facebookMadhya Pradesh Sukhoi 30 and Mirage aircraft crash near Morena
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एयरफोर्स के लड़ाकू विमान सुखोई और मिराज 2000 क्रैश, एक पायलट की मौत

दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी.
Fighter plane crash in morena
क्रैश के बाद की तस्वीरें (फोटो- इंडिया टुडे)
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मध्य प्रदेश के मुरैना में दो लड़ाकू विमान हादसे (Fighter Jet Crash) का शिकार हो गए. भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट सुखोई-30 और मिराज 2000 क्रैश हुए हैं. इस क्रैश में मिराज के एक पायलट की मौत हो गई. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी जहां ट्रेनिंग चल रही है. बताया जा रहा है कि सुखोई-30 मुरैना के पहाड़गढ़ में क्रैश हुआ और मिराज राजस्थान के भरतपुर में जाकर गिरा. हादसे की जो तस्वीरें आई हैं वो काफी भयावह हैं. दुर्घटना वाली जगहों पर विमान के पार्ट्स बिखरे पड़े हैं और आग की लपटें उठती दिख रही हैं.

हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. विमानों में सवार दो पायलट सुरक्षित हैं. भारतीय वायुसेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक क्रैश के दौरान सुखोई-30 विमान में दो पायलट और मिराज 2000 में एक पायलट थे. वायुसेना ने अपने बयान में कहा था कि एक पायलट को गंभीर चोट आई. हालांकि उस वक्त पायलट के निधन की जानकारी नहीं दी गई थी.

अभी तक क्रैश की वजह सामने नहीं आई है. मुरैना के एसपी आशुतोष बागरी ने इंडिया टुडे को बताया कि यह हादसा सुबह करीब साढे़ पांच बजे हुआ. हादसे के दौरान जो दो पायलट विमान से सुरक्षित निकले, उन्हें हल्की चोट आई है. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि प्रशासन को राहत कार्यों में सहयोग के लिए कहा गया है. उन्होंने लिखा, 

"मुरैना के कोलारस के पास वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है. मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव और राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं. विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं."

दोनों विमान भारतीय वायुसेना के बेहतरीन फाइटर जेट माने जाते हैं. फरवरी 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के लिए मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का ही इस्तेमाल हुआ था. इसके अलावा कारगिल युद्ध में भी इस विमान ने काफी निर्णायक भूमिका निभाई थी. रफाल बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन ने ही मिराज को भी बनाया. 1980 के दशक में पहली बार विमान खरीदने के बाद इसे कई बार अपग्रेड भी किया गया. मिराज 2495 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश के एडीजी आदर्श कटियार ने बताया कि यह अभी तक साफ नहीं है कि दोनों विमानों के टकराने की वजह से ये क्रैश हुआ है या नहीं. वायुसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विमान क्रैश के बारे में जानकारी दी गई है.


वीडियो: इंडियन एयर फोर्स की एयर स्ट्राइक में इस्तेमाल हुआ मिराज 2000 इतना ख़ास क्यों है?


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