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INS विक्रांत के नेवी में शामिल होने पर पीएम मोदी ने कहा- 'ये भारत के बुलंद हौसलों की हुंकार है'

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant शुक्रवार को नौसेना में शामिल हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर INS Vikrant को नेवी में कमिशन किया.

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PM Modi Speech on INS Vikrant Commission in Indian Navy
स्क्रीनशॉट्स पीएमओ इंडिया के यूट्यूब अकाउंट से साभार हैं.
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दुष्यंत कुमार
2 सितंबर 2022 (Updated: 2 सितंबर 2022, 11:55 IST)
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भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant शुक्रवार, 2 सितंबर को भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर INS Vikrant को नेवी में कमिशन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब भारत कुछ कर दिखाने का संकल्प कर लेता है तो कोई लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं होता. पीएम मोदी ने कहा कि INS Vikrant (PM Modi Speech on INS Vikrant Commission) हरेक भारतीय का गर्व है. उन्होंने इसे 'आत्मनिर्भर भारत' (Aatmanirbhar Bharat) के संकल्प का मजबूत प्रमाण करार दिया.

INS Vikrant के कमिशन पर क्या बोले PM Modi?

INS विक्रांत के नेवी में शामिल होने को ऐतिहासिक बताते हुए पीएम मोदी ने कहा,

"आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है. INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है. विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है. विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है. विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

 

यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत. आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत. आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत. आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है."

जहाज के विशेषताएं बताते हुए पीएम मोदी ने कहा,

"INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है."

पीएम मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की सुरक्षा चिंताओं को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा,

"पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा. लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है. इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं."

INS विक्रांत पर महिला सोल्जर्स की बड़ी संख्या भी चर्चा में है. इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा है,

"अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है. जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं. जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे."

भाषण में पीएम मोदी ने भारत के आत्मनिर्भर बनने के अपने संकल्प पर जोर दिया. कहा कि जैसे बूंद-बूंद जैसे विराट समंदर बन जाता है, वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा.

नौसेना का ध्वज बदलने पर छत्रपति शिवाजी को किया याद

INS विक्रांत के नेवी में शामिल होने के अलावा आज एक और ऐतिहासिक शुरुआत हुई है. भारतीय नोसैना को अपना नया ध्वज मिला है. इस पर पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी को याद किया. उन्होंने कहा,

"आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है. आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है. आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है. अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी. लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा.

 

छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी. जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे. इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया. इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए."

आज से पहले इंडियन नेवी का ध्वज सफेद रंग का होता था, जिस पर लाल रंग की खड़ी और आड़ी धारियां बनी थीं. इसे ‘क्रॉस ऑफ सेंट जॉर्ज’ कहते हैं. पुराने झंडे पर बने इस क्रॉस के बीच में अशोक चिह्न लगा था. ऊपर बाईं ओर तिरंगा होता था.

अब नए झंडे में लाल क्रॉस हटा दिया गया है. तिरंगा अपनी जगह बना हुआ है. दाईं तरफ अशोक चिह्न है, जिसके पीछे नीले रंग का बैकग्राउंड दिया है. नीचे लिखा है ‘सत्यमेव जयते’. बताया गया है कि झंडे के जिस फ्रेम पर अशोक चिह्न बनाया गया है, वो छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में शाही मुहर हुआ करती थी. इसके अलावा ध्वज में संस्कृत भाषा में लिखा है- ‘शं नो वरुणः’. मतलब, ‘हमारे लिए वरुण शुभ हो’. भारतीय परंपरा में वरुण को समुद्र का देवता कहा गया है. इसीलिए नेवी के नए झंडे पर ये वाक्य लिखा गया है.

आसान भाषा में: INS विक्रांत में अस्पताल, कई मंजिल, 1700 लोगों के कैबिन के अलावा और क्या है?

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