मेटा में नहीं टिक रहे 'सुपरइंटेलिजेंट', करोड़ों के पैकेज पर आए ऋषभ का 5 महीने में ही इस्तीफा
Meta Superintelligece Lab के लिए Rishabh Agarwal को करोड़ों रुपये के पैकेज पर हायर किया गया था. हालांकि, उन्होंने महज 5 महीने में Mark Zuckerberg की नौकरी छोड़ दी.

अमेरिकी टेक्नलोजी कंपनी मेटा को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) साइंटिस्ट ऋषभ अग्रवाल को करोड़ों के पैकेज पर नौकरी दी गई थी, उन्होंने 5 महीने में ही अलविदा कह दिया है. मेटा के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) मार्क जुकरबर्ग नई-नवेली सुपरइंटेलिजेंस लैब (Superintelligence Lab) के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं. अग्रवाल को इसी लैब के लिए हायर किया गया था. लेकिन 'नई तरह का रिस्क' लेने के लिए उन्होंने जुकरबर्ग की कंपनी छोड़ दी.
ऋषभ अग्रवाल ने मेटा छोड़ने की जानकारी एक्स पर शेयर की है. उन्होंने लिखा कि गूगल ब्रेन, डीपमाइंड और मेटा में 7.5 साल काम करने के बाद उन्हें लगता है कि उन्हें 'अलग तरह का रिस्क' लेना चाहिए.
अग्रवाल ने मेटा से अलविदा लेने की जानकारी तो दे दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी अगली मंजिल कहां है. उन्होंने साफ नहीं किया कि वे कोई और कंपनी ज्वाइन करेंगे, अपना स्टार्टअप शुरू करेंगे या फिर एकेडमिक रिसर्च में जाएंगे.
ऋषभ अग्रवाल पहले हाई-प्रोफाइल AI प्रोफेशनल नहीं हैं, जिन्होंने हाल ही में मेटा का साथ छोड़ा है. वायर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उनसे पहले कम से कम तीन रिसर्चर्स ने हाल के हफ्तों में सुपरइंटेलिजेंस टीम को अलविदा कहा है.
इनमें से दो वापस OpenAI चले गए हैं. एक अवि वर्मा हैं, जो मेटा में काम करने से पहले OpenAI में रिसर्चर थे. एक नाम ईथन नाइट का है, जो OpenAI में काम कर चुके हैं. बाद में नाइट एलन मस्क की xAI में चले गए थे. वापस OpenAI में आने से पहले उन्होंने मेटा में ज्वाइन किया था.
रिपोर्ट के अनुसार, मेटा ने गूगल डीमाइंड, OpenAI और xAI जैसी कंपटीटर AI कंपनियों से टैलेंट्स को सुपरइंटेलिजेंस लैब में लाने के लिए कई-कई करोड़ रुपये के पैकेज ऑफर किए हैं. इस बीच, मेटा के प्रवक्ता डेव अर्नॉल्ड ने इस्तीफों को ज्यादा अहमियत ना देते हुए वायर्ड से कहा,
"जब किसी कंपनी में गहराई के साथ भर्ती प्रक्रिया चलती है, तो कुछ लोग नई नौकरी शुरू करने के बजाय अपनी मौजूदा नौकरी में बने रहने का फैसला करेंगे. ये आम बात है."
कौन हैं ऋषभ अग्रवाल?
ऋषभ अग्रवाल ने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की है. इसके बाद वे कनाडा के मिला-क्यबेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंस्टीट्यूट चले गए, जहां उन्होंने पीएचडी की. अपनी रिसर्च में उन्होंने रीइनफोर्समेंट लर्निंग और उसकी एप्लिकेशन पर काम किया.
उन्होंने Saavn, टावर रिसर्च और वेमो में इंटरनशिप करते हुए अपने करियर की शुरुआत की. 2018 में वे गूगल ब्रेन में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट बने और NeurIPS 2021 का बेस्ट पेपर अवॉर्ड भी जीता. बाद में उन्होंने डीपमाइंड और फिर अप्रैल 2024 में मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब जॉइन की, लेकिन 5 महीने में ही छोड़ दी. ऋषभ अग्रवाल मैकगिल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर भी रहे हैं.
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