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5 रुपये के पुराने नोट बदलने पर 11 लाख देने का वादा किया, लेकिन 63 लाख की चुंगी लगा दी

पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उन्होंने इंस्टाग्राम अकाउंट में दिए गए नंबर पर 5 रुपए के नोट की फोटो वॉट्सऐप पर भेजी थी. कंपनी ने कथित तौर पर उन्हें 5 रुपए के नोट के बदले 11 लाख रुपए देने का वादा किया था.

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Retired bank employee old Rs 5 note mews
सोशल मीडिया पर पीडि़त को किसी ने पुराने नोट के बदले बड़ी रकम देने का वादा किया. (सांकेतिक फोटो- आजतक)
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मनीषा शर्मा
28 अगस्त 2024 (Published: 08:52 PM IST) कॉमेंट्स
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हमारे घर में पुराने नोट रखे रहते हैं. हम सोचते हैं कि कभी बैंक लेकर जाएंगे और बदले में कुछ मिलेगा. कर्नाटक के एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी ने भी ऐसा ही सोचा. लेकिन वो कथित तौर पर साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए. सोशल मीडिया पर उनसे किसी ने पुराने नोट के बदले बड़ी रकम देने का वादा किया. उन्होंने भरोसा किया. लेकिन चार महीनों में उन्हें 63 लाख रुपये से अधिक की चपत लग गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के सामने ये मामला 24 अगस्त को आया. पीड़ित बुजुर्ग का नाम शिवराम पुरोहित है. उन्होंने CEN पुलिस (सायबर, इकनॉमिक्स एंड नार्कोटिक्स) में शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने पुलिस को बताया कि इंस्टाग्राम ब्राउज़ करते समय उन्हें ‘SNS Investment Old Coin Gallery, Mumbai’ नाम का एक अकाउंट मिला. इस अकाउंट के अनुसार, कंपनी पुराने सिक्के और नोट इकट्ठे करती है और बदले में बड़ी रकम का भुगतान करती है.

शिवराम पुरोहित ने पुलिस को बताया कि उन्होंने इंस्टाग्राम अकाउंट में दिए गए नंबर पर 5 रुपए के नोट की फोटो वॉट्सऐप पर भेजी थी. कंपनी ने उन्हें 5 रुपए के नोट के बदले कथित तौर पर 11 लाख रुपए देने का वादा किया. लेकिन पहले उनसे फीस के रूप में कुछ पैसे की मांग की गई. शिकायत में शिवराम ने आगे बताया कि 1 अप्रैल से 22 अगस्त तक उन्होंने धोखेबाजों को 52,12,654 रुपये का भुगतान किया है.

यह भी पढ़ें: '7 करोड़ रुपये, 18 मामले, 62 लोग...', पद्मश्री सुंदर मेनन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ़्तार

इस बीच, शिवराम ने बताया कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस और क्लासीफाइड विज्ञापन कंपनी Quikr पर इसी तरह का विज्ञापन देखने के बाद वे एक और धोखाधड़ी का शिकार हो गए. उन्होंने इस बार 10.89 लाख रुपए का भुगतान किया.

CEN पुलिस ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉज़ी एक्ट की धारा-66(d) (किसी और की पहचान दिखाकर धोखा देना), 66(c) (किसी की पहचान चुराना) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4) (किसी व्यक्ति को धोखा देना) के तहत मामला दर्ज किया है.

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