उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया
गुरुवार 30 जून को सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट होना है, लेकिन उससे पहले ही उद्धव ठाकरे ने सीएम पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है.

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी पहले से आशंका जताई जा रही थी. इंडिया टुडे/आजतक ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि खुद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने के पक्ष में फैसला दिया तो वे उससे पहले ही इस्तीफा दे देंगे. ऐसा हुआ भी. बुधवार 29 जून की रात 9 बजे खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश जारी किया है. गुरुवार 30 जून को सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट होना है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ ही देर बाद उद्धव ठाकरे ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी. उन्होंने विधान परिषद से भी इस्तीफा दे दिया है.
क्या बोले उद्धव?अब से कुछ देर पहले उद्धव ठाकरे ने एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कई भावुक बातें कहीं. उन्होंने कहा,
‘शिवसेना को अबतक 56 वर्ष हो चुके हैं. शिवसेना ने ठेले वाले, पान वाले, ऐसे लोगों को मार्ग दिखाया. शिवसेना ने लोगों को महापौर बनाया, नेता बनाया, मंत्री बनाया है. मैं सोनिया गांधी और शरद पवार का शुक्रिया करता हूं कि वो साथ रहे हमने उनके साथ सरकार चलाई. अच्छे कामों पर लोगों की नज़र लग जाती है. इस घटनाक्रम के वक्त कई लोग हमारे साथ आए.’
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?‘कोर्ट ने हमें फ्लोर टेस्ट करने की बात बोली है. फ्लोर टेस्ट हो लेकिन लोकतंत्र का ध्यान रखा जाए. हमने भी कुछ लोगों की लिस्ट दी थी उस पर भी विचार करना चाहिए. मुझसे शिवसेना के लोगों की जो नारजगी है वो सूरत और गुवाहाटी जाकर क्यों निकाल रहे हैं? प्रेस में बोलकर कुछ नहीं मिलेगा सामने आकर बोलिए. जिनकी ख़ुशी और जीत में हमने गुलाल उड़ाया उन्होंने ऐसा धोखा दे दिया. MVA के पास कितने विधायक हैं शिवसेना के पास कितने हैं इससे कोई मतलब नहीं. यदि मेरे खिलाफ कोई भी खड़ा रहा तो मुझे लगता है यह मेरी लज्जा है, यदि उनको ऐसा करने पुण्य मिलता है तो उन्हें सोचना चाहिए. बाला साहब ने उन्हें यहां तक लाकर खड़ा किया है बड़ा बनाया , नेता बनाया, लेकिन ऐसा करके उन्हें पुण्य मिलेगा क्या? मैं सीएम पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं.’
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 29 जून को 3 घंटे की लंबी सुनवाई के बाद फ्लोर टेस्ट कराने के पक्ष में फैसला सुनाया. महाराष्ट्र में 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दिया था. शिवसेना ने राज्यपाल के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. हालांकि लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका के विरोध में फैसला सुनाया.