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जो काम गहलोत नहीं करना चाह रहे थे, वो खड़गे ने एक रात में कर दिया!

उदयपुर में कांग्रेस की चिंतन शिविर में यह फैसला लिया गया था कि एक नेता दो पद पर नहीं रह सकता है.

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Mallikarjun Kharge Ashok Gehlot
मल्लिकार्जुन खड़गे और अशोक गहलोत (फाइल फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
1 अक्तूबर 2022 (Updated: 1 अक्तूबर 2022, 02:09 PM IST)
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. खड़गे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है. कांग्रेस की 'एक नेता एक पद' की नीति के तहत उन्होंने यह कदम उठाया है. इस साल मई में उदयपुर में कांग्रेस की चिंतन शिविर में यह फैसला लिया गया था कि एक नेता दो पद पर नहीं रह सकता है.

खड़गे के बाद नाम पर अटकलें शुरू

खड़गे के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह विपक्ष के नेता के रेस में हैं. वरिष्ठता के आधार पर राज्यसभा में पी चिदंबरम कांग्रेस के सबसे सीनियर नेता हैं. उनके बाद दिग्विजय सिंह आते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है. इसके लिए मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और केएन त्रिपाठी मैदान में हैं. इससे पहले दिग्विजय सिंह और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी अध्यक्ष पद की रेस में थे. हालांकि दोनों ने बाद में अपने नाम वापस ले लिए. खबरें आईं कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद भी नहीं छोड़ना चाहते हैं. अध्यक्ष पद के लिए उनकी घोषणा के बाद से ही राजस्थान में सीएम पद के लिए गुटबाजी शुरू हो गई थी. इसके बाद ही गहलोत ने खुद को अध्यक्ष पद की रेस से अलग कर लिया.

खड़गे को दिग्विजय सिंह का समर्थन

कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के आखिरी दिन यानी 30 सितंबर को दिग्विजय सिंह ने भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की. उन्होंने खड़गे का समर्थन करते हुए कह दिया कि वे उनके प्रस्तावक बनेंगे. अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव दिग्विजय सिंह के अलावा अशोक गहलोत, प्रमोद तिवारी, एके एंटनी, पवन कुमार बंसल और मुकुल वासनिक ने किया था. 

वहीं, जी-23 नेताओं पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपिंदर हुड्डा ने भी कहा कि वे मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करेंगे. शशि थरूर भी इसी जी-23 समूह का हिस्सा थे. यह समूह कांग्रेस के उन नेताओं का एक गुट था जिन्होंने पार्टी में जरूरी बदलाव की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. 

अध्यक्ष पद में शामिल उम्मीदवारों से साफ है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गैर-गांधी परिवार का होगा. प्रदेश कांग्रेस कमिटी के 9 हजार से ज्यादा सदस्य 17 अक्टूबर को वोट डालेंगे. 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी.

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