कल शाम तक जिस पार्टी का बचाव कर रहे थे, आज उसी में नहीं रहे, JDU से 4 बड़े नेता बाहर
आरसीपी सिंह के इन करीबियों को पार्टी से निकालने के पीछे क्या वजह बताई गई है?

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 4 बड़े नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया है. इनमें जेडीयू के प्रवक्ता डॉ अजय आलोक भी शामिल हैं. निलंबित नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगा है. अजय आलोक कल तक टीवी पर पार्टी का पक्ष रखते नजर आ रहे थे. निलंबन के बाद उन्होंने ट्विटर पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा कि मुक्त करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.
क्या आरसीपी सिंह हैं वजह?अजय आलोक के अलावा जिन नेताओं को निलंबित किया गया है उनमें पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, विपिन कुमार यादव और जितेंद्र नीरज शामिल हैं. आजतक से जुड़े सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी नेता केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के करीबी माने जाते हैं. निलंबन के पीछे यह बड़ी वजह बताई जा रही है. हाल में जेडीयू ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया था. हालांकि, कभी आरसीपी सिंह सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में एक थे.
जेडीयू ने आदेश जारी किया कि पार्टी के पदाधिकारी पार्टी को मजबूत करने के लिए बनाए जाते हैं. उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी क्षमता का इस्तेमाल पार्टी और पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार को मजबूती देने में लगाएंगे. लेकिन कुछ लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगातार शामिल हैं. इसलिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है.
‘पार्टी कार्यकर्ताओं को कर रहे थे भ्रमित’जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार कुशवाहा ने इस निलंबन आदेश को जारी किया. इसमें कहा गया है,
"पिछले कई महीनों से लगातार सूचना मिल रही है कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी पार्टी हित के विपरीत जाकर समानांतर कार्यक्रम चला रहे हैं. पार्टी पदाधिकारी के नाम पर वे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गलत संवाद स्थापित कर उन्हें भ्रमित कर रहे हैं. कुछ पदाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस पर परहेज करने की सलाह भी दी गई थी. इसके बावजूद ऐसे कृत्य किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह पार्टी विरोधी हैं."
निलंबन के बाद अजय आलोक का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें वे कह रहे हैं- "बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते. इतने साल का संबंध रहा. बहुत अच्छा रहा."