20 रुपये में लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर को पद्म श्री, युद्ध के दौरान किया था सैनिकों का इलाज
सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने 2 रुपये फीस लेनी शुरू की थी.

20 रुपये की फीस लेकर लोगों का इलाज करने वाले 77 साल के डॉक्टर मुंशीवर चंदर डावर को 22 मार्च को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. डॉक्टर डावर ने सेना में भी सेवा दी है. 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने सैनिकों का इलाज किया था. सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने 2 रुपये फीस लेना शुरू किया था. अब भी उनकी फीस नाममात्र की है.
पाकिस्तान से भारत आया परिवारइंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर डॉवर का जन्म 16 जनवरी, 1946 में पंजाब (मौजूदा वक्त में पाकिस्तान का पंजाब प्रांत) में हुआ था. जिसके बाद उनका परिवार हिंदुस्तान आकर मध्य प्रदेश के जबलपुर में बस गया. साल 1967 में उन्होंने जबलपुर से MBBS की डिग्री ली और फिर साल 1971 में वो सेना में भर्ती हुए. फिर साल 1972 में बीमारी के चलते वो सेना से रिटायर हो गए. सेना में सेवा के दौरान उन्होंने साल 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान सैनिकों का इलाज किया था. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने बताया था,
‘मैंने अपने गुरु से सेवा करने की भावना सीखी थी. साल 1986 में मैंने 2 रुपये फीस लेना शुरू की थी. बाद में 3 रुपये की और फिर 1997 तक मेरी फीस 5 रुपये हो गई थी.’
उन्होंने आगे बताया,
बेटे भी डॉक्टर हैं'साल 2012 में मेरी फीस 10 रुपये थी और आज मैं 20 रुपये लेकर लोगों का इलाज करता हूं.'
रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर डॉवर की पत्नी शशी डावर का निधन हो चुका है. अब उनके परिवार में उनके बेटे डॉक्टर ऋषि डावर और बहु सुचिता डावर हैं. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने बताया था कि उनकी कम फीस को लेकर घर में बातें होती थीं लेकिन इसपर कभी कोई विवाद नहीं हुआ है. कम फीस लेने का उनका मकसद सिर्फ लोगों की मदद करना है. डॉक्टर डावर का कहना है कि सफलता के कई मूल मंत्र हैं, लेकिन आप अगर धैर्य के साथ काम करते हैं तो आज नहीं तो कल आपको सफलता जरूर मिलती है.
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