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सिद्दीक कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

अक्टूबर 2020 में हाथरस जाते वक्त यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया.

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Siddique Kappan
सिद्दीक कप्पन. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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9 सितंबर 2022 (Updated: 9 सितंबर 2022, 14:38 IST)
Updated: 9 सितंबर 2022 14:38 IST
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सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमानत दे दी है. 5 अक्टूबर, 2020 को कप्पन को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कप्पन पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में नवंबर 2020 से ही सुनवाई चल रही थी. आज, 9 सितंबर को CJI यूयू ललित की बेंच ने कप्पन की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी.

कोर्ट ने कप्पन को जमानत देते हुए कई तरह की शर्तें भी रखी हैं. कोर्ट ने कहा है कि कप्पन की तरफ से ट्रायल कोर्ट में अगले तीन दिन में जमानत के लिए अर्जी दी जा सकती है. ट्रायल कोर्ट अपनी शर्तों के साथ उन्हें जमानत दे सकता है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कप्पन को अगले 6 हफ्तों तक दिल्ली में ही रहना होगा. दिल्ली छोड़ने से पहले उन्हें पुलिस और कोर्ट को इस बात की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा कप्पन को हर सोमवार को पुलिस के सामने हाजिरी लगानी होगी. 6 हफ्ते बाद कप्पन, केरल यानी अपने घर जा सकते हैं, लेकिन वहां के लोकल पुलिस स्टेशन में भी उन्हें हर सोमवार को हाज़िरी लगानी होगी.

कप्पन को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके विदेश जाने पर रोक लगाई है. कोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है. कोर्ट  ने कप्पन को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि रिहाई का फायदा ना उठाएं. हालांकि, दूसरी कोर्ट ने उन्हें छूट देते हुए कहा है कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान वो खुद या उनके वकील पेश हो सकते हैं.

कौन हैं सिद्दीक कप्पन?

सिद्दीकी कप्पन को यूपी पुलिस ने अक्टूबर 2020 में हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किया था. हाथरस में एक चर्चित कांड हुआ था. एक लड़की की गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी. हाथरस जाते वक्त पुलिस ने उन्हें और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि कप्पन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से ताल्लुक रखते हैं और गिरफ्तार किए गए सभी लोग हाथरस जाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश में थे. पुलिस ने दावा किया था कि PFI, हाथरस कांड की आड़ में दंगे कराना चाहती थी. गिरफ्तारी के दौरान इन पर शांति भंग करने के मामले में FIR दर्ज की गई थी लेकिन बाद में इन पर UAPA भी लगा दिया गया.

इसके बाद केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकर तो कर ली लेकिन ये भी कहा था कि पहले आपको इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था. डेढ़ साल से ज्यादा तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जिरह हुई, इसके बाद आज कप्पन की जमानत याचिका मंजूरी मिल गई. 

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