'कोरोनिल' पर पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण पूरी तरह यू-टर्न मार गए!
पतंजलि का दावा था कि 'कोरोनिल' दवा कोरोना वायरस ठीक करने में कारगर होगी.
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बाबा रामदेव और आचार्य रामकृष्ण ने कोरोनिल दवा लॉन्च की थी. उस वक्त दावा था कि ये कोरोना वायरस ठीक करने में कारगर होगी. (फाइल फोटो – PTI)
“हमने तो कभी कहा ही नहीं कि ये दवा (कोरोनिल) कोरोना को कंट्रोल कर सकती है या ठीक कर सकती है. हमने तो कहा था कि हमने एक दवा बनाई है, इसका क्लीनिकल ट्रायल किया है और इससे कोरोना के मरीज़ ठीक हुए हैं. इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.”
कोरोनिल पर सरकार का क्या कहना है? 23 जून को कोरोनिल लॉन्च होने के बाद उसी दिन शाम होते-होते आयुष मंत्रालय का आदेश आ गया था कि जब तक सरकार रिसर्च की जांच नहीं कर लेती, तब तक इस दवा का प्रचार पूरी तरह बंद रहेगा. पतंजलि से सारी जानकारी मांगी गई है मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोनिल के ट्रायल के बारे में सारी जानकारी मांगी है. जैसे CTRI का सर्टिफिकेट. कहां ट्रायल किया? किन पर ट्रायल किया? ट्रायल के वक्त जो दवा दी थी, उनमें क्या-क्या था. इसके अलावा मंत्रालय ने ये भी बता दिया है कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडिज़ एक्ट 1954 के तहत भ्रामक प्रचार करना अपराध है. उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने तो ये भी कहा है कि पतंजलि को खांसी-ज़ुकाम की दवा बनाने के लिए लाइसेंस दिया गया था और उन्होंने दावा कर दिया कोरोना की दवा बनाने का. भ्रामक प्रचार करने आरोप में योगगुरु रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ राजस्थान की राजधानी जयपुर में एफआईआर भी दर्ज़ हो चुकी है.We never told the medicine (coronil) can cure or control corona, we said that we had made medicines and used them in clinical controlled trial which cured corona patients. There is no confusion in it: Acharya Balkrishna, CEO Patanjali pic.twitter.com/LfPCxML0jg
— ANI (@ANI) June 30, 2020
पतंजलि आयुर्वेद के 'कोरोनिल' के क्लीनिकल ट्रायल पर उठे गंभीर सवाल