"मेरी मां अब...", शेख हसीना से जुड़ी सबसे बड़ी खबर उनके बेटे ने दी है
सजीब वाजेद जॉय का कहना है कि मुल्क की अर्थव्यवस्था को ठीक दिशा में लौटाने के बावजूद Sheikh Hasina के ख़िलाफ़ जो माहौल बना, वो उससे बेहद निराश हैं.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना - जो 2009 से मुल्क की अगुआई कर रही थीं - अब वापस राजनीति में नहीं आएंगी. ऐसा उनके (Sheikh Hasina) बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बताया है. उनका कहना है कि मुल्क (Bangladesh) की अर्थव्यवस्था को ठीक दिशा में लौटाने के बावजूद हसीना के ख़िलाफ़ जो माहौल बना, वो उससे बेहद निराश हैं.
सजीब वाजेद जॉय ने BBC के ‘न्यूज़आवर’ प्रोग्राम में ये बातें बताई हैं. वो बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के आधिकारिक सलाहकार भी थे. उन्होंने कहा कि हसीना रविवार, 4 अगस्त से ही प्रधानमंत्री पद से हटने के बारे में विचार कर रही थीं.
"उन्होंने (हसीना) बांग्लादेश की सूरत बदली है. जब उन्होंने सत्ता संभाली, तो इसे एक असफल देश माना जाता था. एक ग़रीब देश. आज की तारीख़ में इसे एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता है… बावजूद इसके, ये सब कुछ… वो बहुत निराश हैं."
ऐसा कहा जाता है कि हसीना के नेतृत्व में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में ज़बरदस्त वृद्धि हुई और इसने समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया.
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4 अगस्त को - केवल एक दिन में - देशव्यापी हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 98 लोग मार दिए गए. मरने वालों में अवामी लीग के लोग और समर्थक थे. अवामी लीग के दफ़्तर भी जला दिए गए और पार्टी के नेताओं पर हमला किया गया. इस हिंसा में 13 पुलिस वालों को भी पीट-पीटकर मार डाला गया. इस पर जॉय का कहना है,
“आपने पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला है. कल ही 13 लोगों को. तो जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो, तो आप पुलिस से क्या उम्मीद करते हैं?”
इस ख़बर को लेकर हालिया अपडेट तो यही है कि हसीना वहां से भाग कर भारत आईं. पहले कहा जा रहा था कि त्रिपुरा में लैंड करेंगी. मगर उनका विमान दिल्ली के पास ग़ाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस में उतरा.
उनके इस्तीफ़े के बाद से सड़कों पर व्यापक जश्न मनाया गया है. हसीना के पिता और स्वतंत्रता संग्राम के नेता शेख़ मुजीबुर रहमान की मूर्ति को नुक़सान पहुंचाया गया. लूटपाट की भी छिटपुट खबरें हैं. हिंसा जारी है. राजधानी ढाका में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं. और जगहों पर भी पुलिस स्टेशन्स में आग लगा दी गई.
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फ़िलवक़्त देश पर सेना का नियंत्रण है. सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने जानकारी दी है कि अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा. हालांकि, ये साफ़ नहीं है कि इसका नेतृत्व कौन करेगा.
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