कांवड़ यात्रा में शामिल लोगों को तिरंगा बांटते दिखे. एक कैंप के भीतर पुलिसकर्मी ने बताया कि हमने 2-3 स्टार होटल टाइप खाने की व्यवस्था की हुई है. एसपी सिटी, डीएम और अन्य अधिकारी भी यहां आए. उन्होंने कहा कि जिन्हें छाले हैं उन्हें हम पट्टी भी कर रहे हैं, जिसको जैसी आवश्यकता है वैसी मदद की जा रही है.

रायबरेली में भी पुलिसकर्मी कांवड़ियों के पैर में पट्टी करते नजर आए. रायबरेली पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि कांवड़ यात्रियों के सम्मान में उन पर फूल बरसाए गए और उनको फल, खाने के सामान बांटे गए.

कई जिलों में फूल वर्षा

योगी आदित्यनाथ ने 25 जुलाई में चार जिलों के भीतर कांवड़ यात्रा का हवाई सर्वेक्षण किया था. उन्होंने मेरठ, सहारनपुर, बागपत और मुजफ्फरनगर का हवाई दौरा किया. इसी दौरान जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसाए. इसके अलावा यूपी के कई और जिलों में प्रशासन की ओर से कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई. मेरठ में आईजी प्रवीण कुमार और डीएम दीपक मीणा फूल बरसाते दिखे.

मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों पर फूल बरसाते पुलिस अधिकारी (फोटो- सोशल मीडिया)

कांवड़ियों पर फूल बरसाया जाना नया नहीं है. यूपी सरकार पिछले कई सालों से ऐसा करवा रही है. राज्य के बड़े अधिकारी इसमें हिस्सा लेते रहे हैं. लेकिन कई लोग पुलिस और सरकार की इस तरह की व्यवस्था पर सवाल भी उठा रहे हैं. कहा जा रहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और संविधान के अनुसार राज्य को किसी तरह की धार्मिक गतिविधि का हिस्सा नहीं होना चाहिए. 

क्या पुलिसकर्मियों को ये करना चाहिए?

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने इस सवाल के जवाब में कहा कि पुलिसकर्मियों को ये बिल्कुल नहीं करना चाहिए. उन्होंने दी लल्लनटॉप से बात करते हुए कहा, 

"पुलिसकर्मियों का काम है कि वह लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराएं. अगर उन्हें फूल बरसाना है तो वे छुट्टी ले लें, सादे कपड़ों में जाएं और जो मन में आए वो करें. लेकिन वर्दी पहनकर ड्यूटी में रहते हुए कांवड़ियों के पैर की मालिश करें ये आपत्तिजनक है. यूनिफॉर्म का मतलब होता है आप सबके लिए एक जैसे हैं. लेकिन इस तरह का काम दिखाता है कि आपकी सहानुभूति और आपका झुकाव एक पक्ष की तरफ ज्यादा है."

पूर्व डीजीपी का कहना है कि अगर आपको आस्था सार्वजनिक करनी है तो वर्दी उतारकर कांवड़ यात्रा पर जाएं. विक्रम सिंह कहते हैं कि पुलिसकर्मियों को इससे दूरी बनानी चाहिए. IAS और IPS का काम फूल बरसाना नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सरकारी नियमों और पुलिस रूल के भी खिलाफ है. विक्रम सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया सर्विस रूल यही है कि कोई भी व्यक्ति मन, कर्म और वचन से ऐसा कोई भी काम नहीं करेगा जिससे सांप्रदायिकता की बू आती हो.

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