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अवमानना वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को क्या सज़ा दी है?

प्रशांत भूषण के दो ट्वीट का मुद्दा था.

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अधिवक्ता प्रशांत भूषण (PTI)
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण के दो ट्वीट सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई का कारण बने. और अब सामने है फ़ैसला. (PTI)
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सिद्धांत मोहन
31 अगस्त 2020 (Updated: 31 अगस्त 2020, 07:08 AM IST)
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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वक़ील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाया था. और अब सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 31 अगस्त को इस मामले में प्रशांत भूषण को सज़ा सुना दी है. कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर एक रुपए का जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना प्रशांत भूषण को 15 सितम्बर के पहले तक जमा करना होगा.
इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर प्रशांत भूषण जुर्माने की राशि जमा करने से चूक जाते हैं, तो उन्हें तीन महीने का कारावास काटना होगा, और बार से भी, यानी वकालत से, तीन सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिए जायेंगे.
बता दें कि जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन जजों की बेंच प्रशांत भूषण के अवमानना वाले मुद्दे की सुनवाई कर रही थी. मामला प्रशांत भूषण के दो ट्वीट्स से सामने आया था.
जस्टिस अरुण मिश्र, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी जस्टिस अरुण मिश्र, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी

हला ट्वीट : 27 जून, 2020
“भविष्य में इतिहासकार जब भी पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगे कि किस तरह पिछले छह साल में देश में लोकतंत्र को ख़त्म किया गया. वो भी बिना घोषित इमरजेंसी के.”
इसी ट्वीट में आगे बढ़ते हुए भूषण ने सुप्रीम कोर्ट और देश के पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों पर भी टिप्पणी कर दी. देश के लोकतंत्र में उनकी भूमिका पर.
दूसरा ट्वीट : 29 जून, 2020
 
एक तस्वीर थी. इसमें सीजेआई एसए बोबडे एक भारी-भरकम स्पोर्ट्स बाइक पर बैठे हैं. ये फोटो पोस्ट करते हुए भूषण ने लिखा-
“सीजेआई 50 लाख की मोटरसाइकिल चला रहे हैं. उन्होंने (सीजेआई ने) न मास्क लगाया है, न हेलमेट.”
इस ट्वीट में भी आगे बढ़ते हुए भूषण ने सीजेआई पर टिप्पणी कर दी और अप्रत्यक्ष रूप से एक पार्टी का नाम भी उनसे जोड़ दिया. और सुप्रीम कोर्ट में कामकाज बंद होने की भी बात कही.
भूषण के बाइक वाले ट्वीट के आधार पर महक माहेश्वरी नाम के शख़्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. भूषण पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाया. ये याचिका तो कोर्ट के सामने थी ही. लेकिन भूषण की मुश्किल 21 जुलाई को और बढ़ गई. जब सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र वाले ट्वीट पर स्वत: संज्ञान ले लिया.
22 जुलाई को प्रशांत भूषण और ट्विटर को नोटिस जारी किया गया. ट्विटर इंडिया ने दोनों ट्वीट हटा दिए. प्रशांत भूषण अदालत की अवमानना के आरोपी हुए. केस चला. प्रशांत भूषण अवमानना के दोषी साबित हुए.

कोर्ट ने 24 अगस्त की तारीख़ मुक़र्रर की कि प्रशांत भूषण चाहें तो माफ़ी मांग लें. प्रशांत भूषण ने माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया. और आज 31 अगस्त को आया है ये फ़ैसला.


 लल्लनटॉप वीडियो : प्रशांत भूषण के खिलाफ़ अवमानना के मुक़दमा में फैसला सुनाने वाले इन तीन जजों की कहानी सुनिए

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