जेल से बाहर क्यों आ रही है राजीव गांधी की हत्या करवाने वाली नलिनी?
छह महीने की छुट्टी मांगी थी, कोर्ट ने एक महीने की दी है.
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पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी ने बेटी की शादी के लिए 6 महीने की पैरोल मांगी थी.

नलिनी, पुरानी तस्वीर.
द हिंदू अखबार की खबर के मुताबिक, नलिनी ने 25 फरवरी को जेल अधिकारियों को आवेदन दिया था. बेटी की शादी की तैयारी के लिए छह महीने की छुट्टी मांगी थी. लेकिन नहीं मिली. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और एम निर्मल कुमार ने मामले की सुनवाई की. नोटिस लिया कि तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल 9 सितंबर को राज्यपाल को सलाह दी थी कि नलिनी और छह अन्य को रिहा किया जाए, जिन्हें राजीव गांधी हत्या मामले में सजा मिली है. जजों ने कहा,
अगर सरकार की नजर में, याचिकाकर्ता को सामान्य जीवन जीने की अनुमति दी जा सकती है और वह समाज के लिए बाधा नहीं बनेगी तो उसे पैरोल देने के अनुरोध पर भी आपत्ति नहीं की जा सकती है. जजों ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह छुट्टी के दौरान एस्कॉर्ट देने यानी सुरक्षा पर होने वाला खर्च सरकार वहन करे. क्योंकि नलिनी यह खर्च नहीं उठा सकती.जजों ने इसके लिए 1982 के उस नियम का हवाला दिया जिसमें गरीब कैदियों को राज्य सरकार के खर्च पर सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही गई है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पैरोल के दौरान नलिनी न तो मीडिया से बात करेगी और न ही किसी नेता या किसी संगठन से मुलाकात करेगी.
सरकारी वकील ने नलिनी को पैरोल दिए जाने को लेकर कोई गंभीर आपत्ति नहीं जताई थी. नलिनी को 10 दिन में पैरोल देने की बात कही गई है. 30 दिन की पैरोल खत्म होने के तुरंत बाद उसे जेल में सरेंडर करना होगा.
गिरफ्तारी के समय गर्भवती थी
नलिनी ने कोर्ट को बताया कि 28 साल पहले जब उसकी गिरफ्तारी हुई तो वह गर्भवती थी. उसने जेल में एक बच्ची को जन्म दिया. यह बच्ची 4 साल तक जेल में रही. बाद में बच्ची के दादा-दादी उसे श्रीलंका ले गए और फिर वह लंदन चली गई. नलिनी ने अपनी याचिका में कहा था कि वह अपनी बेटी की किसी भी जरूरत के दौरान उसके पास नहीं रही. कम से कम उसे अपनी बेटी के लिए दूल्हा खोजने और शादी की तैयारी के लिए पैरोल दी जाए.सोनिया की वजह से फांसी उम्रकैद में बदली थी

राजीव गांधी के अंतिम संस्कार के समय मौजूद उनका परिवार.
नलिनी को कोर्ट ने मौत की सजा दी थी, लेकिन राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने साल 2000 में नलिनी की बेटी की दुहाई देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की. अपील स्वीकार कर ली गई. नलिनी ने अप्रैल 2019 में समय पूर्व रिहाई के योग्य होने का दावा किया. हाईकोर्ट में याचिका दी. कहा कि राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह कैबिनेट के उस फैसले को लागू करे जिसमें उसकी रिहाई की बात कही गई है. नलिनी ने दावा किया कि मौत की सजा को उम्रकैद में बदले जाने के बाद ऐसे 3,700 कैदियों को तमिलनाडु सरकार ने रिहा कर दिया था जो दस साल की सजा काट चुके थे. इसलिए उसे भी रिहा किया जाए.
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