The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • meet the hero of balochistan b...

जिस बलूच को पाकिस्तान ने मारा, उसका पोता बाहर रहकर पाक के भूसा भर रहा है

मिलिए बरह्मदाग खान बुगती से.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
विशाल
20 सितंबर 2016 (Updated: 20 सितंबर 2016, 05:31 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

किसी बॉलीवुड हीरो जैसी शक्ल. टाई और कोट में एक पढ़े-लिखे शख्स की झलक. आवाज में गंभीरता के साथ लगभग एक करोड़ लोगों की चिंता. ये हैं पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी मांग रहे बलोच रिपब्लिकन पार्टी (BPR) के नेता बरह्मदाग खान बुगती. इन्होंने भारत से शरण मांगी है. अभी जैसे हालात हैं, उस हिसाब से बुगती को इंडिया का पासपोर्ट मिल भी सकता है. 15 अगस्त को नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान का नाम लेने से बुगती को भारत में लोग अच्छा-खासा जानने लगे हैं. पर लोगों को बुगती की हिस्ट्री के बारे में कम ही पता है. आओ बताते हैं:


2006 में हो गई थी दादा की हत्या

बुगती के दादा अकबर शाहबाज खान बुगती बलोच ट्राइब्स के नेता थे. उन्होंने एक पार्टी बनाई, 'जम्हूरी वतन पार्टी'. वो बलूचिस्तान में चीन या किसी भी विदेशी निवेश के खिलाफ थे. उनके मुताबिक बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधन सिर्फ बलोच जनता के लिए हैं.


अकबर बुगती
अकबर बुगती

अकबर हमेशा पाकिस्तान की आंखों में चुभते रहे. 2006 में पाक सेना ने उनकी हत्या कर दी. इसके बाद बरह्मदाग को वहां से भागना पड़ा. यही वो मौका था जब ये तय होना था कि बरह्मदाग को लड़ना है या गुमनाम मौत मरना है. बुगती ने लड़ना चुना.

bugti


दादा के बाद पोते का सपोर्ट कर रहे लोग

बुगती कहते हैं कि आप बलूचिस्तान में किसी से भी उनके दादा के बारे में पूछिए, हर कोई उन्हें राष्ट्रपिता मानता है. 2000 में उन्होंने चीन की खिलाफत की थी. इसके बाद उनके पास दो ही रास्ते थे, मरना और भागना. उन्होंने मरना चुना. बरह्मदाग के अफगानिस्तान में रहते हुए ही लोगों ने उन्हें अपना नेता मान लिया. आज बलोच जनता उनके साथ खड़ी दिखाई देती है और वो बलोच जनता के साथ. लोगों को देखकर हैरानी होती है कि 33 साल का एक आदमी अपने देश के लिए इस लेवल पर लड़ रहा है.


झगड़ा है किस बात का

बुगती कहते हैं कि उनके दादा आजादी, स्वराज्य और संसाधनों की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन पाकिस्तानी सरकार इस पर अपना नियंत्रण चाहती है. अकबर की हत्या के बाद बलूचिस्तान में सेना द्वारा लोगों की हत्या कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. अब बरह्मदाग मानवाधिकारों की लड़ाई भी लड़ रहे हैं. बुगती बलूचिस्तान को पाक से अलग करने की मांग कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान बलूचिस्तान को अपना हिस्सा बताकर इसे आंतरिक कलह का मामला बताता है. BPR पाक के लिए अलगाववादी पार्टी है. कोई बाहरी देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन इस मामले में हाथ डालता नहीं है और जनता मारी जाती है.


बुगती पर कई बार हो चुका हमला

पाकिस्तानी सरकार बुगती के साथ क्या करना चाहती है, ये तो वही जाने, लेकिन बुगती पर कई बार हमले हो चुके हैं. एक बार अफगानिस्तान में रहने के दौरान बुगती जिस घर में रुके थे, उसके तीसरे घर में कार ब्लास्ट किया गया था. बाद में पता चला कि वो बुगती की जान लेने के लिए ही था. बुगती कहते हैं कि अभी अगर वो पाकिस्तान चले जाएं तो मार दिए जाएंगे. अफगानिस्तान के पिछले राष्ट्रपति हामिद करजई कई बार अपने देश में बुगती की मौजूदगी को नकार चुके हैं और अब बुगती इंडियन पासपोर्ट की उम्मीद में हैं.

bugti


मार्केट में रॉबिनहुड वाली इमेज

बुगती इस समय स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं. उनके पास कोई नौकरी नहीं है, फिर भी उनका गुजारा बहुत अच्छी तरह से होता है, क्योंकि बलूचिस्तान के जिस ट्राइब्स से वो आते हैं, वो अमीरों में गिनी जाती है. वो रॉयल फैमिली से हैं और अभी जिनेवा में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. उनके साथी बताते हैं कि ऐसी सिचुएशन में भी वो गरीबों की और बलूचिस्तान में जरूरतमंदों की जितनी मदद कर पाते हैं, करते हैं. वो असल मायने में हीरो हैं. इस समय उन्हें किसी चीज की जरूरत है तो वो है शरण. एक पासपोर्ट की, जिससे वो अमेरिका जाकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सामने अपनी समस्या रख सकें.


बलूचिस्तान की क्या है स्थिति

बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा है. यहां तकरीबन 80 लाख लोग रहते हैं. ग्वादर और तुरबत जैसे शहर इसी के अंदर हैं. ये अफगानिस्तान, ईरान और अरब सागर से घिरा हुआ है. 1839 में अंग्रेजों के हाथ आया बलूचिस्तान 1947 में पाकिस्तान के खाते में आ गया. कुछ इतिहासकार बताते हैं कि तब के शासक से जबरन साइन करवाकर बलूचिस्तान को पाक में शामिल कर दिया गया था. तब से इसकी आजादी की लड़ाई चली आ रही है.

ये भी पढ़ें:


मोदी ने जिस बलूचिस्तान की बात की, वो लफड़ा क्या है?

नरेन्द्र मोदी का सन्देश: कश्मीर का राग छोड़ो, तुम दे के रहोगे बलूचिस्तान

इस यंग लीडर ने खोल दी पाकिस्तानी आर्मी की पोल

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement