जानिए मीशा शफी ने अली ज़फर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए क्या कहा
'अगर ये मुझ जैसी महिला के साथ हो सकता है, जो एक स्थापित कलाकार है, तो ये किसी भी महिला के साथ हो सकता है.'
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मीशा शफी के बाद और औरतों ने भी अली ज़फर पर हैरेसमेंट का इल्ज़ाम लगाया है.
ये मैं इसलिए साझा कर रही हूं क्योंकि मुझे विश्वास है कि मेरे अपने सेक्शुअल हैरसमेंट के अनुभव को साझा करने से समाज में इस मसले पर पसरी चुप्पी टूटेगी. इस बारे में बात करना बिलकुल आसान नहीं है. लेकिन इससे कहीं ज़्यादा मुश्किल है इस पर चुप रहना. अब मेरी अंतरात्मा भी इस मामले में चुप रहने की गवाही नहीं दे रही है. #MeeTooअब उनका वो ट्वीट देखिए:
इसमें वो कह रही हैं-Sharing this because I believe that by speaking out about my own experience of sexual harassment, I will break the culture of silence that permeates through our society. It is not easy to speak out.. but it is harder to stay silent. My conscience will not allow it anymore #MeToo pic.twitter.com/iwex7e1NLZ
— Meesha Shafi (@itsmeeshashafi) April 19, 2018
एक महिला, पब्लिक फिगर और एक मां के तौर पर मैंने हमेशा से ये महसूस किया कि हमें अपने यूथ और जो लोग हमें आदर्श मानते हैं, उन लोगों को सपोर्ट करने के लिए अपनी आवाज़ का इस्तेमाल करना चाहिए. खासकर उन लड़कियों के लिए, जो पाकिस्तान में खुद अपने सपनों को पूरा करने में लगी हुई हैं.मेरे पूरे करियर में मुझे अपने फैन्स और फैमिली की ओर से हद से ज़्यादा प्यार और सहयोग मिला है. ये मेरे लिए एक वरदान की तरह है. इससे मुझे पर्सनल स्पेस और कई सारे मुद्दों पर खुलकर बोलने की बहादुरी और ताकत मिलती है. आवाज़ या बोलने की क्षमता होने के बावजूद कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिनके बारे में एक औरत का बात करना बहुत मुश्किल होता है. खासकर सेक्शुअल हैरसमेंट के बारे में.आज मैं इस लिए बोल रही हूं क्योंकि मेरी अंतरात्मा मुझे अब चुप नहीं रहने दे रही. अगर ये मुझ जैसी महिला के साथ हो सकता है, जो एक स्थापित कलाकार है, तो ये किसी भी महिला के साथ हो सकता है. और ये बात मुझे गंभीर रूप से चिंतित करती है. मैं शारीरिक रूप से सेक्शुअल हैरसमेंट की शिकार हो चुकी हूं, और एक से ज़्यादा बार. मेरे साथ ये करने वाला कोई और नहीं हमारी इंडस्ट्री का ही एक सहकर्मी है: अली ज़फर. ये घटनाएं मेरे साथ तब नहीं हुई, जब मैं यंग थी या इंडस्ट्री में आने की कोशिश कर रही थी. मेरे साथ ये सब तब हुआ जब मैं एक सशक्त महिला बन चुकी थी और खुलेआम अपने मन की बात कहने के लिए जानी जाने लगी थी. ये मेरे साथ तब हुआ जब मैं दो बच्चों की मां थी.कोई भी महिला सेक्शुअल हैरसमेंट से सेफ नहीं है. अपने समाज में हम इस मुद्दे पर खुलकर बात करने में हिचकिचाते हैं और इससे हैरसमेंट लगातार बढ़ता और फलता-फूलता रहता है. हमें इसके खिलाफ मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए और अपनी-अपनी कहानियां शेयर करनी चाहिए, जिससे समाज में इस मसले पर फैली चुप्पी टूटे और हमारी जवान लड़कियां सेफ रहें.ये मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही दर्दनाक अनुभव था. अली वो इंसान हैं, जिन्हें मैं पिछले काफी समय से जानती हूं और उनके साथ स्टेज भी शेयर कर चुकी हूं. मैं उनके इस रवैए और व्यवहार से बहुत छला हुआ महसूस कर रही हूं. लेकिन मुझे पता है कि मैं अकेली नहीं हूं.आज मैं इस चुप्पी साधे रहने वाली परंपरा को तोड़ रही हूं. और ये करते हुए मैं अपने देश की जवान हो रही लड़कियों के लिए एक उदाहरण पेश कर रही हूं और उम्मीद करती हूं कि वो भी ऐसे ही करेंगी. हमारे पास जो आवाज़ है उसे उठाने का, इस्तेमाल करने का समय आ गया है.
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