अगर ट्वीट को रीट्वीट किया, तो भी दिल्ली पुलिस पकड़ लेगी!
Retweet is not endorsement लिखकर बच नहीं पाएंगे क्या?

'अगर आप किसी (आपत्तिजनक) ट्वीट को रीट्वीट करते हैं तो आप पर भी कार्रवाई हो सकती है. आप यह कह कर नहीं बच सकते कि आप इसके बारे में कुछ नहीं जानते.'
यह कहना है दिल्ली पुलिस के उस अधिकारी का जिसकी टीम ने सोमवार, 27 जून को Alt News के पत्रकार मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया. जुबैर के 2018 के एक ट्वीट को लेकर एक ट्विटर यूजर ने जून 2022 में शिकायत की थी, इस शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर को गिरफ्तार किया है.
इस मामले में मंगलवार, 28 जून को दिल्ली पुलिस के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा से मीडिया ने सवाल किया कि मोहम्मद जुबैर का ट्वीट 2018 का है, उसमें उन्होंने एक फ़िल्म का स्क्रीन शॉट्स शेयर किया है, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया?
NDTV के मुताबिक इस सवाल पर डीसीपी मल्होत्रा ने कहा,
रीट्वीट करोगे तो क्यों फंसोगे?'आप जो भी ट्विटर पर शेयर करते हैं, आप अपने विचार न बताकर किसी और के विचार शेयर करते हैं. उस पर आपको बचाव का अधिकार नहीं है, इसे लेकर कोर्ट के कई आदेश हैं. ट्विटर पर कोई पुराना या नया का कांसेप्ट नहीं है. आज मैं आपके पुराने ट्वीट को रीट्वीट करवा कर उसे एम्प्लीफाई कर दूं. मैनसेरिया क्या है? कल्पेबिलिटी क्या है? वो इम्पोर्टेन्ट है. उस हिसाब से हमने केस दर्ज किया.'
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक केपीएस मल्होत्रा ने ये भी कहा कि किसी ट्वीट को रीट्वीट करने पर भी कार्रवाई हो सकती है. मल्होत्रा का कहना था,
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का आधार क्या?'यदि आप सोशल मीडिया पर किसी के विचारों का समर्थन करते हैं, तो वह आपका विचार बन जाता है. आपका पहले रीट्वीट करना और फिर यह कहना कि मैं तो इसके बारे में कुछ नहीं जानता, इस विचार के साथ नहीं खड़ा हूं. यह जिम्मेदारी आपकी है. ऐसे मामलों में समय मायने नहीं रखता, आपको केवल रीट्वीट करना है और वह ट्वीट नया हो जाता है. हमारे संज्ञान में जब मामला आएगा पुलिस कार्रवाई होगी.'
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल (IFSO यूनिट) के DCP केपीएस मल्होत्रा ने ANI से बातचीत में ये भी बताया कि मोहम्मद जुबैर को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है. मल्होत्रा ने बताया,
'मोहम्मद जुबैर के आपत्तिजनक ट्वीट से ट्विटर पर हेट स्पीच की बाढ़ सी आ गई, ये सांप्रदायिक सद्भाव के लिए ठीक नहीं था. 2 चीजें - टेक्निकल गैजेट और इरादा - महत्वपूर्ण था. पूछताछ के दौरान वह दोनों में टालमटोल कर रहे थे. साथ ही उन्होंने फोन को फॉर्मेट कर दिया था. यह गिरफ्तारी का आधार बना.'