पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने कहा- PoK खाली करो!
भारत ने सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी प्रचार करता है. ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) में एक बार फिर पाकिस्तान से आतंकवाद को रोकने का आग्रह किया है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने देश में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर भी रोक लगाए. साथ ही उसके कब्ज़े वाले भारतीय इलाकों (PoK) को भी खाली करे. भारत ने 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में हो रही संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 78वीं बैठक में अपनी बात रखी.
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, इससे पहले पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर उल हक़ ककार ने इस बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया. भारत ने UNGA में पाकिस्तान को जवाब देने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल किया. भारत ने सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी प्रचार करता है. ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.
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'आतंक और बातचीत एक साथ नहीं'UNGA की दूसरी समिति के लिए UN में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने कहा,
"पाकिस्तान हर बार इस मंच पर भारत के खिलाफ आधारहीन और गलत प्रचार करता है. UN के सदस्य देश और बाकी बहुपक्षीय संगठन अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान मानवाधिकारों पर अपने खराब रिकॉर्ड से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा करता रहा."
पेटल गहलोत ने आगे कहा,
"हम दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़े सारे मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक हैं. पाकिस्तान को हमारे घरेलू मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है."
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पेटल गहलोत ने पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी ज़िक्र किया. उन्होंने बोला,
"दक्षिण एशिया में शांति के लिए, पाकिस्तान को 3 कदम उठाने होंगे. पहला, सीमा पार आतंकवाद को रोके. आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करें. दूसरा, अपने अवैध और जबरन कब्ज़े वाले भारत के सभी इलाकों को खाली करें. तीसरा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोके."
राजनयिक गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के अपराधियों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे. भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती.
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