सहारा ग्रुप में फंसे पैसे अब मिलेंगे वापस? सुप्रीम कोर्ट ने सबसे बड़ी अड़चन दूर कर दी
SAHARA Group द्वारा SEBI को पैसा नहीं दिए जाने को लेकर Supreme Court ने नाराजगी जताई है. कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है और सहारा समूह ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया. अब कोर्ट ने एक आदेश दिया है, जिससे बड़ी उम्मीद जग गई है.

सहारा इंडिया की कंपनियों में फंसी निवेशकों की गाढ़ी कमाई के पैसे वापस मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. सहारा समूह (Sahara Group) को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. साफ़ कहा है कि निवेशकों का पैसा लौटाने में और देरी न हो और इसके लिए समूह अपनी संपत्ति को बेचकर पैसा लौटा सकता है. कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने सहारा समूह से गुरुवार, 5 सितंबर तक अपनी अचल, घरेलू और विदेशी संपत्तियों की बिक्री के लिए एक योजना उसके सामने पेश करने के लिए भी कहा है.
मंगलवार, 03 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि सहारा समूह पर अपनी संपत्ति बेचने को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगा है और इसे बेचकर निवेशकों का फंसा हुआ पैसा लौटाया जा सकता है. जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने ये भी साफ किया है कि इन संपत्तियों को सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेचा जाना चाहिए. और अगर ऐसी स्थिति बनती भी है तो पहले कोर्ट से परमिशन लेनी जरूरी है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई सुनवाइयों के बाद अगस्त, 2012 को एक निर्देश दिया था. कहा था कि सहारा ग्रुप की कंपनियां - सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) - निवेशकों से जुटाई गई रकम SEBI को वापस करेंगी. कोर्ट ने ये रकम 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ जमा करने के लिए भी कहा था.
अब सुप्रीम कोर्ट ने ये पैसा जमा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. कहा कि 10 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और सहारा समूह ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है.
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पिछले साल तक कितने करोड़ वापस हुए?सहारा इंडिया में निवेशकों के पैसे सालों से फंसे हुए हैं. ग्रुप के लगभग 13 करोड़ ग्राहक हैं. सभी के कुल 1 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं. इसमें से 47 हजार करोड़ रुपये सहकारी समितियों में जमा हैं.
2022 में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि सहारा इंडिया ने 2.32 करोड़ से ज्यादा निवेशकों से 19 हजार 400 करोड़ रुपये जुटाए थे. वहीं, सहारा हाउजिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) के 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसमें से 138.07 करोड़ रुपये ही निवेशकों को लौटाए गए थे.
कुल मिलाकर कहें तो अब सुप्रीम कोर्ट के संपत्ति बेचने के आदेश के बाद निवेशकों का पैसा वापस मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.
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