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टीपू सुल्तान की तलवार नीलाम हुई, पैसे इतने मिले, एक वंदे भारत ट्रेन बन जाएगी!

इस तलवार का मुगलों से क्या कनेक्शन निकला?

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Tipu Sultan sword auctioned in London for a huge amount
टीपू की तलवार और वंदे भारत ट्रेन. (फोटो: ट्विटर)
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प्रशांत सिंह
26 मई 2023 (Updated: 26 मई 2023, 10:33 AM IST) कॉमेंट्स
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18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की तलवार (Tipu Sultan Sword) की दुनिया भर में चर्चा हो रही है. ब्रिटेन में इसकी नीलामी की गई. जहां टीपू की तलवार ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. टीपू सुल्तान की तलवार लगभग 140 करोड़ रुपये में नीलाम हुई है. किसी भारतीय वस्तु की नीलामी में ये एक नया रिकॉर्ड है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंदन के बोनहम्स के लिए ये नीलामी की गई थी. टीपू सुल्तान की ये तलवार उनके प्राइवेट रूम से मिली थी. सोने और स्टील से बनी इस तलवार को सुखेला नाम से जाना जाता है. तलवार को ‘सत्ता का प्रतीक’ माना जाता था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तलवार ईस्ट इंडिया कंपनी में मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को उनके ‘साहस के प्रतीक के रूप’ में पेश की गई थी. बोनहम्स के प्रमुख ओलिवर व्हाइट ने तलवार की नीलामी पर मीडिया को बताया,

“ये शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े सभी हथियारों में सबसे ज्यादा खास है जो आज भी निजी हाथों में है.”

ओलिवर ने आगे कहा कि तलवार को बनाने में जिस कला का इस्तेमाल किया गया है, वो काफी शानदार है. यही नहीं, तलवार का टीपू सुल्तान से रिश्ता भी इसे खास बनाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1799 में श्रीरंगपट्टम की हार के बाद टीपू के महल से कई हथियारों को हटाया गया था. उनमें से एक टीपू की तलवार भी थी. टीपू की इस असाधारण तलवार के ब्लेड में ‘शासक की तलवार’ गुदा हुआ है. तलवार 16वीं शताब्दी में आए जर्मन ब्लेड के मॉडल पर बनाई गई थी. इसे मुगल तलवारबाजों द्वारा निर्मित किया गया था. तलवार में सोने की कैलिग्राफी की गई है.

टीपू सुल्तान

टीपू सुल्तान का जन्म 10 नवंबर, 1750 में कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था. 1782 में हैदर अली की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई और टीपू बन गए थे टीपू सुल्तान. टीपू ने अंग्रेजों से लड़ाई जारी रखी. 1783 में ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन के बीच एक शांति समझौता हुआ. जिसके बाद फ्रांस ने मैसूर की मदद करना बंद कर दिया. 1784 में टीपू को अंग्रेजों से संधि करनी पड़ी. जिसके बाद टीपू की ताकत लगातार कम होती गई. साल 1799 में एक लड़ाई के दौरान टीपू सुल्तान की मौत हो गई.

ये तो थी मेन खबर. पर इसे थोड़ा रिलेटेबल बनाने के लिए आपको बता दें कि जितने रुपए में टीपू सुल्तान की तलवार की नीलामी हुई है, उतने में एक वंदे भारत ट्रेन बनकर तैयार हो जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने में लगभग 108 करोड़ रुपए की लागत आती है. ये लागत GST हटा कर है. माने टीपू की तलवार और वंदे भारत ट्रेन, दोनों की कीमत लगभग समान है!    

वीडियो: टीपू को नवाब बनाने के चक्कर में सुल्तान हैदर अली का ये हाल हुआ था!

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