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"मुख्तार अंसारी खूंखार अपराधी है" - याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद HC ने बहुत कुछ कह दिया

मुख्तार अंसारी पर विधायक फंड के दुरुपयोग का आरोप है. FIR हुई थी पिछले साल.

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Mukhtar Ansari
मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
14 जून 2022 (Updated: 14 जून 2022, 03:08 PM IST) कॉमेंट्स
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'मुख्तार अंसारी एक खूंखार और सफेदपोश अपराधी है. एक माफिया है और समाज पर धब्बा है.' 

मुख्तार अंसारी के लिए ये कठोर शब्द इलाहाबाद हाईकोर्ट के हैं. सोमवार 13 जून को कोर्ट ने विधायक फंड दुरुपयोग के एक मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए इस तरह की टिपप्णी की. अंसारी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व विधायक हैं और फिलहाल बांदा जेल में बंद हैं.

मुख्तार अंसारी पर क्या हैं आरोप?

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह भी कहा कि मुख्तार अंसारी एक आदतन अपराधी है जो 1986 से ही अपराध की दुनिया में है लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से वो एक बार भी दोषी साबित नहीं हुआ. जस्टिस चतुर्वेदी ने कहा, 

"यह आश्चर्यजनक है जिस व्यक्ति के खिलाफ 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं, उसके खिलाफ एक भी दोष साबित नहीं हुआ. यह न्यायिक प्रणाली के लिए धब्बा है और चुनौती भी है कि ऐसे खूंखार और सफेदपोश अपराधी को सजा नहीं मिल पाई है."

मुख्तार अंसारी पर विधायक फंड के दुरुपयोग का आरोप है. पिछले साल मऊ के सराय लखंसी थाने में अंसारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. आरोप है कि विधायक रहते हुए 2012-14 के दौरान मुख्तार अंसारी ने एमएलए फंड से एक स्कूल के लिए 25 लाख रुपये दिए थे. बाद में जांच में ये बात सामने आई कि ये फंड किसी स्कूल के लिए नहीं आवंटित हुए, बल्कि जिस जमीन पर गए, उस पर खेती होने लगी थी. और फंड गए थे उनकी पार्टी कौमी एकता दल के जिलाध्यक्ष आनंद यादव को. इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 20 मई को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था.  

अंसारी के फंड की करें ऑडिट- कोर्ट

इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित कर मुख्तार अंसारी के एमएलए फंड के खर्चों का ऑटिड करवाए.

जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि विधायक निधि टैक्स पेयर्स की गाढ़ी कमाई है और इस पैसे के गलत इस्तेमाल की किसी को भी इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायक फंड का इस तरीके से बंदरबांट समाज के लिए नुकसानदायक है. कोर्ट ने भी कहा कि जांच रिपोर्ट से साफ है कि जिस निर्माण के लिए एमएलए फंड दिया गया, वहां एक ईंट भी नहीं रखी गई.

मुख्तार अंसारी ने यूपी पुलिस द्वारा इस मामले में दायर की गई चार्जशीट को भी रद्द करने की याचिका दाखिल की थी. अंसारी ने अपनी याचिका में कहा था कि वे 17 साल से जेल में बंद हैं और उनकी तरफ से कुछ भी गलत नहीं किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह जिला प्रशासन की ड्यूटी है कि वो उनके और स्कूल की सिफारिशों की सच्चाई जांचे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर जिले के सिर्फ एक थाने में करीब 40 आपराधिक केस दर्ज हैं. वो कई मामलों में बरी हो चुके हैं. प्रयागराज कोर्ट द्वारा जारी कम से कम 26 वारंट को मेडिकल आधार पर मुख्तार अंसारी द्वारा टाला जा चुका है. 

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